रंगों का पर्व होली पर विशेषसभी मित्रों एवं शब्दनगरी के सदस्यों को सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं। रंगों का यह त्यौहार आपके जीवन में अनेक खुशियां लेकर आए। हाइकु 5-7-5 के क्रम वाली क्षणिक कविता है और इसमें एक क्षण को उसकी सम्पूर्णता सहित अभिव्यक्त किया जाता है। इस वीडियो में 'होली आयी रे' के
इन लोगों ने तो हद ही कर दी, हिन्दुओ पर एक के बाद एक हमले हिन्दुओ में घृणित भाव डालने के लिए हिन्दुओ के सभी त्यौहारों पर हमले, ये तो अति ही हो गयी, इनको बच्चों से भी समस्या हो गयी जल्लीकट्टू, दही हांड़ी, दीपावली, शिवरात्रि, नवरात्री होली ऐसा कोई त्यौहार नहीं जिसपर इन्होंने
बताया नहीं अपना हाल चाल वग़ैरा,ख़फ़ा हो क्यूँ , ऑफ हो क्यूँ वग़ैरा,हम तो समझते थे कि समझते हैं तुमको,हो गए जाने कैसे हम नासमझ वग़ैरा !ज़रा मानो तो करा दें शॉपिंग वग़ैराडिज़ाइनर साड़ी या फिर मूवी वग़ैरा,टेंशन छोड़ो क्रेडिट कार्ड जेब में है,म
दागो दिल की गोली,बचे न कोई चोली, मस्ती में कर छिछोली,प्यार की खेलोहोली, ओ मेरे हमजोली!- फूलों के हो रंग बिन पानीके संग, मोड़ों नाही कलईयाँ, न करोमोहे तंग,नस-नस दौड़ पड़ा है प्रेम कातेरा भंग,दुनिया की अब बोली, गुलालहो या हो रोली,दागो दिल की गोली,बचे न कोई चोली,मस