shabd-logo

लाहौर वाली चाई जी

20 नवम्बर 2023

9 बार देखा गया 9
लाहौर वाली चाई जी

बूढ़ी हो चुकी  चाईजी अभी भी बातों बातों में अपने बचपन में पहुंच जाती हैं ।पूरी जिंदगी जिम्मेदारियों को पूरी करते करते ,कभी भी बचपन की यादों को अलग न कर पाई ।
छोटी सी उम्र में नए नए कपड़े पहनने के शौक के कारण शादी के लिए अपनी बीजी से कहती 
अपनी मां को बहुत सारा जेवर पहने देखकर खुद भी पहनने को जिद्द करती तब बीजी कहती, तेरी शादी में देंगे तो चुलबुली चाई जी ने जल्दी-जल्दी ब्याह कराने की जिद पकड़ ली, और चाई जी से शादी करने एक मुंडा आया था अपने पूरे गांव को लेकर।
बहुत सारे बाराती आएं ,चाई जी अपनी शादी में बहुत खुश थीं ।
चाई जी को बारातियों के लिए बने खाने के लिए, खेलते हुए बच्चों के साथ खाने की जिद करता देख मां ने बहुत प्यार से शांत कराया था ।
दूल्हे को भी साथ खिलाने के लिए अपने भाई-बहनों को मना रही थी।
मां ने समझाया था जब उसके घर जाना ,तब खेलना दूल्हे के साथ ,छोटे बच्चों की तरह चाई जी और उनके दूल्हे को पकड पकड कर शादी की हर रस्मकरवाई जा रही थी। 3 दिन बारात रूकी थी ,3 दिन तक साथ रहने पर उनका दूल्हा उनकी बच्चा मंडली का लीडर हो गया ।
तीन दिन बाद बारात जब वापस आने लगी ,तो वह चाई जी को भी साथ ले जाना चाहता था ,उसे समझाया कि थोड़े दिनों बाद यह हमारे साथ ही रहेगी ।
दूल्हा परिवार के साथ वापस अपने गांव चला गया, फिर कभी नहीं आया। चाई जी पूरी जिन्दगी भर उस दूल्हे  की शक्ल को अपने से दूर नहीं कर पाई है ।
बंटवारे की टीस कभी भी उनको कुरेदने लगती है ,लाहौर के मशहूर लेडीज टेलर थे चाई जी  के पिताजी ।अचानक सब कुछ अपनी शादी में बने नए नए कपड़े  छोड़कर, पूरे परिवार के साथ रात में ही सब अपना सब कुछ छोडकर भाग रहे थे ।चाईजी को उनके पिताजी बिस्तरों में छुपा कर लाए थे, भागते भागते चाई जी का परिवार जगह जगह कैम्पों में रुकते रुकते दिल्ली में बनी कालोनी पंजाबी बाग में ही अपने कुछ लोगों के बीच रहने लगे ।
मेहनत से घर बना लिया पर जिंदगी भर रिफ्यूजी होने का दर्द अपने से अलग ना कर पाए ।
चाई जी का परिवार गुरुद्वारा में रोज जाकर मन की शान्ति तलाशता ।
गुरुद्वारे में चाई जी लंगर के लिए बन रहे कडा प्रसाद बनाने में लग कर आनन्द की अनुभूति महसूस करती ।
अपने लोगों से मिलकर पुराना याद भी करतीं पर, दर्द को भूलने की भी कोशिश करती ।लाहौर की यादें उनकी रग रग में रमी हुई थी, उनके हर किस्से में लाहौर की बातें होती इसलिए सब उनको लाहौर वाली चाई जी कहकर बुलाते ।

अपने सरदार जी के दर्द के आगे चाई जी को अपना दर्द हमेशा छोटा नजर आया ।बंटवारे से पहले, सरदार जी की शादी हो चुकी थी और वहां उनकी तीन बेटियां थी बेटियों और पत्नी को साथ लेकर भागना मुश्किल था उनके लिए ,और उपद्रवियों के हाथ अपनी बेटियों की इज्जत को सौंपना गवारा ना था, उन्होंने घर से निकलने से पहले अपनी तीनों बेटियों और पत्नि की अपनी तलवार से गर्दन काट दी थी ,और  जैसे छिपकली की  पूछ कटने पर बहुत देर तक फड़कती है, बहुत देर तक पड़ती रहती है उन्होंने अपनी तीनों बेटी और पत्नी के सिर को बहुत देर तक छिपकली की पूंछ की तरह उछलते देखा था ,और सुन्न हुए वहीं देर तक बैठे रहे, तब वहां से किसी ने उनको खींचकर बाहर निकाला था ।
बूढ़े सरदार जी के हाथ में अपने बेटी को सौंपते हुए चाई जी के पिता निश्चिंत हो जाना चाहते थे ।
यहां आकर उनकी चार बेटियां और दो बेटे हुए धीरे-धीरे चाई जी  अपनी जिम्मेदारियों को पूरी करती जा रही थी पर हमेशा उनके अंदर अनहोनी होने का खतरा महसूस करतीं ।
बेटियों की शादी करने के बाद और बहू को अपनी गृहस्थी सौंपने के बाद ,सरदार जी शांत हो गए और चाई जी  सब बच्चों के होने पर भी अकेली रह गयीं ।और लोगों के घरों खुशी खुशी बारातियों का खाना बनाने में उनको आनंद आता था ,और लोगों को उनके हाथ का खाना इतना पसंद आता कि आंखे मूंदकर लोग अपने बच्चों  की शादीयों में रसोई की जिम्मेदारी चाई जी को सौंप देते ।
पर आज भी आपस में किसी को बहस करते देख चाई जी कोई अनहोनी की आशंका से घबराकर बीचबचाव कर बहस को शान्त कराने की जी तोड कोशिशें करती हैं ।
21
रचनाएँ
कुछ तो कहो प्रियंवदा
0.0
हर चेहरा कुछ ना कुछ कहानियों को संजोता है ,हमारे आसपास बिखरी पड़ी है  कुछ कहानीयों की महक ,हमारी यादो से निकल संवरतीं हैं ,कुछ कहानियां । आसपास कितनी अनकही कहानियां ,उनको शब्दों में पिरोने की छोटी सी कोशिश है मेरी। कहानियों के सफर में मेरे सहयात्री बनकर आप मेरे सफर को यादगार अवश्य बनाएंगे ।
1

ममता आंटी

20 नवम्बर 2023
2
1
0

ममता आंटीमम्मी पापा ने मेरा नाम मुकुल रक्खा, पर मैं तो ममता आन्टी का मिट्ठू हूं आज तक ।ममता आन्टी को मैंने कह रक्खा है ,मेरे को हमेशा मिट्ठू कहकर ही बुलाएं, जब कभी वह मुकुल कहकर बुलातीं है तो अज

2

बहू की माँ भी मां ही होती है

20 नवम्बर 2023
1
0
0

बहू की माँ भी मां ही होती है मशहूर बिजनेसमैन अवनीश की बेटी की शादी को एक हफ्ता ही तो बचा है ,अवनीश अपनी बेटी की शादी को यादगार शादी बनाने के लिए पानी की तरह पैसा बहाने में व्यस्त हैं

3

पीपली

20 नवम्बर 2023
0
1
0

पीपलीपीपली नाम कुछ अजीब सा सुनने में लगता है ,पर कब पीपली अपनी संतो दादी की प्यारी सी बटुआ बन गई ,दादी को ही पता ना चला ।अपने कलेजे से लगा कर रखती दादी संतो पीपली को ।मजाल क्या पीपली के बारे में

4

लाहौर वाली चाई जी

20 नवम्बर 2023
0
0
0

लाहौर वाली चाई जीबूढ़ी हो चुकी चाईजी अभी भी बातों बातों में अपने बचपन में पहुंच जाती हैं ।पूरी जिंदगी जिम्मेदारियों को पूरी करते करते ,कभी भी बचपन की यादों को अलग न कर पाई ।छोटी सी उम्र में नए न

5

कस्तूरी दादी और बंटवारे का दंश

20 नवम्बर 2023
0
0
0

कस्तूरी दादी और बंटवारे का दंशकस्तूरी दादी रोज शाम को बच्चों की तरह पार्क में जाने के लिए घड़ी देखती रहती ,और इधर मैं भी रोज पार्क में जाने के लिए मचलते बच्चों को लेकर पहुंच जाती ,बच्चे भी बंद घरों की

6

राधा रानी की निधि

20 नवम्बर 2023
0
0
0

राधा रानी की निधिपीयूष के साथ काम कर रही निधि कब पीयूष की पसंद बन गई ,पीयूष को पता ही ना चला।निधि अपने लक्ष्य पर हमेशा केंद्रित रहती और अपनी टीम के किसी भी साथी की काम के प्रति ढिलाई निधि को कभी मंजूर

7

दादी का विवाह एक क्रूर परम्परा

20 नवम्बर 2023
0
0
0

दादी का विवाह एक क्रूर परम्परासुबह जल्दी से नहां कर ,सूरज को जल चढ़ा कर, रामायण पाठ कर, तुलसी की पूजा करके ही दादी के मुंह में पानी जाता ।शाम को मौहल्ले के सभी बच्चों को एकत्र कर जोतबाती करती दा

8

सांवली सुषमा

20 नवम्बर 2023
0
0
0

सांवली सुषमासांवली सुषमा कभी भी अपनी इच्छाओं को जगा नहीं पाई ।कितनी बार कितने लड़कों का परिवार लड़की देखने के नाम पर ,पसंद के नाम पर रिजेक्ट का तम्गा ऐसे दे जाते जैसे किसी एसोसिएशन ने इंटरव्यू के नाम

9

पुश्तैनी हवेली

20 नवम्बर 2023
0
0
0

पुश्तैनी हवेली ब्यूटी पार्लर से लौटी छोटी बहू को देखते ही, आगन में चारपाई पर बैठी, सासु कल्याणी ने बोलना शुरू कर दिया, अपने चेहरे को चमकाने की कितनी फिक्र है हमारी बहू को, जब देखो ब्यूटी पार्लर म

10

घर का अस्तित्व

20 नवम्बर 2023
0
0
0

घर का अस्तित्व सुनैना का दिन सुबह चार बजे से घर के कामों से शुरू होकर दोपहर बारह बजे तक,थोड़ा सा थमता ,सुबह 5:00 की बस पकड़नी होती है उसके पति और देवर को ,दूसरे शहर में अपने ऑफिस पहुंचने के

11

माँ की सरसरी नजर

20 नवम्बर 2023
0
0
0

माँ की सरसरी नजररिचा अपने आप को अब बड़ा समझने लगी है ,उसको अपनी मम्मी की हर बात पर टोका टाकी बिलकुल अच्छी नहीं लगती ।अपनी सहेलियों के सामने अपनी मां की उपस्थिति या मां का बोलना देख उसको अंदर तक

12

मधु की सफलता की सफलता

20 नवम्बर 2023
0
0
0

मधु की बेटी का नाम अखबार के मुख्य पृष्ठ पर देख, सुबह से ही बधाई भरे फोन आ रहे थे।निहारिका ने सीए की परीक्षा में प्रदेश में दशवां ,और अपने जिले में पहला नंबर लिया था ।मोहल्ले वाले तो मिठाई का डब्बा लेक

13

मनोरमा की समझदार बेटी

20 नवम्बर 2023
0
0
0

देर से आई रश्मि से ,जब मां ने देरी का कारण पूछा और फोन क्यों नहीं किया पूछने पर, रश्मि ने तेज आवाज में एक लाइन का उत्तर पकड़ा दिया, ऑफिस की छुट्टी के बाद दोस्तों के साथ शॉपिंग और मूवी के लिए गई

14

जेठानी की लाडो नीता

20 नवम्बर 2023
0
0
0

छोटी-छोटी बातों पर नीता अपनी जिठानी से बहस करने लगतीे,फिर जिठानी को थोड़ी देर में मना भी लेती।दोनों जब बहस कर रही होती ,तो सासू मां सबसे कहती,कौन पड़े उनके झगड़े में अभी भिडी पड़ी है लग रहा है पता नही

15

सुधा अब बड़ी हो गई

20 नवम्बर 2023
0
0
0

अमीर खानदान के चिराग, सुमित के लिए उसकी जोड़ की लड़की तलाशने के नाम पर, लड़कियां देखने की रस्म निभाते निभाते ,पूरे कुनबे ने लड़की देखने के नाम पर एक से एक सुंदर और कार्य कुशल लड़कियों में

16

माँ के हाथ की रोटी

20 नवम्बर 2023
1
1
1

माँ के हाथ की रोटीसुनो मां के सुहाल आपकी मम्मी आ रही हैं,हमारे पास। बच्चे भी बहुत खुश हैं दादी के आने की खबर सुनकर ।शिल्पा ने अनुज से कुछ बात करने की शुरुआत करने को कहा, बडी दबी आवाज में कहने की कोशिश

17

रश्मि का जन्मदिन

20 नवम्बर 2023
0
0
0

रश्मि की ननंद गिरजा अपनी और अपने बच्चों के स्कूल की गर्मियों की छुट्टी में मायके आई हुई है ।रश्मि की ननद नीरजा पहली बार भाभी के साथ छुट्टियां बिताने आई है क्योंकि अभी दिसंबर में ही तो रश्मि और उसके भा

18

विनीत की विनीता

20 नवम्बर 2023
0
0
0

मैथिली जब भी कुछ परेशान होती ,तो अपनी सासू मां को अपने पास तलाशती और दूर गांव में बैठी सासू मां से फोन पर दो बातें कर सुकून को सहेजती अपने साथ ।मां जी उसके पास से जब भी जाती ,तो कितना खाली खाली

19

माँ का बैंक बैलेंस

20 नवम्बर 2023
0
0
0

मां मैंने आपको तीस हज़ार पापा से किसी तरह लेकर घर में ऐसी लगवाने को दिए थे, पर यह क्या ,आपने अपने घर में बर्तन धोने वाली को उसके बेटे के इलाज के लिए दे दिए, आपकी यह समाज सेवा हमारे लिए सर दर्द बनती ज

20

छोटी बहू

20 नवम्बर 2023
0
0
0

बड़े घर की बहू बन कर आई सुनीता शुरू में बहुत खुश रहकर ,सब को खुश रखने की कोशिश करतीे । पर घर की औरतों को पता था ,बहू को कैसे रखा जाता है, भूरी बुआ का कहना रहती, बहू को जरा़ शुरू से ही मुट्ठी में रखो,

21

सविता ताई

20 नवम्बर 2023
1
0
0

सविता ताई मुखर्जी साहब रेलवे विभाग में काम करते हुए एक अच्छी पोस्ट से रिटायर हुए । चार बेटे और दो बेटियों के माता-पिता, मुखर्जी दंपत्ति अपनों और अपने सामाजिक परिवेश में अपने सौम्य और आकर्षक व्य

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए