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स्‍क्रोफोलोसो-1

19 अगस्त 2022

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                                                       स्‍क्रोफोलोसो-1



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इस दवा को निम्‍न पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है ।


औषधिय पौधों के नाम जिन से यहाँ दवा बनाई  गई है    

COCHLEARIA  OFFICINALIS

 HYDRASTIS  CANADENSIS

MATRICARIA  CHAMOMILLA

NASTURTIUM  OFFICINALIS

SCROPHULARIA  NODOSA

SARSAPARILLA (SMILAX  MEDICA)

STRYCHNOS  NUX VOMICA (Kuchla)

TUSSILAGO  FARFRA

 VERONICA  OFFICINALIS

  इलैक्‍ट्रो होम्‍योपैथिक की यह पहली औषधिय है , जो कि संजीवनी औषधी है लगभग नब्‍बे प्रतिशत रोगों पर यह दवा कार्य करती है । इस दवा का प्रभाव हमारे पाचन तंत्र (अमाश्‍य) पर होता है, यह हमारे मेटाबोलिजम की क्रिया को ठीक करती है खाने से पहले देने पर हमारे पाचन रस जिसे गैस्ट्रिक जूस कहते है बनाती है इससे हमारा भोजन अच्‍छी तरह से पच जाता है एंव हमारे पौष्टिक रस उचित मात्रा में हमारे शरीर के उपयोग हेतु तैयार होते है , अमाश्‍य के ठीक से कार्य न करने से जो भी बीमारीयॉ होती है जैसे खाने का न पचना , गैस बनाना, ऐसिडिटी , अफरा, भूंख न लगना, अपच की वजह से उल्‍टी हो, अमाश्‍य के ठीक से कार्य न करने की वजह से कभी कभी कब्‍ज रहना या फिर दस्‍त लग जाना आदि जैसे समस्‍याओं पर यह अच्‍छा कार्य करती है । खाने से पहले यदि एस-1 लिया जाये तो यह हमारे गैस्ट्रिक जूस का उचित निर्माण करती है एंव हम जो भी खाते है उसे पचाकर उसके पौष्टिक रसों का निर्माण करती है । चूंकि यह दवा कफ प्रकृति के रोगियों की दवा है , परन्‍तु ऐसा नही है कि यह हर प्रकृति के रोगीयों पर कार्य नही करती रोग स्थिति के अनुसार इसका प्रयोग अपनी सहायक औषधियों के साथ कर उचित परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है । चूंकि हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिये हमारे पाचन का उचित होना आवश्‍यक है यदि पाचन ठीक से नही होगा तो हम जो भी खायेगे पियेगे वह हमारे शरीर को नही लगेगा , कहने का अर्थ है जो भी हम खाते या पीते है वह हमारे रक्‍त में एमीनो ऐसिड में परिवर्तित हो कर हमारे शरीर की इकाई छोटी से छोटी कोशिकाओं तक जाता है इससे उनका पोषण होता है एंव मृत कोशिकाओं की जगह अन्‍य जीवित कोशिकाओं का निर्माण होता रहता है । इस लिये सर्वप्रथम हमारे पांचन तंत्र का मजबूत होना हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिये अति आवश्‍यक है । यह दवा हमारे अमाश्‍य को शक्तिशाली या बल प्रदान करती है ,इसलिये हमारे शरीर का पोषण करती है , एंव रक्‍त की कमी तथा हमारे पाचन रसों को स्‍वाभाविक रूप से नियंत्रित करती है , एंव महामारीयों से सुरक्षित रखती है । डॉ0 सिन्‍हा सहाब ने लिखा है कि यदि खाने से पहले प्रतिदिन इसका प्रयोग किया जाये तो यह दवा जहॉ हमे महामारीयों से बचाती है वही पाचन सम्‍बधित समस्‍याओं को ठीक करती है ,शीत से सम्‍बधित होने वाले रोगों , छूत की बीमारीयों से हमारी सुरक्षा करती है , एंव आयु को बढा सकती है, इतना ही नही यह वृद्ध प्राणीयों के लिये तो अमृत के समान है उनकी बढती उम्र की कई समस्‍याओं जैसे पाचन से सम्‍बन्धित समस्‍याये या फिर याददास्‍त की कमी ,कमजोरी होना   जैसी कई समस्‍याओं पर यह रामबाण की तरह से कार्य करती है । पाचन तंत्र के रोगों के अतरिक्‍त इस दवा का प्रभाव शरीर के समस्‍त रस से सम्‍बन्धित रोगों में किया जा सकता है , रस से तात्‍पर्य हमारे शरीर में बहने वाला वह तरल जो रक्‍त को छोड कर सम्पूर्ण शरीर में नियमित प्रभावित होते रहता है वह चाहे भोजन के पश्‍चात बनने वाले तरल रस हो या हार्मोन्‍स ,या अन्‍य केमिकल परिवर्तन सभी रस की श्रेणी में आते है , इस दवा का प्रयोग जब कभी किसी दवा के अधिक सेवन से कोई समस्‍या उत्‍पन्‍न हो गई हो तो यह उसे भी दूर कर देती है । यह दवा नशे के दुष्‍प्रभावों को भी ठीक करतीहै साथ ही यह नशा छुडाने में भी अपनी अहम भूमिका का निर्वाह करती है । किसी भी बीमारी के बाद आई कमजोरी को दूर करती है । शरीर में जमा विजातीय, एंव टाक्‍सीन पदार्थो को मल मूत्र व पसीने के माध्‍यम से बाहर निकाल देती है । इसीलिये इसका प्रयोग टॉक्‍सीन व विजातीय पदार्थ जिसमें पथरी जैसे विजातीय तत्‍वों को भी यह अपनी सहायक औषधियों के साथ प्रयोग करने पर बाहर निकालने में सहायक है । इस दवा का प्रयोग बबासीर व भंगदर जैसे रोगों में इसलिये किया जाता है क्‍योकि बबासीर व भगदर होने का एक मुख्‍य कारण कब्‍ज है । कब्‍ज की वहज से हमारे ऐनस पर जो प्रभाव होता है उससे वहा की वेन फूलने लगती है जो बाद में जा कर बबासीर व भगदर जैसे बीमारीयॉ उत्‍पन्‍न करती है । कब्‍ज को दूर करने के लिये एस लॉस ,वाई ई के साथ या अन्‍य सहायक औषधियों के साथ इसका प्रयोग कर उचित परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है । जैसाकि हमने पहले ही कहॉ है कि इस दवा का प्रयोग लभभग नब्‍बे प्रतिशत रोगों में किया जाता है । इस लिये इसका प्रभाव हमारे शरीर के समस्‍त आवश्‍यक अंगों पर एंव बीमारीयों पर होता है । इस दवा का प्रयोग अन्‍य रोगों पर उस समूह की दवाओं के साथ कर अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है । जैसे श्‍वसनतंत्र के रोग जिसमें सर्दी ,खॉसी , निमोनिया,कफ का बनना, कफ का जमा होना,  नीद न आने पर दिमाकी समस्‍याये जिसमें याददास्‍त का कम होना , चक्‍कर, बेहोशी ,मिर्गी, स्‍त्रीयों में अनियमित मासिकधर्म का होना , पुरूषो में र्स्‍पम काउन्‍ट का कम होना, आंखों के रोग , ऑखों की रोशनी का कम होते जाने पर एस-12 के साथ इसका प्रयोग करना चाहिये । गले की समस्‍या यह दवा भूंख को बढाती है ,दॉतो के र्दद में , नर्व सिस्‍टम की समस्‍याओं में एफ समूह की दवाओं के साथ इसका प्रयोग कर अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है , हार्टफेल्‍योर या हिदयगति के मन्‍द या बन्‍द होने हाथ पैरों के ठंडे पडने पर यह अत्‍यन्‍त लाभाकारी है, इस दवा का प्रभाव त्‍वचा ,नेत्र, नासिका, मुख , छोटी बडी आंत ,फेफडे, लीवर, स्‍वरयत्रं, किडनी , मूत्राश्‍य, श्‍लैष्मिक कला ,ग्र‍िन्‍थयों की सूजन को दूर करती है , वात संस्‍थान के रोगों में अपनी सहायक दवाओं के साथ प्रयोग करने में मदद पहुचाती है ।यह दवा पारा, आसैनिक जैसे विशैले पदार्थो एंव सर्फ बिच्‍छू जैसे विशैले जीव जन्‍तुओं के काटने पर प्रयोग की जाती है चूंकि इस औषधी का प्रभाव हमारे शरीर से विजातीय तत्‍व एंव विष को शरीर से बाहर निकालना है । लकवा ,शरीर में पानी भर जाना , फील पांव, किडनी के रोगों में , त्‍वचा रोग , खुजली, मस्‍से, माईग्रेन, सिरर्दद

डायल्‍युशन का प्रयोग:- प्रथम डायल्‍युशन शरीर के टॉक्‍सीन बाहर निकालती है । लकवा, मिर्गी ,बेहोशी, दौरे का पडना,

दूसरा डायल्‍युशन :- इसका दूसरा डायल्‍यूशन का प्रयोग फाईलेरिया, किडनी की समस्‍या,एल्‍बूमिन,प्रटीन , बातरोग,जोडों के र्ददों में ,मॉसपेशियों के रोग,

तीसरा डायल्‍युशन:- पुरानी बीमारीयों में, सूजन,शरीर में पानी भरना,

उच्‍च डायल्‍युशन:- खुजली, मस्‍से, मानसिक रोग, नीद का न आना,सिरर्दद, माईग्रेन आदि पर

   डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल

    बी0 एच0 एम0 एस0, एम0 डी0 (ई0)

      मो0-93000719 मो0 9926436304 

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रचनाएँ
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इलेक्ट्रो होम्योपैथिक सीखने की सरल हिंदी भाषा में लिखी पुस्तक
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इलैक्‍ट्रो होम्‍योपैथिक परिचय एंव संक्षिप्‍त मेडिसन

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इलैक्‍ट्रो होम्‍योपैथिक परिचय एंव संक्षिप्‍त मेडिसन पैरासेल्‍सस के प्रथम सिद्धान्‍त ‘ सम से सम की चिकित्‍सा ’ पर डॉ0 हैनिमैन सहाब ने होम्‍योपैथिक चिकित्‍सा का आविष्‍कार किया, वही उनकी मृत्‍यु के पश

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होम्‍योपैथिक चिकित्‍सा पद्धति से मिलती जुलती चिकित्‍सा पद्धतियॉ

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स्‍क्रोफोलोसो-1

19 अगस्त 2022
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                                                         स्‍क्रोफोलोसो-1 इस दवा को निम्‍न पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है । औषधिय पौधों के नाम जिन से यहाँ दवा बनाई  ग

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स्‍क्रोफोलोसो-2

26 अगस्त 2022
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      स्‍क्रोफोलोसो-2       इस दवा को निम्‍न पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है । इस औषधी का सर्वप्रथम प्रभाव मूत्राश्‍य पर तत्‍पश्‍चात किडनी पर एंव गालब्‍लेडर होता है ।

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स्क्रोफोलोसोस-3

26 अगस्त 2022
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      स्क्रोफोलोसोस-3   इस दवा का प्रभाव त्‍वचा एंव सेंसरी नर्व अर्थात संवेदनशील नर्व पर होने से यह त्‍वचा रोग एंव संवेदन शील नसों पर कार्य करती है , यह स्‍पर्श शक्ति को उत्‍तेजित करती है ,

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स्‍क्रेाफोलोस-5

26 अगस्त 2022
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  स्‍क्रेाफोलोस-5     स्‍क्रोफोलोसो-5 स्‍क्रोफोलोसो-5 में निम्‍न औषधिय पौधों को मिश्रित कर बनाई गयी मूल औषधिय है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1  BERBERIS VULGARIS 20

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स्‍क्रोफोलोसोस-6

26 अगस्त 2022
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                   स्‍क्रोफोलोसोस-6   स्‍क्रोफोलोसोस-6  निम्‍न औषधिय पौधों से मिश्रित कर निमिर्त की गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में       1  COCHLERIA  OFFICI

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स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)

26 अगस्त 2022
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       स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)    स्‍क्रोफोलोसोस-10, एस-1 एंव एफ-1 से मिलती जुलती औषधिय है, अत: कहॉ जाता है कि जब इन दोनों औषधियों को देने की अवश्‍यकता हो तब एस-10 को दिया जा स

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स्‍क्रोफोलोसोस-11 या (माल डी मर)

26 अगस्त 2022
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     स्‍क्रोफोलोसोस-11 या (माल डी मर) क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 COCHLEARIA  OFFICINALIS 10 2 HYDRASTIS  CANADENSIS   30 3 LOBELIA  INFLATA (Tobacco, Tambakhu)  

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स्‍क्रोफोलोसोस-12 या (मैरीना या मार)

26 अगस्त 2022
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    स्‍क्रोफोलोसोस-12 या (मैरीना या मार) क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 ATROPA  BELLADONNA   10 2 COCHLEARIA  OFFICINALIS  र्स्‍कर्वी घास   20 3 EUPHRASIA  OFFICINAL

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स्‍क्रोफोलोसो लैसेटिवो- या (एस लॉस)

26 अगस्त 2022
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    स्‍क्रोफोलोसो लैसेटिवो- या (एस लॉस)  क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 GENTIANA  LEUTIA   35 2 ALOES  CAPANCES (Kawar Ghandal, Ghee Kawar)   65   एस लॉस में जेन्‍टी

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एंजियाटिकोज-1

26 अगस्त 2022
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     एंजियाटिकोज-1    रक्‍त संचार में खराबी, या रूकावट की वजह से लो, या हाई ब्‍लड प्रेसर का होना ,ब्‍लड कम्‍पोजिशन की खराबी की वजह से यूरिया, कैटिनिन, कोलेस्‍टाईल का बनना ,हिद्रय का टॉनिक

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एंजियाटिकोज -2

26 अगस्त 2022
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     एंजियाटिकोज -2   रक्‍त संचार की खराबी की वजह से उत्‍पन्‍न हिद्रय सम्‍बन्धित समस्‍याये, यह दवा हिद्रय के दाहिने भाग पर प्रभावी तथा वेन पर कार्य करती है, वेन या शिराओं का कार्य अशुद्ध रक्‍

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एंजियाटिकोज -3

26 अगस्त 2022
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   एंजियाटिकोज -3      इस औषधी का निर्माण निम्‍न औषधीय पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 ARNICA  MONTANA (Brinjasik)  

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लिंफैटिको-1 Linfatico-1(Lymphmittel-1)

26 अगस्त 2022
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   लिंफैटिको-1 Linfatico-1(Lymphmittel-1)        लिफैटिको-1 दवा के निर्माण में निम्‍न औषधीय पौधों को एक निश्चित अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये

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कैंसरोसोज-1

26 अगस्त 2022
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       कैंसरोसोज-1   इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 RHUS  TOXICODENDRON   20 2 CAULOPHYL

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कैंसरोसोज-2 या सी-2

26 अगस्त 2022
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       कैंसरोसोज-2 या सी-2    इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   30 2 EQ

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कैंसरोसोज-3

26 अगस्त 2022
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        कैंसरोसोज-3      इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM

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कैंसरोसो-4 (C-4)

26 अगस्त 2022
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     कैंसरोसो-4 (C-4)   इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है ।     क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   40

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कैंसरोसो-5

26 अगस्त 2022
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       कैंसरोसो-5   इस औषधिय का कार्य क्ष्‍ेात्र विस्‍तृत है, सभी तरह के रोगों इसका प्रभाव में 90 प्रतिशत तक है । यह सैल्‍स एंव टिश्‍यूज रिमेडिज दवा है , इस दवा का प्रभाव समस्‍त ग्रथियों के सैल्‍स ए

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स्‍क्रोफोलोसोस-6डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल , बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0

26 अगस्त 2022
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                   स्‍क्रोफोलोसोस-6   स्‍क्रोफोलोसोस-6  निम्‍न औषधिय पौधों से मिश्रित कर निमिर्त की गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में       1  COCHLERIA  OFFICI

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स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)

26 अगस्त 2022
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       स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)    स्‍क्रोफोलोसोस-10, एस-1 एंव एफ-1 से मिलती जुलती औषधिय है, अत: कहॉ जाता है कि जब इन दोनों औषधियों को देने की अवश्‍यकता हो तब एस-10 को दिया जा स

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कैंसरोसोस-13

26 अगस्त 2022
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    कैंसरोसोस-13   कैंसरोसोस-10 में प्रयुक्‍त औषधीय पौधे व उनकी मात्रायें निम्‍नानुसार है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 RHUS  TOXICODENDRON  25 2 VINCETOXICUM  OFFICINALE  20 3

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कैंसरोसो-15 (सी-15) या लार्ड-1

26 अगस्त 2022
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     कैंसरोसो-15  (सी-15) या लार्ड-1 कैंसरोसो-15 निम्‍न वनस्पितियों को मिश्रित कर बनाई गयी है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   30 2 MARASDENIA CONDURANGO   30

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कैंसरोसो-17 (सी-17) या सी टी बी

26 अगस्त 2022
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     कैंसरोसो-17  (सी-17) या  सी टी बी कैंसरोसो-17 निम्‍न वनस्पितियों को मिश्रित कर बनाई गयी है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   15 2 PIMPINELLA  SAXIFRAGE  

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फेब्रीफ्यूगो-1 डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल,बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0 (ई0)

26 अगस्त 2022
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     फेब्रीफ्यूगो-1   फेब्रीफ्यूगों दवा के निर्माण में निम्‍न वनस्‍पतियों का प्रयोग एक निश्‍चित अनुपात में किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 1.  ACONITE  NAPILLUS (Vatsnabh)

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फेब्रीफ्यूगो-2

26 अगस्त 2022
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   फेब्रीफ्यूगो-2 क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 AESCULUS  HIPPOCASTANUM   10 2 BERBERIS  VULGARIS 20 3 CETRARIA  ISLANDICA 5 4 CINCHONA  CALISIYA 10 5 CINCHONA  SUCCIRUBRA

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पेट्रोरल्‍स -1 (पी-1)

26 अगस्त 2022
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     पेट्रोरल्‍स -1 (पी-1)          क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 ADIANTHUM CAPILI VENERIS (Hansraj)   10 2 ALLIUM CEPA (Red Onion, Lal Piyaj) 20 3 EUCALYPTUS  GLOB

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पेट्रोरल्‍स -2 (पी-2)

26 अगस्त 2022
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        पेट्रोरल्‍स -2 (पी-2) पेट्रोरल्‍स -2 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1   ADIANTHUM CAPILI VENERIS (H

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पेट्रोरल्‍स -3 (पी-3)

26 अगस्त 2022
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         पेट्रोरल्‍स -3 (पी-3)  पेट्रोरल्‍स-3 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1 PHELLANDRIUM  AQUATICUM 30

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पेट्रोरल्‍स -4 (पी-4)

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         पेट्रोरल्‍स -4 (पी-4)       पेट्रोरल्‍स-4 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1   ADIANTHU

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ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी ( हरी बिजली)

26 अगस्त 2022
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   ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी ( हरी बिजली)   ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी निम्‍न औषधिय पौधों से संगठन से बनाई गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 ALTHEA OFFICINALIS   10 2

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रेड इलैक्‍ट्री सिटी (लाल बिजली)

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      रेड इलैक्‍ट्री सिटी (लाल बिजली) लाल इैक्‍ट्रीसिटी एक धनात्‍मक बिजली है अत: इसका प्रयोग शरीर के ऋणात्‍मक भागों मे व रोगों में किया जाता है, यह कफ प्रकृति वालों के अनुकूल है, परन्‍तु रोग स

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ब्‍लू इलैक्‍ट्री सिटी (नीली बिजली)

26 अगस्त 2022
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    ब्‍लू इलैक्‍ट्री सिटी (नीली बिजली)   इसका प्रभाव रक्‍त संचालन की धमनियों पर है जो शुद्ध रक्‍त को लेकर हमारे सम्‍पूर्ण केशिकाओं में रक्‍त का वितरण करती है, यह एक घनात्‍मक इलैक्‍ट्रीसिटी है,

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पीली बिजली डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0 (ई0)

26 अगस्त 2022
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      पीली बिजली   पीली बिजली नेगेटिव दवा है अत: इसका प्रयोग धनात्‍मक बीमारीयों में एंव शरीर के धनात्‍मक स्‍थानों पर किया जाता है, अत: जब कभी उत्‍तेजना चाहे वह शरीरिक हो या मानसिक हो तब इसके  प

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सफेद बिजली (व्‍हाईट इलैक्‍ट्रीसिटी)

26 अगस्त 2022
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    सफेद बिजली (व्‍हाईट इलैक्‍ट्रीसिटी)   यह ए‍क न्‍यूट्रल इलैक्‍ट्रीसिटी है अत: इसका प्रयोग सभी तरह के रोगो तथा किसी भी प्रकृति में की जा सकती है । यह शरीर की कमजोरी को दूर कर शरीर को बलवान बन

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सिन्‍थेसिस (एस वाई)

26 अगस्त 2022
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    सिन्‍थेसिस  (एस वाई) इस कम्‍पाऊंड औषधी में निम्‍न आठ दवाओं को समान मात्रा में मिश्रित कर बनाया गया है । एस-1,ए-3, एफ-1, सी-1, एल-1, पी-2, वेन-1, वर-1 यह औषधी शरीर के सभी संस्‍थानों पर कार्य कर

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अकुआ पर ला पेली APP

20 नवम्बर 2022
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अकुआ पर ला पेली APP इस औषधी में उपयोग की जाने वाली वनस्‍पतियों का विवरण निम्‍नानुसार है क्र0 औषधिय पौधे अन्‍य नाम मात्रा उपयोग 1 ARNICA MONTANA बुल्फ्रस वैन, लेपछर्डस वैन,माउटेन तम्बाखू 10

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