हिन्दी हमारे देश में बोले जाने वाली प्रमुख भाषा है, एवं हमारे राज्य की राजभाषा भी है जिसकी लिपी “देवनागरी” है , हिंदी हमारे देश की ऑफिसियल अधिकारी भाषा भी है,। हिन्दी भाषा एक मानकीकृत रूप हैं । हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की “राजभाषा” है और जिस में संस्कृत भाषा के भी शब्द भी उपयोग किये गए है. जिसे १४ सितम्बर को स्वकृति मिली थी इसी वजह से 14 सितम्बर को हर साल “हिन्दी दिवस” के रूप में मनाया जाता है.
हिन्दी और इसकी बोलियां सम्पूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों में बोली जाती है। अच्छी बात यह है कि हिन्दी बोलने वालों का दायरा बढ़ा है। इसके अलावा विश्व के अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते हैं, पढ़ते हैं, और लिखते हैं। पाकिस्तान, नेपाल , संयुक्त अरब अमीरात और कई देशों की जनता भी हिन्दी बोलती है।
हिन्दी के महत्व की बात की जाये तो हिन्दी भारत में सम्पर्क भाषा का कार्य करती है और कुछ हद तक पूरे भारत में आमतौर पर एक सरल रूप में समझी जानेवाली भाषा है। हिन्दी की सबसे बडी विशेषता यह है कि यह जो बोली जाती है वही लिखी और पढ़ी भी जाती है। जो अन्य भाषाओं से इसे अलग बनती है । विशेषकर अंगे्रजी के संबंध में जो आज के आधुनिक दौर में यानि विशेष कर भारत के कुछ खास वर्गो के लोगों के बारे मे जो हिन्दी बोलने में शर्मीदंगी महसूस करते हैं और अंगे्रजी बोलना ज्यादा पंसद करते हैं। दोष हम जैसे लोगों का भी है कि हम अंग्रेजी बोलने वालों को ज्यादा पढ़ा लिखा और ज्ञानी समझते है, हिन्दी वालों की उपेक्षा करते हैं।
“हिन्दी” सिर्फ भाषा नहीं बल्कि हिन्दी के भारत के लोगो के लिए ह्रदय की भाषा है जिसे लोग एक दूसरे से काफी अच्छी तरह से जुड़ सकते है और देश की तरक्की को एक नई ऊँचाईयों तक ले जा सकते है। लोगों का ऐसा मानना है कि हिन्दी जाने बिना भी बहुत सारा काम हो सकता है। भारत के लोग कभी भी अंग्रेजी को मुख्य भाषा के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकते है। हिन्दी भाषा भारत के जन-जन तक पहुंच चुकी है। हिंदी एक सरल भाषा है और इसका इस्तेमाल करना बहुत आसान है यही वजह है कि भारत के लोग बचपन से ही इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं
भारत के अधिकांश लोगों की “मातृभाषा” हिंदी होने की वजह से उन्हें बोलने और समझने में कभी समस्या नहीं होती है। बहुत सारे लोग बिना स्कूल गए भी बहुत अच्छी हिंदी बोल लेते है। हिंदी मे शब्दों की भरमार है। हिंदी भाषा में भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त किया जा सकता है। अगर लोगों को लगता है कि हिंदी का भविष्य अच्छा नहीं है तो ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है हिंदी का महत्व स्थापित हो गया है।
हिन्दी देश एकता का मार्ग दिखती है और यह वो धागा है जो हमें एक सूत्र में मजबूती से बांध कर रख सकती है।
बात आती है हिंदी भाषा के भविष्य कि तो हम सबको यह जानकर बहुत ख़ुशी होगी कि हिंदी का भविष्य आने वाले दिनों मे काफी अच्छा होगा। क्यों की अभी कुछ सालो में हिंदी को और भी कई देशो २-३ आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला है। भारत ने अपने हजारो सालो के इतिहास में कभी दूसरे देश पर आक्रमण नहीं किया और दूसरे देशों में उपनिवेश भी स्थापित नहीं किया।
हिंदी को इंटरनेट से नई ताकत मिली है। आपको यह जानकर हैरानी होगी की देश की डिजीटल वल्र्ड में अंग्रेजी की तुलना मे हिंदी की सामग्री की मांग तेजी से बढ़ रही है। भारतीय युवा ९९ प्रतिशत यू-ट्यूब हिंदी मे देखते हैं।
इटंरनेट पर हिंदी का इस्तेमाल करना चाहते है फिर भी हिंदी के सामने बड़ी चुनोैतियां है जिसे पार कर पाना काफी मुश्किल है। इंटरनेट पर 0.04 प्रतिशत ही हिंदी वेबसाईट है। चलिए फिर भी आने वाले दिनों में हिंदी का भविष्य सुनहरा लग रहा है। हिंदी अब अर्थ व्यवस्था और लेनदेन की भाषा बनने लगी है। हिंदी का भविष्य उज्जवल है।