अंधविश्वास का मतलब है किसी चीज पर बिना सोचे, समझे विश्वास करना। डर, मृत्यु का भय, परीक्षा में उत्तीर्ण होने का भय, नौकरी ना मिलने का भय, इत्यादि ऐसे और भी बहुत से उदाहरण है, जिनके डर के कारण हम अंधविश्वास पर विश्वास करने लगते हैं।
आज की सदी में भी देश के लोग अंधविश्वास पर यकीन करते हैं। ऐसे में लोग अक्सर बाबाओं, साधुओं, तांत्रिकों, के बहकावे में आकर अपना मान सम्मान , धन, गवा देते है ।
हमारे देश में अंधविश्वास एक अभिशाप है। अंधविश्वास के बारे में आप क्या सोचते हैं? सबसे पहले यह जानना बहुत जरूरी है, अंधविश्वास वास्तव में क्या है? अंधविश्वास का मतलब है किसी चीज पर बिना सोचे, समझे विश्वास करना। चाहे वह कोई ईश्वर हो या मनुष्य हमारे अंधविश्वास का प्रमुख कारण है। डर, मृत्यु का भय, परीक्षा में उत्तीर्ण होने का भय, नौकरी ना मिलने का भय, इत्यादि ऐसे और भी बहुत से उदाहरण है, जिनके डर के कारण हम अंधविश्वास पर विश्वास करने लगते हैं।
लोग अपने डर को दूर करने के लिए अंधविश्वास का सहारा लेते हैं। देश में सबसे ज्यादा अंधविश्वास भारत में किया जाता है क्योंकि यहां पर लोगों के मन में भगवान के प्रति बहुत श्रद्धा है। इसीलिए लोग इस चीज का फायदा उठाते हैं और कहते हैं कि भगवान की आज्ञा का पालन करो। विश्वास करना गलत नहीं है, लेकिन अत्यधिक विश्वास करना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।
कहते हैं इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। लेकिन जो पाखंडी लोग होते हैं, वही इस अंधविश्वास का फायदा उठाते हैं। जो लोग भगवान के नाम पर ऐसे बुरे काम करते हैं, उनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। स्कूल, कॉलेज, जाने वाले बच्चे भी किसी के द्वारा दी गई रस्सी को बांधकर परीक्षा में सफलता का सपना देख रहे हैं। मगर ऐसे कई उपाय हैं जिनकी मदद से हम अंधविश्वास को हरा सकते हैं।
अगर हमने खुद पर विश्वास करना सीख लिया तो अपने डर को दूर कर सकते हैं। अगर हमने अपने डर को कंट्रोल करना सीख लिया तो हम अंधविश्वास से हमेशा के लिए दूर हो जाएंगे। इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। इससे मानव का कल्याण भी होगा और हमारा भारत आगे बढ़ेगा।