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सिनेमा और सर्जरी

25 नवम्बर 2021

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70- 80 के दशक में यदि किसी को खूबसूरत कहना होता था तो उसकी तुलना हीरो का हीरोइन से की जाती थी। " तुम तो बिल्कुल हीरो की तरह हैंडसम हो"

 या फिर, " तुम तो किसी हीरोइन जैसी सुंदर हो"

 ऐसा इसलिए होता था क्योंकि उस समय मॉडलिंग या फिल्म के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए खूबसूरत होना मुख्य शर्त हुआ करती थी। मगर आज ऐसा नहीं है। चिकित्सा विज्ञान के चमत्कार के दौर में एक और चमत्कार हुआ, जिसका नाम है कॉस्मेटिक सर्जरी। जी हां ! आज विज्ञान इतना तरक्की कर चुका है कि यदि आपको ईश्वर के द्वारा दिया हुआ अपना रंग रूप पसंद ना आए तो आप इसे कॉस्मेटिक सर्जरी के माध्यम से बदलवा भी सकते हैं। क्योंकि यह सर्जरी बेहद महंगी होती थी, अतः ज्यादातर फिल्म उद्योग से जुड़े स्त्री पुरुष हीं करवाते थे।

मगर अब कुछ धनाढ्य वर्ग के लोग भी इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। विशेषकर महिलाएं। 

कॉस्मेटिक सर्जरी के अंतर्गत कई प्रकार की सर्जरी होती है, जिसके में प्रमुख हैं -- फेस लेफ्ट, आइब्रो लिफ्ट, हेयर रीस्टोरेशन, राइनोप्लास्टी, गायनेकामिस्टर, ब्रेस्ट इंप्लांट्स,  लिप फिलर इत्यादि।

 अब तो सर्जरी की मदद से चेहरे की रंगत बदलवाई जा रही है। फिल्मी कलाकारों की नकल करना हमेशा से युवा पीढ़ी का मुख्य रहा है, लेकिन शायद बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि यह नकली सुंदरता आपके जान की दुश्मन बन सकती है। पॉप स्टार माइकल जैक्सन और श्रीदेवी की मौत के पीछे कहीं ना कहीं सर्जरी के साइड इफेक्ट्स शामिल है। सर्जरी के समय जो

 दवाएं दी जाती हैं वही आगे चलकर आपके लिए घातक सिद्ध होती है। क्योंकि जब शरीर की प्राकृतिक बनावट से छेड़छाड़ की जाती है तो शरीर में हार्मोन परिवर्तन होने लगता है। यह परिवर्तन ही इंसान की त्वचा एवं स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। दर्द, रैशेज़, शरीर में खुजली इत्यादि तो तत्कालीन प्रभाव है। इसके अलावा अगर कुछ गलती हो जाती है तो फिर उसको ठीक करना बेहद जोखिम भरा होता है। जिसके कारण भविष्य में आपको मानसिक तनाव झेलना पड़ सकता है।

 अनुष्का शर्मा ,आयशा टाकिया, पामेला एंडरसन, किम करदाशियां, राखी सावंत इत्यादि कई ऐसे नाम हैं जिनके सर्जरी के बाद का रूप बेहद खराब हो गया।

इसिलए हमें तो यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि हमारी बाहरी खूबसूरती से बढ़कर है हमारे आंतरिक गुणों की खूबसूरती। और इसे निखारने में ना तो कोई खर्च लगता है ना ही दर्द होता है और ना ही इसके कोई साइड इफेक्ट है। फिल्म उद्योग से जुड़े अभिनेता एवं अभिनेत्रियों का तो फिर भी समझ में आता है कि उनके चेहरे की खूबसूरती और शरीर की बनावट उनकी रोजी रोटी होती है मगर आम महिलाओं का खूबसूरती के लिए इस तरह का पागलपन बिल्कुल ही निरर्थक है।

याद रखिए कि  प्रकृति से मिली हुई चीजें हमेशा खूबसूरत होती है, जबकि प्लास्टिक सर्जरी एक बाह्य चीज है। इस सर्जरी में शरीर के हिस्से में कुछ विशेष तरीके की चीजें लगाई जाती है।

यह बिल्कुल आपकी त्वचा के जैसी दिखती है। लेकिन सिर्फ समान दिखती ही है वह किसी भी तरह से प्राकृतिक नहीं होती। सर्जरी में इंसान अपना प्राकृतिक स्वरूप खो देता है। प्लास्टिक सर्जरी उन लोगों के लिए वरदान है जो किसी दुर्घटना में अपने प्राकृतिक सौंदर्य को खो चुके हैं इसीलिए अच्छा होगा कि हम विज्ञान का यह वरदान उन्हीं लोगों के लिए ही रहने दें आम महिलाएं अपने आत्मविश्वास की चमक और अपने आंतरिक गुणों की आभा से अपने पूरे व्यक्तित्व में चार चांद लगा सकती हैं।


आरती प्रियदर्शिनी , गोरखपुर
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