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कृष्ण

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गीता में कृष्ण ने कहा कि हे भारत (अर्जुन) ! जब जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब- तब ही मैं व्यक्त रूप में प्रकट होता हूँ. लेकिन वही गीता में अर्जुन से कहा है कि मैं इस सृष्टि का प्रयोजक हूँ इसलिए कर्मो से नहीं बंधता. कर्म से वो बंधते

अपनी नाक़ामियाबी को हम दुसरो पर थोप कर अपनी कमियों पर पर्दा डाल लेते है. और अपनी कामियाबियों पर खुश हो लेते है. आज कहाँ है से हम नावाकिफ़ बने रहते है. जो गुज़र गया उसे भूल जा, जो है हो रहा उसे जान ले. तेरे सर पे जो कभी ताज था, वो उस वक्त का कमाल था,

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पूरे देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दो दिन मनाई जा रही है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने की कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मध्य रात्रि को हुआ था. उस समय चंद्रमा वृष राशि यानी रोहिणी न

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श्री कृष्ण जन्म महोत्सवरविवार 2सितम्बर 2018 को स्मार्तों की श्री कृष्ण जन्माष्टमी है और सोमवार 3 सितम्बर कोवैष्णवों की श्री कृष्ण जयन्ती है | उससे पूर्व कल यानी शनिवार 1 सितम्बर को भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम की जयन्ती है | सर्वप्रथम सभी को बलभद्र जयन्ती और श्री कृष

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भगवान कृष्ण का जन्मदिन कृष्णा जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। पिछले 5100 सालों से, कृष्ण का जन्म मनाया जा रहा है। लेकिन कृष्ण ने कहा हैं, "मैं कभी पैदा नहीं हुआ हूं।" जन्माष्टमीभक्तोंकेलिएबहुतमहत्वरखती हैं||यहएकवार्षिकउत्सवहैजोभगवानकृष्णकेजन्मकोचिन्हितकरतीहै

अर्जुन का महाभारत के युद्ध के समय, युद्ध ना करने का निर्णय अर्जुन का अहंकार था. ज्यादातर लोग उसके इस निर्णय का कारण मोह मानते है, परन्तु भगवान् कृष्ण इसे उसका अहंकार मानते है. जिस युद्ध का निर्णय लिया जा चूका है, उस युद्ध को अब

सनातन धर्म में कर्म और धर्म दोनों की ही व्याख्या की गई है , पर तथाकथित हिन्दू इन दोनों ही शब्दों का अर्थ अपनी सुविधा के अनुकूल प्रयोग करते रहे है. सनातन धर्म की सुंदरता इसमें है कि उसमे सभी विचार समा जाते है. यही कारण है कि लोग

सफलता या असफलता दोनों के लिए ही कोई कारण होता है , बिना किसी कारण के ना तो सफलता मिलती है ना ही कोई असफल होता है . यह कारण मनुष्य को स्वयं बनाना होता है अपने कर्म से . सफलता या असफलता दोनों से ही मत्त्वपूर्ण है कर्म . सफलता से सुख का अनुभव होता है तो असफलता से दुःख का , औ

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