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लिंफैटिको-1 Linfatico-1(Lymphmittel-1)

26 अगस्त 2022

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 लिंफैटिको-1 Linfatico-1(Lymphmittel-1)

      


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लिफैटिको-1 दवा के निर्माण में निम्‍न औषधीय पौधों को एक निश्चित अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है ।


क्र0

औषधिय पौधों के नाम

उपयोग मात्रये

1

ECHINACEA ANGUSTIFOLIA

 

10

2

 ERYTHRAEA CENTURIUM

 

10

3

FUCUS VESICULOSIS

 

10

4

 HUMULUS  LUPULUS

 

20

5

 MENYANTHUS  TRIFOLIATA

 

20

6

 OXALIS  ACETOCELLA

 

20

7

 PULMONARIA OFFICINALIS

 

10

8

 SIMARUBA  AMARA

 

10


 

 

 

     यह औषधिय एस और ए वर्ग के बीच की औषधिय, अत: रक्‍त एंव रस दोनों के कार्यो में आई खराबी व असमानता को दूर करती है एंव उन्‍हे अपनी स्‍वाभाविक अवस्‍था में लाती है ,अत: हम कह सकते है कि यह रक्‍त एंव रस को शुद्ध करती है, तथा वात पित एंव कफ की अवस्‍था को समान करती है ,  भोजन पचकर जब रस बन जाता है तब इस औषधीय का कार्य आरम्‍भ होता है, रक्‍त और रस(लिम्‍फ) हमारे शरीर में निरंतर प्रभावित होता रहता है । जैसे रक्‍त या  रस के संगठन उसके कार्यो में या उनकी बनावट, संरचना आदि में कोई खराबी आ जाये या कम अधिक बनने लगे जिससे शारीरिक क्रियाओं में असमानता आने लगती है और व्‍यक्ति बीमार होने लगता है, रस व रक्‍त का सही होना व उचित रूप से काम करना हमारे स्‍वस्‍थ्‍य के लिये अति आवश्‍यक है, प्राय: अधिकाश बीमारीयॉ इन्‍ही दोनों के बिगडने से होती है । विव्‍दवान चिकित्‍सकों का अभिमत है कि यह रोग के ठीक होने के बाद शक्तिवद्धक का कार्य करती है । यह रक्‍त रस दोनो पर तो कार्य करती ही है परन्‍तु यह रक्‍त शोधक भी है ,

हर्मोंस :- लिम्‍फ की वजह से हर्मोंस का सिकरेशन उचित तरीके से नही होता, इससे हर्मोनलस इन बैलेंस होने लगता है जिसकी वजह से थाईराईड ग्‍लैड , प्रभावित होती है हर्मोस का सही तरीके से कार्य न करने के कारण बच्‍चों का शारीरिक विकाश नही हो पाता, उनका बजन नही बढता ,लम्‍बाई नही बढती , बच्‍चों की इस समस्‍या के लिये इस औषधीय के साथ इसकी सहायक औषधियों के प्रयोग जैसे सी-4 एस-1 या अन्‍य निर्देशित औषधियों के साथ प्रयोग करने से अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है , हार्मोनल इन बेलेंस की वजह से महिलाओं में चहरे पर बाल निकलने लगते है । हार्मोस का सही ढंग से कार्य न करने के कारण जो भी बीमारीयॉ होती है जैसे बच्‍चें का विकास न मोटापा ,स्‍त्रीयों या बच्‍चीयों में स्‍त्री सुलभ अंगों का विकास न होना , कई प्रकार की मानसिक अवस्‍थाये ,या मानसिक विकिृतियॉ जो हार्मोस की वजह से हो उसमें इसका प्रयोग अपनी सहायक औषधियों के साथ करने से अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है ।

इस औषधिय का प्रभाव रक्‍त के आर बी सी एंव डब्‍लू बी सी पर होने से अधिकाश रोग इस औषधिय की सीमा में आ जाते है , इस औषधिय का प्रभाव विशेषरूप से शैल्श्मिक कलॉ अर्थात म्‍युकस मैम्‍बरेन पर होता है ,अत: ग्रन्‍थी ग्‍लैन्‍ड पर होन से यह पुरूषों के नामर्दी रोग में अपनी सहायक औषधिये वेन और आर ई  के साथ प्रयोग की जाती है ।

इस औषधिय का प्राकृतिक गुण अम्‍ल नाशक है , इसलिये यह पाचन क्रिया पर अपना प्रभाव रखती है , एंव अमाशय के कायों का उचित कार्य न करने की वजह से भोजन का ठीक से न पचना, अपच , खटटी डकारे, आदि में अपनी सहायक औषधियों के साथ उपयोगी है, चूंकि हमारा लीवर खाना पचाने का कार्य करता है, यदि लीवर ठीक से कार्य न करे तो हमारा खाना नही पचेगा एंव दुषित पर्दाथ शरीर से बाहर नही निकल पायेगे , शरीर में दूषित पदार्थो के कारण शरीर में टयूमर, सिस्‍ट, गांठे आदि बनने लगते है । लिम्‍फ के अशुद्धी की वजह से थाईराईड की समस्‍या उत्‍पन्‍न होने लगती है , जिससे बजन बढने लगता है , यदि लिम्‍फ सही तरीके से काम करता है तो बजन अपने आप घटने लगता है , लिम्‍फ के सही तरीके से काम न करने के कारण कई प्रकार की समस्‍याये उत्‍पन्‍न होने लगती है इसकी वजह से महिलाओं में बांझपन , पुरूषों में नमर्दी , या र्स्‍पम काउन्‍ट कम या कमजोर होना या न बनना, इंपोटेन्‍सी की समस्‍या, आदि समस्‍याये उत्‍पन्‍न होने लगती है । इसके साथ ही महिलाओं में माहवारी की समस्‍या , या प्रदर में दुर्धन्‍ध का आना ,लिकोरिया, यूटीआई की समस्‍या, आदि उत्‍पन्‍न होने लगती है ।

लिम्‍फ के सही तरीके से कार्य न करने के कारण हार्मोस प्रभावित होते है इससे बुजुर्गो में प्रोस्‍टेट का बढना या सुकड जाना बार बार पेशाब होना या पेशाब का रूक जाना आदि समस्‍याये होती है ऐसी अवस्‍था में इसका प्रयोग अपनी सहायक औषधियों जैसे वेन-1 , सी-17 या अन्‍य के साथ करने पर बहुत ही अच्‍छे परिणाम मिलते है ।  इस औषधिय का प्रभाव समस्‍त लसिका संस्‍थान एंव कोषा विशेष संस्‍थान पर है । यह लिम्‍फ को तैयार करती है एंव उसे उचित स्‍थान तक पहुंचाती है । भोजन पच कर जब रस बन जाता है तब इस दवा का कार्य प्रारम्‍भ होता है । उन रोगों में जो रस को सोखने वाले और लसिका वाहिनी और मूत्र संस्‍थान से सम्‍बन्‍ध रखते हो ,श्‍लैष्मिक कलाओं (म्‍युकस मैम्‍बरैन) ,गृन्थियों ,ग्‍लैन्‍ड पर इसका विशेष प्रभाव होता है, यह रस और रक्‍त दोनों के लिये बलवद्धर्क एंव रक्‍त शोधक की तरह कार्य करता है । छाती की पीडा, श्‍वास कष्‍ट , नजला, दमा , ग्रन्थियों की सूजन या उसका कडा हो जाना ,त्‍वचा पर जीवित वस्‍तु का रेंगता हुआ सा प्रतीत होना , सूखी खुजली, दॉतो का नासूर , घेघा ,गठिया, पागलपन के दौरे , बबासीर चाहे खूनी हो या बादी इसका प्रयोग अपनी सहायक औषधियों के साथ करने पर बहुत ही अच्‍छे परिणाम मिलते है ।  हाथ पैरो में अधिक पसीना आना , मांसपेशियों की कमजोरी ,बच्‍चों में कम्‍पन्‍न रोग , व सूखे रोगों में ,यह दवा एस ग्रुप और ए ग्रुप के बीच की औषधिय है अत: यह रक्‍त एंव रस (लिम्‍फ) दोनों को शुद्ध करती है और दोनों के कार्यो में आई असमानता को दूर करती है , जैसा कि पहले ही कहॉ गया है कि यह औषधिय बलवद्धर्क, बच्‍चों के शारीरिक विकाश में सहयोग करती है इसके साथ ही यह स्‍मरण शक्ति को भी बढाती है । बुखार किसी भी प्रकार का हो चाहे ठण्‍ड दे कर आये या अंतर देकर आने वाला बुखार जिसे पारी से आने वाला बुखार भी कहते है इसमें भी यह औषधिय अपनी सहायक औषधियों वाई ई एंव वर के साथ प्रयोग करने से अच्‍छे परिणाम देती है । यह दवा एस ग्रुप ऐव ए ग्रुप के बीच की औषधिय है इसीलिये यह रक्‍त एंव रस दोनो को शुद्ध करती है उनके कार्यो की असमानता को ठीक करती है इसीलिये यह बात, पित, कफ की अवस्‍था को समान करती है ।

 डायल्‍युश्‍न का प्रयोग:- पहला डायल्‍युशन का प्रयोग ग्‍लैडस के कम काम करने पर उसे उत्‍तेजित करता है एंव उसके कार्यो की गति का बढा देता है, फोडा, फंसी, को फोडता है, शरीर के किसी भी अंग त्‍वचा के नीचे गांठ , गुमड हो तो उसे निकाने में मदद करता है शरीर से दूषित पदाथों को निकालने में, पसीना रूक गया हो तो उसे निकालती है गठिया रोग , बात रोग , जोडों में र्दद , याददास्‍त की कमी ,आदि में

दूसरा डायल्‍युश्‍न :- ब्रेन की सूजन , माहवारी ,टयूमर एंव रक्‍त के बढे हुऐ प्रवाह को कम करती है , कमर र्दद , जीर्ण गठिया रोग , नंपुसकता , एंव जीर्ण रोगों में ।

तीसरा डायल्‍युश्‍न:- ग्‍लेंडस का ज्‍यादा सिकरेशन हो रहा हो जिसकी वजह से प्रोस्‍टेट की कोई भी समस्‍या हो , गर्भाश्‍य में रक्‍त का जमाव होना ,ल्‍युकोरिया, ल्‍युकोर्डमा ,हाथों का पसीजना , स्‍त्रीयों में हार्मोनल खराबी की वहज से चहरे पर बालों का निकलना आदि में यह डब्‍लू बी सी के कणों को बढाता है ।  

  डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल

 बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0 (ई0)

 जन जागरण चैरीटेबिल हॉस्पिटल

 हीरो शो रूम के बाजू बाली गली नर्मदा बाई स्‍कूल

 बण्‍डा रोग मकरोनिया सागर म0प्र0

 

  मो0 9926436304

हमारे यहॉ इलैक्‍ट्रो होम्‍योपैथिक के ओरिजनल डायल्‍युशन 30 ml में उपलब्‍ध है  

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स्‍क्रोफोलोसो-1

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स्‍क्रोफोलोसो-2

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      स्‍क्रोफोलोसो-2       इस दवा को निम्‍न पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है । इस औषधी का सर्वप्रथम प्रभाव मूत्राश्‍य पर तत्‍पश्‍चात किडनी पर एंव गालब्‍लेडर होता है ।

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स्क्रोफोलोसोस-3

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      स्क्रोफोलोसोस-3   इस दवा का प्रभाव त्‍वचा एंव सेंसरी नर्व अर्थात संवेदनशील नर्व पर होने से यह त्‍वचा रोग एंव संवेदन शील नसों पर कार्य करती है , यह स्‍पर्श शक्ति को उत्‍तेजित करती है ,

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स्‍क्रेाफोलोस-5

26 अगस्त 2022
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  स्‍क्रेाफोलोस-5     स्‍क्रोफोलोसो-5 स्‍क्रोफोलोसो-5 में निम्‍न औषधिय पौधों को मिश्रित कर बनाई गयी मूल औषधिय है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1  BERBERIS VULGARIS 20

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स्‍क्रोफोलोसोस-6

26 अगस्त 2022
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                   स्‍क्रोफोलोसोस-6   स्‍क्रोफोलोसोस-6  निम्‍न औषधिय पौधों से मिश्रित कर निमिर्त की गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में       1  COCHLERIA  OFFICI

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स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)

26 अगस्त 2022
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       स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)    स्‍क्रोफोलोसोस-10, एस-1 एंव एफ-1 से मिलती जुलती औषधिय है, अत: कहॉ जाता है कि जब इन दोनों औषधियों को देने की अवश्‍यकता हो तब एस-10 को दिया जा स

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स्‍क्रोफोलोसोस-11 या (माल डी मर)

26 अगस्त 2022
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     स्‍क्रोफोलोसोस-11 या (माल डी मर) क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 COCHLEARIA  OFFICINALIS 10 2 HYDRASTIS  CANADENSIS   30 3 LOBELIA  INFLATA (Tobacco, Tambakhu)  

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स्‍क्रोफोलोसोस-12 या (मैरीना या मार)

26 अगस्त 2022
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    स्‍क्रोफोलोसोस-12 या (मैरीना या मार) क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 ATROPA  BELLADONNA   10 2 COCHLEARIA  OFFICINALIS  र्स्‍कर्वी घास   20 3 EUPHRASIA  OFFICINAL

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स्‍क्रोफोलोसो लैसेटिवो- या (एस लॉस)

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    स्‍क्रोफोलोसो लैसेटिवो- या (एस लॉस)  क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 GENTIANA  LEUTIA   35 2 ALOES  CAPANCES (Kawar Ghandal, Ghee Kawar)   65   एस लॉस में जेन्‍टी

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एंजियाटिकोज-1

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     एंजियाटिकोज-1    रक्‍त संचार में खराबी, या रूकावट की वजह से लो, या हाई ब्‍लड प्रेसर का होना ,ब्‍लड कम्‍पोजिशन की खराबी की वजह से यूरिया, कैटिनिन, कोलेस्‍टाईल का बनना ,हिद्रय का टॉनिक

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एंजियाटिकोज -2

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     एंजियाटिकोज -2   रक्‍त संचार की खराबी की वजह से उत्‍पन्‍न हिद्रय सम्‍बन्धित समस्‍याये, यह दवा हिद्रय के दाहिने भाग पर प्रभावी तथा वेन पर कार्य करती है, वेन या शिराओं का कार्य अशुद्ध रक्‍

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एंजियाटिकोज -3

26 अगस्त 2022
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   एंजियाटिकोज -3      इस औषधी का निर्माण निम्‍न औषधीय पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 ARNICA  MONTANA (Brinjasik)  

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लिंफैटिको-1 Linfatico-1(Lymphmittel-1)

26 अगस्त 2022
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   लिंफैटिको-1 Linfatico-1(Lymphmittel-1)        लिफैटिको-1 दवा के निर्माण में निम्‍न औषधीय पौधों को एक निश्चित अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये

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कैंसरोसोज-1

26 अगस्त 2022
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       कैंसरोसोज-1   इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 RHUS  TOXICODENDRON   20 2 CAULOPHYL

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कैंसरोसोज-2 या सी-2

26 अगस्त 2022
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       कैंसरोसोज-2 या सी-2    इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   30 2 EQ

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कैंसरोसोज-3

26 अगस्त 2022
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        कैंसरोसोज-3      इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM

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कैंसरोसो-4 (C-4)

26 अगस्त 2022
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     कैंसरोसो-4 (C-4)   इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है ।     क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   40

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कैंसरोसो-5

26 अगस्त 2022
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       कैंसरोसो-5   इस औषधिय का कार्य क्ष्‍ेात्र विस्‍तृत है, सभी तरह के रोगों इसका प्रभाव में 90 प्रतिशत तक है । यह सैल्‍स एंव टिश्‍यूज रिमेडिज दवा है , इस दवा का प्रभाव समस्‍त ग्रथियों के सैल्‍स ए

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स्‍क्रोफोलोसोस-6डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल , बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0

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                   स्‍क्रोफोलोसोस-6   स्‍क्रोफोलोसोस-6  निम्‍न औषधिय पौधों से मिश्रित कर निमिर्त की गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में       1  COCHLERIA  OFFICI

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स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)

26 अगस्त 2022
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       स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)    स्‍क्रोफोलोसोस-10, एस-1 एंव एफ-1 से मिलती जुलती औषधिय है, अत: कहॉ जाता है कि जब इन दोनों औषधियों को देने की अवश्‍यकता हो तब एस-10 को दिया जा स

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कैंसरोसोस-13

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    कैंसरोसोस-13   कैंसरोसोस-10 में प्रयुक्‍त औषधीय पौधे व उनकी मात्रायें निम्‍नानुसार है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 RHUS  TOXICODENDRON  25 2 VINCETOXICUM  OFFICINALE  20 3

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कैंसरोसो-15 (सी-15) या लार्ड-1

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     कैंसरोसो-15  (सी-15) या लार्ड-1 कैंसरोसो-15 निम्‍न वनस्पितियों को मिश्रित कर बनाई गयी है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   30 2 MARASDENIA CONDURANGO   30

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कैंसरोसो-17 (सी-17) या सी टी बी

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     कैंसरोसो-17  (सी-17) या  सी टी बी कैंसरोसो-17 निम्‍न वनस्पितियों को मिश्रित कर बनाई गयी है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   15 2 PIMPINELLA  SAXIFRAGE  

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फेब्रीफ्यूगो-1 डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल,बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0 (ई0)

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     फेब्रीफ्यूगो-1   फेब्रीफ्यूगों दवा के निर्माण में निम्‍न वनस्‍पतियों का प्रयोग एक निश्‍चित अनुपात में किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 1.  ACONITE  NAPILLUS (Vatsnabh)

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फेब्रीफ्यूगो-2

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   फेब्रीफ्यूगो-2 क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 AESCULUS  HIPPOCASTANUM   10 2 BERBERIS  VULGARIS 20 3 CETRARIA  ISLANDICA 5 4 CINCHONA  CALISIYA 10 5 CINCHONA  SUCCIRUBRA

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पेट्रोरल्‍स -1 (पी-1)

26 अगस्त 2022
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     पेट्रोरल्‍स -1 (पी-1)          क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 ADIANTHUM CAPILI VENERIS (Hansraj)   10 2 ALLIUM CEPA (Red Onion, Lal Piyaj) 20 3 EUCALYPTUS  GLOB

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पेट्रोरल्‍स -2 (पी-2)

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        पेट्रोरल्‍स -2 (पी-2) पेट्रोरल्‍स -2 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1   ADIANTHUM CAPILI VENERIS (H

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पेट्रोरल्‍स -3 (पी-3)

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         पेट्रोरल्‍स -3 (पी-3)  पेट्रोरल्‍स-3 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1 PHELLANDRIUM  AQUATICUM 30

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पेट्रोरल्‍स -4 (पी-4)

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         पेट्रोरल्‍स -4 (पी-4)       पेट्रोरल्‍स-4 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1   ADIANTHU

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ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी ( हरी बिजली)

26 अगस्त 2022
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   ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी ( हरी बिजली)   ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी निम्‍न औषधिय पौधों से संगठन से बनाई गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 ALTHEA OFFICINALIS   10 2

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रेड इलैक्‍ट्री सिटी (लाल बिजली)

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      रेड इलैक्‍ट्री सिटी (लाल बिजली) लाल इैक्‍ट्रीसिटी एक धनात्‍मक बिजली है अत: इसका प्रयोग शरीर के ऋणात्‍मक भागों मे व रोगों में किया जाता है, यह कफ प्रकृति वालों के अनुकूल है, परन्‍तु रोग स

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ब्‍लू इलैक्‍ट्री सिटी (नीली बिजली)

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      पीली बिजली   पीली बिजली नेगेटिव दवा है अत: इसका प्रयोग धनात्‍मक बीमारीयों में एंव शरीर के धनात्‍मक स्‍थानों पर किया जाता है, अत: जब कभी उत्‍तेजना चाहे वह शरीरिक हो या मानसिक हो तब इसके  प

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सफेद बिजली (व्‍हाईट इलैक्‍ट्रीसिटी)

26 अगस्त 2022
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    सफेद बिजली (व्‍हाईट इलैक्‍ट्रीसिटी)   यह ए‍क न्‍यूट्रल इलैक्‍ट्रीसिटी है अत: इसका प्रयोग सभी तरह के रोगो तथा किसी भी प्रकृति में की जा सकती है । यह शरीर की कमजोरी को दूर कर शरीर को बलवान बन

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सिन्‍थेसिस (एस वाई)

26 अगस्त 2022
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    सिन्‍थेसिस  (एस वाई) इस कम्‍पाऊंड औषधी में निम्‍न आठ दवाओं को समान मात्रा में मिश्रित कर बनाया गया है । एस-1,ए-3, एफ-1, सी-1, एल-1, पी-2, वेन-1, वर-1 यह औषधी शरीर के सभी संस्‍थानों पर कार्य कर

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अकुआ पर ला पेली APP

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अकुआ पर ला पेली APP इस औषधी में उपयोग की जाने वाली वनस्‍पतियों का विवरण निम्‍नानुसार है क्र0 औषधिय पौधे अन्‍य नाम मात्रा उपयोग 1 ARNICA MONTANA बुल्फ्रस वैन, लेपछर्डस वैन,माउटेन तम्बाखू 10

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