ये साल मेरे परिवार के ऊपर बहुत भारी पड़ा। और मेरे ही क्यूँ बहुत सारे लोगों ने इस साल corona महामारी का सामना किया है। अपनी बीमारी के समय मे ही मैंने यह महसूस किया कि जिन्दगी मे स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ भी नहीं है। स्वास्थ्य है तो ज़िंदगी के मायने है वरना ये ज़िंदगी मौत से बद्तर हो जाती है। आमतौर पर हर व्यक्ति यही चाहता है कि वो अपनी जिन्दगी मे शोहरत और पैसा कमाए और इसके लिए वो मेहनत भी करता है । दिन रात मेहनत करता है तब कहीं जा कर उसको सफलता हासिल होती है। मगर ज़रा ये सोचिए कि अगर सफलता मिलने के बाद जब वो उम्र के आखिरी पडाव मे पहुंचता है तब वह अनगिनत बीमारियों से घिर जाता है और पूरी तरह से कमजोर हो जाता है ...फिर उसका सारा पैसा उसकी बीमारी में ही खर्च होता है और सेवा सुश्रुषा करने वाले लोग भी परेशान होते हैं । और तब उसे एहसास होता है कि जिस धन दौलत को कमाने के लिए उसने अपना स्वास्थ्य दाव पर लगा दिया वह धन आज उसे खुशी नहीं दे पा रहे हैं .....और ना ही उसे अच्छा स्वास्थ्य दे पा रहे हैं।
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि जवानी में कमाया गया पैसा ही बुढ़ापे में काम आता है लेकिन आप यहां पर बहुत गलत है... एक बहुत बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं आप ...
सारी उम्र कमाया गया आपका स्वास्थ्य ही आपकी बुढ़ापे मे काम आता है। अगर आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो आप कम पैसे में भी अपनी जिंदगी खुशी-खुशी गुजार सकते हैं मगर स्वास्थ्य अच्छा ना रहने की स्थिति में आपके करोड़ों की दौलत भी आपके काम नहीं आएगी।
पैसा , शोहरत ,परिवार, समाज... सब कुछ जरूरी है मगर सबसे ज्यादा जरूरी है आपका स्वास्थ्य। और इसीलिए तो हमेशा से यह कहा जाता है...
पहला सुख निरोगी काया
दूजा सुख हो साथ में माया
तीजा सुख से सुलक्ष्मी नारी
चौथा सुख संतान आज्ञाकारी
पांचवा सुख हो राज (राजनीति) में पाया (स्थान)
छठा सुख पड़ोसी मन भाया
सातवां सुख माता पिता का साया....
यह सातों सुख जिस इंसान के पास है वह दुनिया में सबसे सुखी इंसान हैं। उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता। मगर यह भी याद रखें कि आपका स्वास्थ्य गणितीय संख्या का एक(1) है तो बाकी सारे शुन्य (0) हैं ।
जब आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो वह शुन्य(0) आपके हर खुशी में 10 गुणा वृद्धि करेगा लेकिन यदि आपका स्वास्थ्य नहीं रहा तो यह सारे शुन्य आपके लिए किसी काम के नहीं है।