पुष्पा की कहानी पुष्पा की जुबानी, एक रियल कहानी |
परशुराम की प्रतीक्षा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित खंडकाव्य की पुस्तक है। इस खंडकाव्य की रचना का काल 1962-63 के आसपास का है, जब चीनी आक्रमण के फलस्वरूप भारत को जिस पराजय का सामना करना पड़ा, उससे राष्ट्रकवि दिनकर अत्यंत व्यथित हुये और इस
कर्मा बाई एक गरीब महिला थी जो भगवान कृष्ण कि परम भक्त थी,
कल्पना ने आश्चर्य में भरकर वातायन के दोनों पट खोल दिए। सामने अनंत की सीमा को स्पर्श करता हुआ विशाल सागर लहरा रहा था। तट पर बिखरी हुई उषा की हलकी गुलाबी आभा से चाँदनी की चंचल लहरें टकराकर लौट रही थीं। प्रशांत नीरवता में केवल चाँदनी की लहरों का मंद-मर्
कहते हैं की जो महाभारत की कथाओं में नहीं है वह अन्यत्र कहीं नहीं है और जो महाभारत में है वह हर जगह है. कालचक्र में महाभारत की कुछ अनकही कहानियों का नाटकीय रूप से वर्णन किया गया है. और एक नवजात बालक जो बाणों के साथ इस धरती पर प्रगट हुआ, कैसे वह महाभार
यह हमारे देश के एक ऐसे अभियंता की कहानी है जिसने एक ट्रेन को एक्सीडेंट से बचाया था
भारत के हृदय स्थल में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के कुछ जिलों को मिलाकर बना हुआ क्षेत्र ही बुंदेलखंड के नाम से प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र में लगभग हर जिले में किले और दुर्ग है पुरे भारत वर्ष में सबसे अधिक किले आपको बुंदेलखंड में देखने को मिल जायेंगे। आ
राजा सुखदेव बैर उत्तर भारत के राजा थे उन्होंने मुगलों से जम कर लोहा लिया था
भारत में वैदिक चिंतन या दर्शन के अनुसार इस गहन व जटिल रहस्य को समझने के लिए परा तथा अपरा विद्या का नाम कहा गया। परा ब्रम्ह को जानने व साक्षात्कार करने की विद्या कहा गया और अपरा विद्या को जीवन के अन्य अनेक पक्षों को जीने की विद्या माना गया। भारत में आ
मैथिलीशरण गुप्त की प्रारम्भिक रचनाओं में 'भारत भारती' को छोड़कर 'जयद्रथ वध' की प्रसिद्धि सर्वाधिक रही। हरिगीतिका छंद में रचित यह एक खण्ड काव्य है। कथा का आधार महाभारत है। एका दिन युद्ध निरत अर्जुन के दूर निकल जाने पर द्रोणाचार्य कृत चक्रव्यूह भेदन के
यह कहानी एक पौराणिक कहानी पर। आधारित है जिसका अर्थ है की इंसान अपनी मेहनत और लगन से अपना भाग्य बदल सकता है
राष्ट्रकवि मैथिलीशरधा गुप्त की प्रस्तुत कविता 'झंकार' में भारतीय स्वतंत्रता-संघर्ष का स्वर नि-संदेह गुंजारित है। इस कविता में कवि की देशभक्ति स्वतंत्रता प्राप्ति की उत्कृष्ट आकांक्षा तथा भारतीय स्वाधीनता आंदोलन की उत्प्रेरणा का स्वर अनुगुजित है।
Part:- 1 दोस्तों मैं एक साइंस का स्टूडेंट रहा हूँ।इसलिए मेरा ज्यादा झुकाव साइंस कि तरफ ही है।फिर भी मैं हिस्टॉरिकल चीजों पर लिखना मुझे अच्छा लगता है और वो महत्वपूर्ण विचारऔर किये गए काम जो दूसरों से अलग करती हो। सुभाष चंद्र बोस एक बड़ा नाम देश की आज