जँहा चाह वहाँ राह ये शीर्षक कितना अच्छा लगता है जिंदगी में लेकिन जिसने इस राह से गुजर कर मंजिल पाया है उन्हें ही मालूम होता है की जँहा चाह वंहाँ राह में कितने मुश्किल को सामना करना पड़ता है।
ये कहनी सिया की है जिसने कितने मुश्किलों का सामना कर के जो उसने चाहा अपनी जिंदगी में वो पा लिया. सिया एक साधारण परिवार की लड़की है लेकिन उसके पापा के सपने बहुत बड़े हैं जो सपना को सरकारी अफसर बनाना चाहते हैं लेकिन क्या किस्मत उसका साथ देगी या नही ये तो पता नही क्यों कि सिया के पापा एक ड्राइवर हैं जो अपने मालिक के पास रहते हैं और सिया अपने परिवार के साथ एक छोटे से गाँव में जँहा उसका परिवार रहता है सिया अपने परिवार कि सबसे छोटी और लाडली है उसके पापा उसे बहुत प्यार करते हैं। वैसे सिया सबकी लाडली है पर अपने पापा की कुछ जायदा। सिया पढ़ाई में भी बहुत होशियार है उसे पढ़ाई करना अच्छा लगता हैवो अपने पापा से हमेशा कहती थी की पापा मैं आपके सपने को पुरा कर पाऊँगी न उसके पापा हमेशा कहते थे जँहा चाह होती है वंहाँ मंजिल मिल ही जाती है बस कोशिश करना नही छोड़ना चाहिए क्यों की अगर हम कोशिश नही करेंगे तब हमें कैसे मिलेगी मंजिल। वो पापा से बोलती थी पापा चाहे मेरी और आप के जिंदगी में जितनी मुश्किल आये हम अपनी मंजिल पा के ही दम मरेंगे उसके पापा उसके सर पर प्यार से हाथ रख कर उसे ढ़ेर सारा आशीर्वाद देते थे
वो खुश हो जाती थी।
सिया के घरबाले और अगल बगल वाले हमेशा उसके पापा को कहते बेटी को तो आप बेटों से कम प्यार नही करते हैं और वो बस मुस्कुरा देते थे । सिया थी ही इतनी तेज की हर जगह वो हाजिर रहती थी चाहे वो
पढ़ाई हो या खेल या घर के काम सब काम वो छूटकी बजा के कर लेती थी। उसके पापा कहते थे मेरी सिया को किसी कि नजर न लगे।
लेकिन कहते हैं न जिंदगी में बुरा वक्त कब किसी के जिंदगी में दस्तक दे दे कुछ कहना मुश्किल है जैसे आज सिया के पापा घर आये थे बच्चों कि ख़ुशी का क्या कहना सब खुश थे। सिया भी बहुत खुश वो अपने पापा
के साथ खुब सारी बातें कर रही थी। अपनी आगे की पढ़ाई के बाड़े में आगे कैसे क्या करना है रात बहुत हो चुकी थी। सब सोने चले गये सिया अकेले बैठ कर सोच रही है कि मेरे पापा कैसे सारा इंतजाम करेंगे वो सोचती है की आगे कि पढ़ाई छोड़ दूँ या करुँ यही सब सोचते वो सो जाती है। सुबह हुई तब उसके पापा बोले आज मेरी सिया बहुत देर तक सोई रही क्या बात है सब ठीक है न
वो वोली कुछ नही सब ठीक है। आज पापा उसके काम पे जा रहे थे सिया भी अपनी पढ़ाई करने चली गई
लेकिन सब इस हादसे से अनजान थे की आज क्या होने वाला है। अभी कुछ देर बाद फ़ोन की घंटी बजती है फ़ोन पर किसी ने ये बातया कि सिया के पापा अस्पताल में हैं उनका एक्सीडेंट हो गया है। सिया के घर में सब रोते हुए अस्पताल पहुंचे सिया भी अपने पापा को देख कर रोने लगी उसके पापा इशारों से पास बुलाया और सर पता हाथ रख कर हमेशा के लिए सब को रोता बिलखता छोड़ कर चले गये।सिया पर तो अब मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। अब वो अकेले कैसे सारी जिम्मेदारी निभाएगी यही सोच कर वो परेशान थी लेकिन अपने हिम्मत को हारने नही दिया। उसके पापा उसे हमेशा कहते थे जिंदगी में बुरा वक्त सभी के साथ आता है लेकिन हिम्मत नही खोना चाहिए। सिया अपनी पढ़ाई भी कर रही थी साथ में अपने परिवार का ध्यान भी रख रही थी। सिया को अपनी मंजिल पाना मुश्किल लग रहा था लेकिन वो हार मानने के लिए तैयार नही थी उसके पापा उससे कहते थे की जँहा चाह होगी वंहाँ रास्ते मिल ही जायँगे तुम कोशिश करते रहना। सिया ने सोचा अपने आस पास वाले से मदद मांगते हैं। उसने सोचा मदद मांगने में क्या जाता है लेकिन उसके आस पास सब बहुत अच्छे लोग थे सब ने उसकी मदद की जिनके पास जो चीज थी उससे लोंगो ने मदद की। उसके हौसले की तारीफ करनी पड़ेगी उसने अपनी हिम्मत हारने नही दिया। ऐसी मुश्किल काश किसी के जिंदगी में ना आये जैसी मुश्किल का सामना सिया ने किया वो तो उसी को पता होगा जिसने मुश्किलों का सामना किया हो। आज सिया सभी मुश्किलों का सामना करते हुए अपने मंजिल पा ली। वो पुलिस ऑफिसर बन गई थी आज उसके पापा उसके साथ नही थे बस यही कमी उसे रुला रही थी उसे तो यकीन ही नही हो रहा था की वो इतनी सारी मुश्किलों का सामना करते हुए अपने पापा के सपनों को पूरा किया। बहुत ही हिम्मत दिखाई उसने. वो अपने पापा के तस्वीर के पास खड़े हो कर कह रही थी पापा आप हमेशा कहते थे न की जँहा चाह होती है वंहाँ राह मिल ही जाती बस अपने हौसलों को कभी खोने ना देना चाहे कितनी मुश्किल आ जाय जिंदगी में