सर्व देवस्य स्तुति रहो भवानी साथ तुम जब तक हो पूर्ण ये काज, नील पदम् व्रत ले लिया कीजो सुफल सो काज। श्रीमुख श्री गणेश जी विरजो कलम में आय, रहो सहाय नाथ तुम ज्यों व्यास को भये सहाय। जय माँ व
सोशल मीडिया साइट्स हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गई हैं। हम उनका उपयोग मित्रों और परिवार से जुड़े रहने, वर्तमान घटनाओं के बारे में जानने और अपने विचारों और अनुभवों को दुनिया के साथ साझा करने के लिए
विघ्नहर्ता गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप
गणपति जी का आगमन चतुर्थी तिथी वाले दिन होता है और अनंत चतुर्दशी पर उन्हें ढोल-नगारों के साथ विदा किया जाता है। आइए आपको बताते हैं कि किन जगहों पर बप्पा के विसर्जन का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। 1
प्रथम वन्दनीय श्री गणेशअजं निर्विकल्पं निराकारमेकंनिरातंकमद्वैतमानन्दपूर्णम्परं नि्गुणं निर्विशेषं निरीहंपरब्रह्मरुपं गणेशं भजे।। गणेश जी अजन्मा ,निर्विकार ,निराकार और उस दिव्य चेतना के प्रतीक है
श्री गणपत्यथर्वशीर्ष का हिन्दी पद्य भावानुवाद हम सभी जानते हैं कि वेद समस्त प्रकार के ज्ञाताज्ञात ज्ञान विज्ञान के स्रोत हैं | मानव मात्र के कल्याण के लिए सूक्त रूप में मन्त्रों के समूह हैं | उन्हीं
आम को फलों का राजा कहा जाता है….. और सच भी है… क्योंकि इसके जादुई स्वाद के तिलिस्म से कौन सम्मोहित नहीं होता….. कभी आम के ऐसे ही मौसम में कुछ पंक्तियाँ बन गईं थीं….. सुर्खाब की देखें सूरत , लो
माघ कृष्ण चतुर्थी - संकष्टी चतुर्थी प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रविनायकम् | भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायु: कामार्थसिद्धये || हिन्दू मान्यता के अनुसार ऋद्धि सिद्धिदायक भगवन गणेश किसी भी शुभ कार्य म
बाप्पा तेरे आने की इतनी खुशी है, मूरत ये देवा तेरी मन में बसी है, बाप्पा तेरे आने सब पावन हो गया, पावन मेरा तन मन, ये सारा जीवन हो गया. ओठों पे नाम की तेरे, सजी है सरगम, आया फिर से तेरी,
1/9/2022प्रिय डायरी, आज भी शीर्षक है गणेश चतुर्थी,गणपति पूजन का द्वितीय दिन है। गणपति यानी गणेश जी की पूजा में दूब भी चढ़ाते, उनकी प्र
प्रिय सखी।कैसी हो ।पता है दो दिन मे हमारे साथ क्या कुछ नही घटा।अब तुम से मिल नही सकते थे । क्यों कि हमने डायरी पूर्ण मार्क कर दी थी।सोई इंतजार कर रहे थे कि कब तुम से मुलाकात हो और हम मन की बात तुम्हें
बच्चे जब बहुत छोटे होते हैं, तो उनकी अपनी एक अलग ही दुनिया होती है। उनके अपने-अपने खेल-खिलौनें होते हैं, जिनमें वे दुनियादारी के तमाम झमेलों से कोसों दूर अपनी बनायी दुनिया में मस्त रहते हैं। इसीलि
दिनांक ३१/०८/२०२२ शाम के छह बजकर चालीस बीस मिनट हो रहे हैं । डायरीधीरे धीरे करते करते अगस्त का महीना पूरा गुजर गया। इस महीने में त्यौहारों की अच्छी खासी संख्या रही। स्वतंत्रता दिवस क
आज पूरा देश गणेश चतुर्थी के पर्व को बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मना रहा हैl देश के हर कोने में अलग अलग तरह से गणेश चतुर्थी मनाई जा रही हैl सबसे ज्यादा इस त्यौहार को महाराष्ट्र में मनाया जाता है l
इस गणेश चतुर्थी करेगे हम सब साथ खूब मस्ती बनाएंगे आलू की सब्जी और कचौड़ी खस्ती नाचेंगे सब एक साथ
कष्टों को दूर करने वाले , विघ्नो को हरने वाले , सबकी मनोकामना पूरी करने वाले , दीन दुखियों को सहारा देने वाले ,लंबोदर , गणपति , विनायक , हैं उनके अनेको नाम ।मूषक की सवारी साज
हे! जगवन्दन,पार्वती नन्दन,ग्रहण करो आसन,करूँ मैं अभिनन्दन।प्रथम पूज्य गजानन,मूषक वाहन,हे! लम्बोदर,कृपा करो आजीवन।मोदक प्रियम् ,एक दंतम् ,हे! विनायकम् ,प्रणाम वक्रतुण्डम् ।हे! विघ्न हर्ता,हे! सुख कर्ता
बड़े धूम धाम से आया मायके से मेरा गणपति,सारे गम को भुलाकर गाऊ सारे उसीकी आरती
हे गजानन करुणानिधान,विघ्नविनाशक मूषकवाहन।शिव पुत्र पार्वती के नंदन,बारम्बार तुम्हें अभिनंदन।।एकदंत हो दयावंत हो,चार भुजा हो तुम धारी।मस्तक सिंदूर सोहे तुम्हरे,लम्बोदर और हो त्रिपुरारी।।कुशाग्र बुद्धि
31/8/2022 प्रिय डायरी, आज का शीर्षक है गणेश चतुर्थी, गणपति जी को हमेशा प्रथम पूज्य इसलिए कहा जाता है