त्यहारों की याद तो सबको आती है
ऐसा कोई नही है जो त्यहारों को
याद नही करता है
वो पल जो हमसब मिलकर
हँसते रोते गाते रूठते
मानते गुजारे वो पल
किसी त्योहार से कम
थोड़े ना था
कुछ लोग अपना दर्द बता देतें हैं
कुछ अपना दर्द छुपा लेते हैं
बस फर्क इतना ही होता है
कोई कह नही पाता है अपनों
से दूर होके
कुछ भूल भी जाते हैं
अपनों के साथ बीतये
त्योहारों वाले वो पल
कुछ भूल जाने का बहान
भी करते होंगे
पर त्यौहार की याद तो सबको
आती होगी न
वो सुनहरी यादें वो मिठाई की
खुशबू
वो स्वादिस्ट पकवानों की
महक आज भी यादों में
बसी है
त्योहारों पे अपनों की आने की
ख़ुशी
अपनों के चेहरे पर ख़ुशी ला
देती थी
बड़ा ही प्यारा वो पल होता था
जब खबर आती थी
की त्योहारों पर आना है
सब अपनी अपनी तैयारी में
लग जाते थे
कितनी खुशियाँ मिलती थी
सबके चेहरे खिल जाते थे
अपने जो आने वाले हैं
खास कर जब माँ बाबा
बूढ़े हो जाते हैं तब और
ही उन्हें और अच्छा लगता है
इसी त्योहारों के बहाने मेरे
बच्चे मेरे पास आएंगे
सच्ची बात है न।
त्योहारों की याद बचपन
के बीते पलों जैसी
मीठी मीठी याद बनकर
रह जाती है।
अभी भी त्यौहार के नाम
से जिंदगी में उमंग और
उलसास छा जाती है।
त्योहार की यादें होती ही
ऐसी ही।
अच्छा अब मैं चलती हूँ क्योंकि हमारे यंहाँ महापर्व छठ शरू हो गया जो चार दिनों का पर्व होता सब को बहुत काम रहता है सब अपने अपने घरों में व्यस्त हो जाते हैं
बहुत ही अच्छा लगता है। सब लोग दूर दूर से अपने घर आते हैं जो नही आते हैं वो वही छठ पूजा करते हैं जँहा पर रहते हैं चाहे वो देश हो या विदेश।बहुत ही आस्था और विश्वास का पर्व है ये जँहा लोग डूबते और उगते सूरज की पूजा करते हैं। बहुत ही मान्यताओं का पर्व है
ये महपर्व राम के युग में हुआ था और महभारत में भी
इस पर्व का वर्णन किया गया है।
आप सभी को भी छठ पूजा की ढेर ढेर सारी शुभकामनायें 🙏🙏🙏🙏आप सभी की सारी मनोकामना पूर्ण करें यही प्रार्थना है