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स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)

26 अगस्त 2022

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     स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)

   स्‍क्रोफोलोसोस-10, एस-1 एंव एफ-1 से मिलती जुलती औषधिय है, अत: कहॉ जाता है कि जब इन दोनों औषधियों को देने की अवश्‍यकता हो तब एस-10 को दिया जा सकता है, परन्‍तु इसमें मिश्रित औषधिय पौधों पर ध्‍यान से देखे तो आप को यह तो समक्ष में आ जाता है कि इस औषधी में एस-1 एंव एफ-1 के बहुत से पोधों को लिया गया है परन्‍तु सभी में नही इसलिये हम कह सकते है कि यह एस-1 एंव एफ-1 के मध्‍य की औषधी है ।

क्र0

औषधिय पौधों के नाम

उपयोग मात्रये

उपयोग मात्रये

उपयोग मात्रये

 

 

एस-10

एफ-1

एस-1

1

AESCULUS  HIPPOCASTANUM 

10

10

---

2

 CETRARIA  ISLANDICA

10

5

 

3

 CINCONA  SUCCIRUBA

10

20

----

4

 COCHLERIA  OFFICINALIS

10

-----

10

5

HYDRASTIS  CANADENSIS

10

------

10

6

NASTURTIUM  OFFICINALE

10

-----

----

7

SUMBUCUS  NIGRA

10

5

----

8

SMILAX  MEDICA

10

-----

10

9

TUSSILAGO  FAREFARA

10

-----

10

10

VERONICA  OFFICINALIS

10

-----

10

11

BERBERIES  VHLGARIS

10

10

----

12

 SCROFULARIA  NODOSA

20

-----

10

13

SALIX  ALBA

20

10

---

14

 CINCONA  CALISAYA

20

25

----

15

ERYTHREA  CENTAURIUM

20

15

----

16

ACONITUM  NAPELLUS

-----

20

---

17

CHAMOMILLA

---

---

10

18

NASTURTIUM  OFFICINALE

----

-----

10

19

NUXVOMICA

-----

-----

10

20

 

 

 

 

 

यह औषधी एस वर्ग की औषधीयों में एस-1 के बाद सबसे बडी औषधी है अत: कहने का अर्थ है इसका कार्य क्षेत्र एस-1 एंव एफ-1 की तरह है चूंकि इसमें एस-1 एंव एफ-1 के पौधे सम्‍मलित है । जैसाकि एस वर्ग की औषधियॉ शरीरिक अवयवों के कफज अंगों पर कार्य करती है, परन्‍तु यह औषधी मस्तिष्‍क से सम्‍बन्‍ध रखने वाले वात संस्‍थान (नर्वस तंत्र) तथा नाडी संस्‍थान पर कार्य करती है ।

नर्वस सिस्‍टम:- स्‍क्रोफोलोसोस सिम्‍फाईटिक नर्व पर कार्य करती है, इसलिये पागलपन, हिस्‍टीरिया, मिर्गी, वातज पीडा, मस्तिष्‍क के रोग, सिर र्दद, आधा शीशी का र्दद आदि रोगों में प्रयोग की जाती है ।

श्‍वसन तंत्र :- इस औषधिय का प्रभाव श्‍वसन तंत्र के वातज सूत्रों पर होने से खॉसी, जुखाम, कफ जनित रोगों, बदबूदा सडा हुआ कफ निकलना, दमा रोग, एंव पुरानी से पुरानी खॉसी में पी ग्रुप की औषधियों के साथ में प्रयोग की जाती है ,निमोनिया, टांसिल, गले के रोग, नये पुराने जुखाम में, छींके आना, गले में र्दद, गले के सभी तरह के श्‍वसनतंत्र के रोगों में अपनी पूरक औषधियों के साथ प्रयोग की जाती है ।  त्‍वचा सूत्रों पर प्रभावी होने के कारण यह

बुखार एंव त्‍वचा रोग:- त्‍वचा रोगों में, ल्‍युकोडर्मा, फोडा आदि में, अपनी सहायक औषधियों के साथ प्रयोग की जाती है , त्‍वचा में पसीना रूक गया हो तो इसके प्रयोग से पसीना आने लगता है, जब कभी बुखार की स्थिति में जब शरीर से पसीना न निकलता हो एंव रोगी का बुखार न उतर रहा हो तो इसके प्रयोग से पसीना आने लगता है एंव शरीर का तापक्रम धीरे धीरे कम होने लगता है इसके साथ बुखार में प्रयोग की जाने वाली अन्‍य औषधियों का भी प्रयोग किया जा सकता है जैसे एफ ग्रुप वाई0 ई0 वर ग्रुप जैसे औषधियॉ जो रोग स्थिति पर निर्भर करती है, बुखार किसी भी प्रकार का हो खसरा, चेचक, वायरल फीवर, या हैजा , मलेरिया , सामान्‍य बुखार, किसी बीमारी की स्थिति में होने वाला बुखार आदि में इसका प्रयोग अपनी सहायक, एंव पूरक औषधियों के साथ कर उचित परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है ।  

पांचन तंत्र :- इस औषधिय का विशेष प्रभाव डाईजेटिव सिस्‍टम, सोरल फैलेक्‍सेस या अमाश्‍य के पाचन अंगों के वात सूत्रों पर होने से यह पाचन से सम्‍बधित समस्‍त प्रकार के रोग जैसे भोजन का न पचना, भूंख न लगना , दस्‍त लगना, पुराने से पुराना दस्‍त , पेचित, खूनी ऑव, छाती में जलन , खट्ठी डकारे आना,  बिना पचा भोजन का दस्‍तों के माध्‍यम से निकल जाना, उल्‍टी, अजीर्ण,पेट में गैस का बनाना  आदि में इसका प्रयोग अपनी अन्‍य सहायक औषधियों के साथ किया जाता है, यह औषधी आंतों को सक्‍क्षम एंव बलवान बनाती है, यह पाचन रस डायजेस्टिव जूस का निर्माण करती है । एस-1 लसिका वाहनी एंव कफज अवयवों की दवा है , परन्‍तु एस-10 वात सूत्र तथा उसके समूह की दवा है । यह दवा रक्‍त को शुद्ध करती है एंव शारीरिक शक्ति को बनाये रखती है । अत: हम कह सकते है कि यह औषधी पाचन से सम्‍बधित समस्‍त रोगों में अच्‍छा कार्य करती है । पाचन तंत्र से सम्‍बधित कुछ बीमारीयॉ ऐसी भी होती है जिसमें कभी कभी रोगी को कब्‍ज रहना कभी पानी की तरह से दस्‍त होना, पेट में र्दद रहना आदि में अपनी सहायक एंव पूरक औषधियों के साथ प्रयोग करने से अच्‍छे परिणाम मिलते है जैसे कब्‍ज में एस लास, वाई0ई0 के साथ प्रयोग करने पर आशातीत परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है । पेट र्दद में एस-10 के साथ डब्‍लू0ई0 का प्रयोग करने से अच्‍छे रिजल्‍ट मिलते है ।

महामारी से बचाव :- यह दवा समस्‍त प्रकार के महामारीयों से सुरक्षित रखती है ,जापान में जब हैजा फैला था उस समय इसने बहुतों को उक्‍त महामारी से सुरक्षित रखा था, इसी लिये इस दवा का नाम स्‍क्रोफोलोसो जियापुन पडा  । यह दवा एन्‍टीबैक्‍टेरिया प्रोपरिटी होने के कारण यह किसी भी प्रकार के रोगजन्‍य बैक्‍टेरिया को खत्‍म कर देती है रोगजन्‍य बैक्‍टेरिया चाहे शरीर के अंतरिक अंगों में हो या फिर रक्‍त में यह सभी प्रकार के बैक्‍टेरिया को शरीर से बाहर निकाल देती है । यह दवा एन्‍टी आक्‍सीडेन्‍ट भी है , एव यह दवा हैजा,प्‍लेग, कैंसर विशूचिका, जैसी महामारी से सुरक्षित रखती है ।

अन्‍य रोगों में :- प्रजनन तंत्र के रोग, गर्भाश्‍य का टेडा पड जाना, माहवारी में परेशानी आदि में सी-1 के साथ प्रयोग करने से उचित परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है । यह स्‍त्रीयों के गर्भाश्‍य में अच्‍छा कार्य करती है । खूनी बबासीर हो या बादी दोनों प्रकार के बबासीर में यह अपनी सहायक औषधियों जैसे खूनी बबासीर में बी0ई0 एंव ए-2 के साथ, एंव बादी बबासीर में जी0ई0 तथा ए-2 के साथ प्रयोग करने से  अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है । नशा करने बाले तम्‍बाखू, अफीम, पारा, आदि के प्रभावों को कम करती है । यह दवा बलवर्द्धक एंव बैक्‍टेरिया को मारती है ,प्‍लेग, विशूचिका, कैंसर के फोडे आदि को सुरक्षित रखती है , बाई रोग, जुखाम, इंफ्ल्‍युन्‍जा, टायफाईड, ज्‍वर , मिर्गी ,सिर में पीडा, आधा शीशी का र्दद , ऐठन,प्‍लीहा, यकृत का बढ जाना, पेट र्दद किसी भी वजह से हो चाहे वह किडनी की सूजन , पथरी के कारण , गैस बनने की वजह से हो , या अपच के कारण हो, सिर में र्दद, माईग्रेन, कान का र्दद, यह दवा भूंख की कमी ,रक्‍त की कमी, को दूर करती है , एंव हार्मोनल इन बैलेंस को अपनी सहायक औषधियों के साथ ठीक करती है । यह र्दद नाशक दवा है, धमनियों के र्दद, पित्‍ताश्‍य के शूल का र्दद आदि में ।

डायल्‍युशन का प्रयोग:- प्रथम डायल्‍युशनका प्रयोग आंतों पर अच्‍छा कार्य करती है , उल्‍टी, दस्‍त, बबासीर , खूनी दस्‍त, मांसपेशियों के र्दद , सेन्‍ट्रल नर्वस सिस्‍टम पर प्रभावी होने से बेहोशी आदि में प्रयोग की जाती है ।

दूसरा डायल्‍युशन :- पुराने दस्‍त , दस्‍तों में खून आना , त्‍वचा रोगों में

तीसरा डायल्‍युशन :- बुखार, टाईफाईड, चिकिनगुनिया, डेगू, तंत्रिका तंत्र के रोग , स्‍पाईनल कार्ड की समस्‍याये ,नीद न आना , सिर में र्दद , उल्‍टी होना । खाने को पचाने के लिये एस-1 खाने से पहले दे एंव खाने के बाद एस-10 देने से खाने आसानी से पच जाता है ,गर्भश्‍य में गांठ या फोडा आदि में प्राय: तीसरे डायल्‍युशन का प्रयोग पुराने व नये रोगों में भी किया जा सकता है ।

अनुभव:- एस-10 डब्‍लू0 ई0 का प्रथम डायल्‍यूशन हर दस्‍त के बाद देने से दस्‍त में आराम मिल जाता है ।

  डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल

    बी0 एच0 एम0 एस0, एम0 डी0 (ई0)

   जन जागरण चैरीटेबिल हॉस्पिटल

   हीरो शो रूम के बाजू बाली गली नर्मदा बाई स्‍कूल

   बण्‍डा रोग मकरोनिया सागर म0प्र0

   खुलने का समय 10-00 से 4-00 बजे तक

    मो0-9300071924

   मो0 9926436304

F:\CHANDEL (H)\electro homeopathic\ELECTRO Book\EH Book New 2021

 

        

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                                                         स्‍क्रोफोलोसो-1 इस दवा को निम्‍न पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है । औषधिय पौधों के नाम जिन से यहाँ दवा बनाई  ग

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स्‍क्रोफोलोसो-2

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      स्‍क्रोफोलोसो-2       इस दवा को निम्‍न पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है । इस औषधी का सर्वप्रथम प्रभाव मूत्राश्‍य पर तत्‍पश्‍चात किडनी पर एंव गालब्‍लेडर होता है ।

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स्क्रोफोलोसोस-3

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      स्क्रोफोलोसोस-3   इस दवा का प्रभाव त्‍वचा एंव सेंसरी नर्व अर्थात संवेदनशील नर्व पर होने से यह त्‍वचा रोग एंव संवेदन शील नसों पर कार्य करती है , यह स्‍पर्श शक्ति को उत्‍तेजित करती है ,

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स्‍क्रेाफोलोस-5

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  स्‍क्रेाफोलोस-5     स्‍क्रोफोलोसो-5 स्‍क्रोफोलोसो-5 में निम्‍न औषधिय पौधों को मिश्रित कर बनाई गयी मूल औषधिय है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1  BERBERIS VULGARIS 20

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स्‍क्रोफोलोसोस-6

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                   स्‍क्रोफोलोसोस-6   स्‍क्रोफोलोसोस-6  निम्‍न औषधिय पौधों से मिश्रित कर निमिर्त की गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में       1  COCHLERIA  OFFICI

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स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)

26 अगस्त 2022
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       स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)    स्‍क्रोफोलोसोस-10, एस-1 एंव एफ-1 से मिलती जुलती औषधिय है, अत: कहॉ जाता है कि जब इन दोनों औषधियों को देने की अवश्‍यकता हो तब एस-10 को दिया जा स

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स्‍क्रोफोलोसोस-11 या (माल डी मर)

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     स्‍क्रोफोलोसोस-11 या (माल डी मर) क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 COCHLEARIA  OFFICINALIS 10 2 HYDRASTIS  CANADENSIS   30 3 LOBELIA  INFLATA (Tobacco, Tambakhu)  

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स्‍क्रोफोलोसोस-12 या (मैरीना या मार)

26 अगस्त 2022
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    स्‍क्रोफोलोसोस-12 या (मैरीना या मार) क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 ATROPA  BELLADONNA   10 2 COCHLEARIA  OFFICINALIS  र्स्‍कर्वी घास   20 3 EUPHRASIA  OFFICINAL

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स्‍क्रोफोलोसो लैसेटिवो- या (एस लॉस)

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    स्‍क्रोफोलोसो लैसेटिवो- या (एस लॉस)  क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 GENTIANA  LEUTIA   35 2 ALOES  CAPANCES (Kawar Ghandal, Ghee Kawar)   65   एस लॉस में जेन्‍टी

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एंजियाटिकोज-1

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     एंजियाटिकोज-1    रक्‍त संचार में खराबी, या रूकावट की वजह से लो, या हाई ब्‍लड प्रेसर का होना ,ब्‍लड कम्‍पोजिशन की खराबी की वजह से यूरिया, कैटिनिन, कोलेस्‍टाईल का बनना ,हिद्रय का टॉनिक

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     एंजियाटिकोज -2   रक्‍त संचार की खराबी की वजह से उत्‍पन्‍न हिद्रय सम्‍बन्धित समस्‍याये, यह दवा हिद्रय के दाहिने भाग पर प्रभावी तथा वेन पर कार्य करती है, वेन या शिराओं का कार्य अशुद्ध रक्‍

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एंजियाटिकोज -3

26 अगस्त 2022
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   एंजियाटिकोज -3      इस औषधी का निर्माण निम्‍न औषधीय पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 ARNICA  MONTANA (Brinjasik)  

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लिंफैटिको-1 Linfatico-1(Lymphmittel-1)

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   लिंफैटिको-1 Linfatico-1(Lymphmittel-1)        लिफैटिको-1 दवा के निर्माण में निम्‍न औषधीय पौधों को एक निश्चित अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये

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कैंसरोसोज-1

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       कैंसरोसोज-1   इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 RHUS  TOXICODENDRON   20 2 CAULOPHYL

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कैंसरोसोज-2 या सी-2

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       कैंसरोसोज-2 या सी-2    इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   30 2 EQ

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कैंसरोसोज-3

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        कैंसरोसोज-3      इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM

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कैंसरोसो-4 (C-4)

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     कैंसरोसो-4 (C-4)   इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है ।     क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   40

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कैंसरोसो-5

26 अगस्त 2022
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       कैंसरोसो-5   इस औषधिय का कार्य क्ष्‍ेात्र विस्‍तृत है, सभी तरह के रोगों इसका प्रभाव में 90 प्रतिशत तक है । यह सैल्‍स एंव टिश्‍यूज रिमेडिज दवा है , इस दवा का प्रभाव समस्‍त ग्रथियों के सैल्‍स ए

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स्‍क्रोफोलोसोस-6डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल , बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0

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                   स्‍क्रोफोलोसोस-6   स्‍क्रोफोलोसोस-6  निम्‍न औषधिय पौधों से मिश्रित कर निमिर्त की गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में       1  COCHLERIA  OFFICI

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स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)

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       स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)    स्‍क्रोफोलोसोस-10, एस-1 एंव एफ-1 से मिलती जुलती औषधिय है, अत: कहॉ जाता है कि जब इन दोनों औषधियों को देने की अवश्‍यकता हो तब एस-10 को दिया जा स

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कैंसरोसोस-13

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    कैंसरोसोस-13   कैंसरोसोस-10 में प्रयुक्‍त औषधीय पौधे व उनकी मात्रायें निम्‍नानुसार है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 RHUS  TOXICODENDRON  25 2 VINCETOXICUM  OFFICINALE  20 3

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कैंसरोसो-15 (सी-15) या लार्ड-1

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     कैंसरोसो-15  (सी-15) या लार्ड-1 कैंसरोसो-15 निम्‍न वनस्पितियों को मिश्रित कर बनाई गयी है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   30 2 MARASDENIA CONDURANGO   30

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कैंसरोसो-17 (सी-17) या सी टी बी

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     कैंसरोसो-17  (सी-17) या  सी टी बी कैंसरोसो-17 निम्‍न वनस्पितियों को मिश्रित कर बनाई गयी है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   15 2 PIMPINELLA  SAXIFRAGE  

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फेब्रीफ्यूगो-1 डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल,बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0 (ई0)

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     फेब्रीफ्यूगो-1   फेब्रीफ्यूगों दवा के निर्माण में निम्‍न वनस्‍पतियों का प्रयोग एक निश्‍चित अनुपात में किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 1.  ACONITE  NAPILLUS (Vatsnabh)

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फेब्रीफ्यूगो-2

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   फेब्रीफ्यूगो-2 क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 AESCULUS  HIPPOCASTANUM   10 2 BERBERIS  VULGARIS 20 3 CETRARIA  ISLANDICA 5 4 CINCHONA  CALISIYA 10 5 CINCHONA  SUCCIRUBRA

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पेट्रोरल्‍स -1 (पी-1)

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     पेट्रोरल्‍स -1 (पी-1)          क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 ADIANTHUM CAPILI VENERIS (Hansraj)   10 2 ALLIUM CEPA (Red Onion, Lal Piyaj) 20 3 EUCALYPTUS  GLOB

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पेट्रोरल्‍स -2 (पी-2)

26 अगस्त 2022
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        पेट्रोरल्‍स -2 (पी-2) पेट्रोरल्‍स -2 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1   ADIANTHUM CAPILI VENERIS (H

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पेट्रोरल्‍स -3 (पी-3)

26 अगस्त 2022
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         पेट्रोरल्‍स -3 (पी-3)  पेट्रोरल्‍स-3 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1 PHELLANDRIUM  AQUATICUM 30

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पेट्रोरल्‍स -4 (पी-4)

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         पेट्रोरल्‍स -4 (पी-4)       पेट्रोरल्‍स-4 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1   ADIANTHU

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ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी ( हरी बिजली)

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   ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी ( हरी बिजली)   ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी निम्‍न औषधिय पौधों से संगठन से बनाई गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 ALTHEA OFFICINALIS   10 2

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रेड इलैक्‍ट्री सिटी (लाल बिजली)

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      रेड इलैक्‍ट्री सिटी (लाल बिजली) लाल इैक्‍ट्रीसिटी एक धनात्‍मक बिजली है अत: इसका प्रयोग शरीर के ऋणात्‍मक भागों मे व रोगों में किया जाता है, यह कफ प्रकृति वालों के अनुकूल है, परन्‍तु रोग स

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ब्‍लू इलैक्‍ट्री सिटी (नीली बिजली)

26 अगस्त 2022
2
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    ब्‍लू इलैक्‍ट्री सिटी (नीली बिजली)   इसका प्रभाव रक्‍त संचालन की धमनियों पर है जो शुद्ध रक्‍त को लेकर हमारे सम्‍पूर्ण केशिकाओं में रक्‍त का वितरण करती है, यह एक घनात्‍मक इलैक्‍ट्रीसिटी है,

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पीली बिजली डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0 (ई0)

26 अगस्त 2022
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      पीली बिजली   पीली बिजली नेगेटिव दवा है अत: इसका प्रयोग धनात्‍मक बीमारीयों में एंव शरीर के धनात्‍मक स्‍थानों पर किया जाता है, अत: जब कभी उत्‍तेजना चाहे वह शरीरिक हो या मानसिक हो तब इसके  प

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सफेद बिजली (व्‍हाईट इलैक्‍ट्रीसिटी)

26 अगस्त 2022
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    सफेद बिजली (व्‍हाईट इलैक्‍ट्रीसिटी)   यह ए‍क न्‍यूट्रल इलैक्‍ट्रीसिटी है अत: इसका प्रयोग सभी तरह के रोगो तथा किसी भी प्रकृति में की जा सकती है । यह शरीर की कमजोरी को दूर कर शरीर को बलवान बन

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सिन्‍थेसिस (एस वाई)

26 अगस्त 2022
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    सिन्‍थेसिस  (एस वाई) इस कम्‍पाऊंड औषधी में निम्‍न आठ दवाओं को समान मात्रा में मिश्रित कर बनाया गया है । एस-1,ए-3, एफ-1, सी-1, एल-1, पी-2, वेन-1, वर-1 यह औषधी शरीर के सभी संस्‍थानों पर कार्य कर

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अकुआ पर ला पेली APP

20 नवम्बर 2022
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अकुआ पर ला पेली APP इस औषधी में उपयोग की जाने वाली वनस्‍पतियों का विवरण निम्‍नानुसार है क्र0 औषधिय पौधे अन्‍य नाम मात्रा उपयोग 1 ARNICA MONTANA बुल्फ्रस वैन, लेपछर्डस वैन,माउटेन तम्बाखू 10

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