मासिक डायरी लेखन । हम सदा भूत या भविष्य में रमे रहते है ।वर्तमान में कभी जीते नही।नया साल मनाते है केवल एक दिन के लिए जबकि यहाँ हर दिन नया है ।जरा जागे नासमझी को समझे।प्रतिपल जीवन जिए ।
प्यारे साथियों,,, दिलरुबा मेरी डायरी का नाम है,, यह डायरी मेरे व्यक्तित्व का आईना है,, मेरे आसपास घटित होने वाले कुछ कहे अनकहे पल इस डायरी में पढ़ने को मिलेंगे,,,,, कुछ मनोरंजक, कुछ उपयोगी, और कुछ बहुमूल्य विचार मैं इस डायरी में शेयर करती रहूंगी,, मु
डायरी मेरे जीवन के विभिन्न पहलुओं का स्वरूप है।
अगस्त महीने की डायरियों का संग्रह
अपने विचार और जीवनी आप सभी के साथ साझा करने का एक छोटा सा प्रयास...।
कभी हमारे देश को सोने कि चिडिया के नाम से जानते थे, लेकिन गुलामी और विदेशी शासक ने राज किया और देश का खाली कर दिया था,,, देश पर राम, रहीम, ने मानव रूप लेकर जन्म लिया है,, यह देश हमारा भारत है ।।। भारत को हम इंडिया, हिंदुस्तान, हिंद के नाम से पुकारते
आज की युवा पीढ़ी अपने नियमों से दूर हो रही है , और हम इस बात को लेकर बस बाते करते है। क्या कारण है ये जाना नही चाते ,और जानते है तो भी उसके बारे में बात नही करते क्या कारण है , ये विचार इस किताब में लिखा है।
मेरा सपना कब सच होगा मुरादी लाल रोज यही सोच पर रहता,,, हर दिन वो लोग और आसपास अपने दोस्त से रहती मै नेता बनूंगा और लोगो की हर समस्या, सुविधा, लोगो को काम दूंगा ।।। आखिर वह दिन आ गया,,, पंचायत मुखिया का चुनाव होने वाला था उसने भी नामकंन भर दिया,,,,
काल चक्र, मेरी नजर में एक काल चक्र ऐसा हैं जो सब से अधिक हमारे जीवन को प्रभावित करता हैं और हम में से कई लोग उसके बारे में जानते ही नहीं हैं, जो जानते हैं मानते नहीं ! जब अति हो जाती हैं तो सब करने को तैयार हो जातें हैं ! पुस्तक में मैं
उर्दू में सआदत हसन मंटो की बहुत सी कहानियाँ पढ़ने के बाद विचार आया कि हिंदी में भी मंटो जैसा कोई विवादस्पद लेखक है? काफी खोजबीन करने पर ज्ञात हुआ कि ऐसा लेखक तो पाण्डेय बेचन शर्मा "उग्र" ही है. उग्र की अनेक कहानियाँ और उपन्यास पढ़ने के बाद विचार आया क
दैनन्दिनी आपके यादगार पलों को सँजोने के साथ-साथ दूसरे पाठकों को आपकी जीवनी से भी परिचय कराती है। मुझे याद है, जब मैं कक्षा-9 में था तो मेरे पिता जी ने मुझे एक डायरी भेंट की थी, उस समय मैंने उनसे पूछा था कि इसमें क्या लिखूँगा? मेरी बात पर पिता जी न
मेरा पहला प्रयास डायरी लिखने का ।वैसे अच्छा है लोग अपने मन की बात किसी से कह ना पाये जो डायरी मे लिख देते है जब ही तो हमने इस का नाम सखी रखा है।
Success की सबसे खास बात है की, वो मेहनत करने वालों पर फ़िदा हो जाती है
अप्रैल माह में अपने लम्हों को और अहसासों को शब्दों में पिरोकर अपनी डायरी में लिख रहीं हूँ...।
वर्षा ऋतु के आगमन का सभी जीव, जंतु, पेड़- पौधे और मनुष्य को इंतजार रहता है। क्योंकि गर्मी में झुलसे हुए पेड़- पौधे एवं जीव जंतु नया संचार आ जाता है। धरती मां ने मानो हरि चुनरी धारण कर रखी हो। चारों तरफ पक्षियों के चमकाने और झरणों व नदियों की कल- कल क
दैनिक डायरी लिखने के लिए आज से पहले कभी सोचा न था। कारण मैं समझती हूँ कि अपने आस-पास या किसी विषय भी पर लिखने से अधिक अपनी दिनचर्या के बारे में लिखना कठिन है। लेकिन शब्द.इन मंच की बात ही कुछ और हैं, जहाँ आकर मैं देखती हूँ कि यहाँ जिस तरह से नवोदित
हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आप सब को।नयी किताब नये जज़्बात नये अहसास शायद पसंद आये आपको ।
गणेश चतुर्थी पर अगर आप उन्हे ला नहीं सकते हैं तो इसमें आप समाधान पायेंगे की क्या करें ! ध्यान भी हैं हैं इसमें !
श्री गणेश जी महाराज को प्रथम पूजनीय इसलिए माना जाता है! क्योंकि उनसे बड़े कहीं देव थे! जबकि वह सभी देवों में उम्र में बहुत कम थे विवेक और बुद्धि होने के साथ चतुर थे। अपने माता- पिता,गुरुदेव, को पूजनीय एंव सर्वप्रथम मानते थे। इससे यह निष्कर्ष निकलत