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माँ के हाथ की रोटी

20 नवम्बर 2023

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माँ के हाथ की रोटी


सुनो मां के सुहाल आपकी मम्मी आ रही हैं,हमारे पास। बच्चे भी बहुत खुश हैं दादी के आने की खबर सुनकर ।
शिल्पा ने अनुज से कुछ बात करने की शुरुआत करने को कहा, बडी दबी आवाज में कहने की कोशिश की, मैं सोच रही हूं कि, आप रोज आफिस में मां के हाथ की बनी रोटी ही ले जाना ।
सुनते ही अनुज शिल्पा पर भडक गया, शिल्पा तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या, मां अभी आई नहीं, काम का बंटवारा कर दिया तुमको कुछ शर्म नहीं आई ,तुम्हारे होते हुए  मां रसोई में रोटी बनाएगी, कल बरतन ,झाडू पोछा भी बोल देना, तुमको मां के आने से इतनी दिक्कत थी, तो पहले ही बता देती, तुम्हारे घर में होता होगा ऐसा ।
इतना सुनने के बाद शिल्पा बोल उठी, हां मेरे मायके में यही तो नहीं देखा मैंने, जिनके हाथों का खाना खाकर बडे हुए मेरे भाई , उनको मां के हाथ का खाना अब अच्छा नहीं लगता, मां के बढे हुए कदम रसोई की तरफ रोक देती है भाभी की आवाज़, मांजी आपको इनकी पसन्द नहीं पता, मैं आज इनकी पसन्द का खाना बनाऊंगीं।
मेरी मां की आत्मा बसती है रसोई में, छोटी सी उम्र में दुल्हन बनकर आईं थी, और दादी जी ने आते ही रसोई की जिम्मेदारी बडी बहू होने के नाते मां पर ही डाल दी, और मां ने सबकी पसंद का हमेशा ध्यान अपनी रसोई रूपी छोटी सी दुनिया में रक्खा ।
अब मेरी मां के कान तरस गए ,यह सुनने को कि मां आपके हाथ की चाय का जवाब नहीं, एक कप चाय और बना देना, साथ में कुछ अपने हाथों बनी मठ्ठी भी ले आना, ।
मां अब उदास होकर बूढी बूढी हो रही है ।
मैं नहीं चाहती, आपकी मां को उनकी दुनिया से बिलकुल दूर किया जाए, अपने बच्चे के लिए मां कभी बूढी नहीं होती ।
शाम को मां के आते ही खुशी की लहर घर में दौड गई, रात में डिनर टेबल पर अनुज मां के हाथ अपने हाथों में लेकर बोलने लगा, मां तुम्हारे हाथ की रोटी खाए बिना पेट नहीं भरता मेरे लिए अब आप एक दो रोटी बना दोगी न, हां कल मैं दिन की शुरुआत आपके हाथों बनी चाय के साथ करने वाला हूं, मां ने कहा, हां मेरे मीठे सुहाल, तभी बच्चे भी बोलने लगे ,अब हम रोज दादी के साथ पार्क घूमने जाएंगें ।
दादी को भी आज बहुत अच्छा लग रहा था ।
मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर लिखा है आपने 👌 आप मुझे फालो करके मेरी कहानी पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

21 नवम्बर 2023

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रचनाएँ
कुछ तो कहो प्रियंवदा
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हर चेहरा कुछ ना कुछ कहानियों को संजोता है ,हमारे आसपास बिखरी पड़ी है  कुछ कहानीयों की महक ,हमारी यादो से निकल संवरतीं हैं ,कुछ कहानियां । आसपास कितनी अनकही कहानियां ,उनको शब्दों में पिरोने की छोटी सी कोशिश है मेरी। कहानियों के सफर में मेरे सहयात्री बनकर आप मेरे सफर को यादगार अवश्य बनाएंगे ।
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ममता आंटी

20 नवम्बर 2023
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बहू की माँ भी मां ही होती है

20 नवम्बर 2023
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बहू की माँ भी मां ही होती है मशहूर बिजनेसमैन अवनीश की बेटी की शादी को एक हफ्ता ही तो बचा है ,अवनीश अपनी बेटी की शादी को यादगार शादी बनाने के लिए पानी की तरह पैसा बहाने में व्यस्त हैं

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पीपली

20 नवम्बर 2023
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पीपलीपीपली नाम कुछ अजीब सा सुनने में लगता है ,पर कब पीपली अपनी संतो दादी की प्यारी सी बटुआ बन गई ,दादी को ही पता ना चला ।अपने कलेजे से लगा कर रखती दादी संतो पीपली को ।मजाल क्या पीपली के बारे में

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लाहौर वाली चाई जी

20 नवम्बर 2023
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लाहौर वाली चाई जीबूढ़ी हो चुकी चाईजी अभी भी बातों बातों में अपने बचपन में पहुंच जाती हैं ।पूरी जिंदगी जिम्मेदारियों को पूरी करते करते ,कभी भी बचपन की यादों को अलग न कर पाई ।छोटी सी उम्र में नए न

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कस्तूरी दादी और बंटवारे का दंश

20 नवम्बर 2023
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कस्तूरी दादी और बंटवारे का दंशकस्तूरी दादी रोज शाम को बच्चों की तरह पार्क में जाने के लिए घड़ी देखती रहती ,और इधर मैं भी रोज पार्क में जाने के लिए मचलते बच्चों को लेकर पहुंच जाती ,बच्चे भी बंद घरों की

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20 नवम्बर 2023
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राधा रानी की निधिपीयूष के साथ काम कर रही निधि कब पीयूष की पसंद बन गई ,पीयूष को पता ही ना चला।निधि अपने लक्ष्य पर हमेशा केंद्रित रहती और अपनी टीम के किसी भी साथी की काम के प्रति ढिलाई निधि को कभी मंजूर

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दादी का विवाह एक क्रूर परम्परा

20 नवम्बर 2023
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दादी का विवाह एक क्रूर परम्परासुबह जल्दी से नहां कर ,सूरज को जल चढ़ा कर, रामायण पाठ कर, तुलसी की पूजा करके ही दादी के मुंह में पानी जाता ।शाम को मौहल्ले के सभी बच्चों को एकत्र कर जोतबाती करती दा

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सांवली सुषमा

20 नवम्बर 2023
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सांवली सुषमासांवली सुषमा कभी भी अपनी इच्छाओं को जगा नहीं पाई ।कितनी बार कितने लड़कों का परिवार लड़की देखने के नाम पर ,पसंद के नाम पर रिजेक्ट का तम्गा ऐसे दे जाते जैसे किसी एसोसिएशन ने इंटरव्यू के नाम

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पुश्तैनी हवेली

20 नवम्बर 2023
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पुश्तैनी हवेली ब्यूटी पार्लर से लौटी छोटी बहू को देखते ही, आगन में चारपाई पर बैठी, सासु कल्याणी ने बोलना शुरू कर दिया, अपने चेहरे को चमकाने की कितनी फिक्र है हमारी बहू को, जब देखो ब्यूटी पार्लर म

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घर का अस्तित्व

20 नवम्बर 2023
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घर का अस्तित्व सुनैना का दिन सुबह चार बजे से घर के कामों से शुरू होकर दोपहर बारह बजे तक,थोड़ा सा थमता ,सुबह 5:00 की बस पकड़नी होती है उसके पति और देवर को ,दूसरे शहर में अपने ऑफिस पहुंचने के

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माँ की सरसरी नजर

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माँ की सरसरी नजररिचा अपने आप को अब बड़ा समझने लगी है ,उसको अपनी मम्मी की हर बात पर टोका टाकी बिलकुल अच्छी नहीं लगती ।अपनी सहेलियों के सामने अपनी मां की उपस्थिति या मां का बोलना देख उसको अंदर तक

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मधु की सफलता की सफलता

20 नवम्बर 2023
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मधु की बेटी का नाम अखबार के मुख्य पृष्ठ पर देख, सुबह से ही बधाई भरे फोन आ रहे थे।निहारिका ने सीए की परीक्षा में प्रदेश में दशवां ,और अपने जिले में पहला नंबर लिया था ।मोहल्ले वाले तो मिठाई का डब्बा लेक

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मनोरमा की समझदार बेटी

20 नवम्बर 2023
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देर से आई रश्मि से ,जब मां ने देरी का कारण पूछा और फोन क्यों नहीं किया पूछने पर, रश्मि ने तेज आवाज में एक लाइन का उत्तर पकड़ा दिया, ऑफिस की छुट्टी के बाद दोस्तों के साथ शॉपिंग और मूवी के लिए गई

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जेठानी की लाडो नीता

20 नवम्बर 2023
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छोटी-छोटी बातों पर नीता अपनी जिठानी से बहस करने लगतीे,फिर जिठानी को थोड़ी देर में मना भी लेती।दोनों जब बहस कर रही होती ,तो सासू मां सबसे कहती,कौन पड़े उनके झगड़े में अभी भिडी पड़ी है लग रहा है पता नही

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सुधा अब बड़ी हो गई

20 नवम्बर 2023
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अमीर खानदान के चिराग, सुमित के लिए उसकी जोड़ की लड़की तलाशने के नाम पर, लड़कियां देखने की रस्म निभाते निभाते ,पूरे कुनबे ने लड़की देखने के नाम पर एक से एक सुंदर और कार्य कुशल लड़कियों में

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माँ के हाथ की रोटी

20 नवम्बर 2023
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रश्मि का जन्मदिन

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रश्मि की ननंद गिरजा अपनी और अपने बच्चों के स्कूल की गर्मियों की छुट्टी में मायके आई हुई है ।रश्मि की ननद नीरजा पहली बार भाभी के साथ छुट्टियां बिताने आई है क्योंकि अभी दिसंबर में ही तो रश्मि और उसके भा

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विनीत की विनीता

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मैथिली जब भी कुछ परेशान होती ,तो अपनी सासू मां को अपने पास तलाशती और दूर गांव में बैठी सासू मां से फोन पर दो बातें कर सुकून को सहेजती अपने साथ ।मां जी उसके पास से जब भी जाती ,तो कितना खाली खाली

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माँ का बैंक बैलेंस

20 नवम्बर 2023
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मां मैंने आपको तीस हज़ार पापा से किसी तरह लेकर घर में ऐसी लगवाने को दिए थे, पर यह क्या ,आपने अपने घर में बर्तन धोने वाली को उसके बेटे के इलाज के लिए दे दिए, आपकी यह समाज सेवा हमारे लिए सर दर्द बनती ज

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छोटी बहू

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बड़े घर की बहू बन कर आई सुनीता शुरू में बहुत खुश रहकर ,सब को खुश रखने की कोशिश करतीे । पर घर की औरतों को पता था ,बहू को कैसे रखा जाता है, भूरी बुआ का कहना रहती, बहू को जरा़ शुरू से ही मुट्ठी में रखो,

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सविता ताई

20 नवम्बर 2023
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सविता ताई मुखर्जी साहब रेलवे विभाग में काम करते हुए एक अच्छी पोस्ट से रिटायर हुए । चार बेटे और दो बेटियों के माता-पिता, मुखर्जी दंपत्ति अपनों और अपने सामाजिक परिवेश में अपने सौम्य और आकर्षक व्य

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