हमसफ़र की बातें तो बहुत सुनी है
हमसफ़र के किस्से भी बहुत लिखें
गये हैं
हमसफ़र तो वो भी होते हैं ज़ो सफऱ
करते जिंदगी में टकरा भी जाते हैं
हमसफ़र वो भी होते हैं ज़ो जिंदगी
में अधूरे सफर में छोड़ कर चले भी
जाते हैंअधूरा सा जिंदगी जीने के लिए
बहुत ही अकेला पन होता है जब
ऐसे मोड़ पड़ हाथ छुड़ा कर चले
जाते हैं जँहा तन्हायाँ ही साथ बन कर
हमसफ़र बन जातें हैं
उन्हीं के साथ दिन गुजारतें हैं और रातें
वही बन जातें हैं
अकेले पन के हमसफ़र
बहुत ही प्यारा होता है न हमसफ़र
के साथ गुजारा हुआ हर लम्हा
अगर हमसफ़र साथ न हो तब वो
हर लम्हा एक कैद में गुजरता है
ज़ो जिन्दा रह कर रब से हर वक्त
अपनी रिहाई मांगते रहता है
अब तो मेरी फरियाद सुनलो
मुझे भी अपने हमसफ़र के पास
जाना है
अब अकेले रहा नही जाता हैअपने
हमसफ़र से जुदा हो कर
रब से यही दुआ है अगर जिंदगी का सफर हो
तो हर किसी का अपने हमसफ़र