"आज का विषय बहुत तार्किक और साथ ही साथ बहुत सुलझा हुवा भी है "
आज शिक्षक दिवस है और इस पावन अवसर पे ये कहना गलत नहीं होगा की शिक्षकों के अमूल्य योगदान के लिए हमारा समाज सदैव ऋणी रहता है। एक स्कूल का बच्चा क्या होता है लेकिन बड़ा और कामयाब हो के समाज की बेहतरी के लिए क्या करेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है की शिक्षक किस प्रकार से पढ़ा रहे है। वर्तमान समय में समय की कमी के चलते हुए अपने काम में बिजी अभिभाव और माता पिता अधिक ध्यान ,सहानुभूति और समर्थन नहीं दे पाते है फिर ऐसे में शिक्षक ही है, जो हमेशा अपने विद्यार्थियों के और हमारे बच्चो के भविष्य को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
दोस्त तो शिक्षक समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते है जहाँ बच्चे के मानसिक विकाश को आधार मिलता है। बिना शिक्षक जीवन रुपी सफर में ज्ञान प्राप्त करना मुश्किल ही नहीं नामुंकिन है। एक शिक्षक ही है जो एक बच्चे को सही मार्ग दिखाता है उसको जीवन जीना सिखाता है क्योंकि बिना ज्ञान के जीवन भी अधूरा है अतः जीवन जीने के लिए ज्ञान प्राप्त करना जरुरी है और ज्ञान प्राप्त करने के लिए जीवन में शिक्षक का होना भी उतना ही जरूरी है । सभ मानव ये समाज का निर्माण करते है लेकिन उस समाज की साभीत्या को बनाये रखने में शिक्षक का बहुत योगदान होता है।
आज कल हर स्कूल और कॉलेज द्वारा हर वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है शिक्षकों सम्मान समारोह किया जाता है जिस से शिष्य का शिक्षक के प्रति आदर भाव बना रहे है और हमारी आने वाली नई पढ़ी इस गुरु प्रथा से जागरूक रहे।
अंत मे ये ही कहना है की एक शिक्षक ही देश प्रेमी बना सकता हैं। इस एक लाइन मे मै एहि कहना चाहता हु कि शिक्षक ही मार्गदर्शन देता हैं। उसके बताये गये रास्ते पर शिष्य आँख मूंद कर चलता हैं। अगर शिक्षक दिन को रात, रात को दिन कहे तो शिष्य एक दिन यह सुनने के बाद उस असत्य को भी सत्य मान लेता हैं क्यूंकि शिष्य एक कच्ची मिट्टी के घड़े की तरह होता है । उसे जिस रूप में ढालेंगे वो वही रूप ले लेता हैं, ऐसे ही शिक्षक भी समाज में एक कुम्हार की तरह काम करता है. इसी वजह से एक समाज निर्माण में शिक्षकों की भूमिका अहम् होती हैं।
समाज निर्माण में शिक्षक एक विशेष भूमिका निभाते है । किसी भी राष्ट्र के निर्माण में अभिभावक और माता पिता
के बाद शिक्षक का विशेष स्थान होता हैं।
एक सभ्य समाज की आधारशिला शिक्षा ही है हो सकती है .