होड़ लगी है भगवान तेरे दर पर सीष झुकाने की माँ बाप से लड़कर ही सही जल्दी है तेरे दर पर आने की होड़ लगी है भगवन..... भूके को एक रोटी न दे पर जल्दी है तेरा भोग लगाने की होड़ लगी है भगवन ........ प्या
नमस्ते, कैसे हे आप सब लोग मुझे आज बहुत ख़ुशी हो रही हे की आज में अपनी पहली पोस्ट लिखने जा रही हु में आशा करती हु की आप सब लोगो को मेरे विचार अच्छे लगेंगे और आप मुझे सपोर्ट करेंगे और मुझे प्रोत्साहित करेंगे द
"मृत्यु" "नवीन जीव संरचना की उत्पत्ति का उद्देश्य ,प्रकृति के परिवर्तन का सन्देश जो सारभौमिक सत्य है"