shabd-logo

पीपली

20 नवम्बर 2023

14 बार देखा गया 14
पीपली


पीपली नाम कुछ अजीब सा सुनने में लगता है ,पर कब पीपली अपनी संतो दादी की प्यारी सी बटुआ बन गई ,दादी को ही पता ना चला  ।
अपने कलेजे से लगा कर रखती दादी संतो पीपली को ।मजाल क्या पीपली के बारे में कोई कुछ कह दे संतो के सामने,दादी की आंखें ही काफी होती ।आप पीपली की प्रशंसा ही कर सकते हैं दादी संतों के सामने।
दादी संतो कोअपने बेटे की जोड़ी के लिए गोरी और सुंदर बहू ही चाहिए थी ,जिससे सब यही कहे संतों के तो भाग खुल गए, इतनी सुंदर बहू मिली साक्षात लक्ष्मी का अवतार। और किस्मत से संतो को अपनी रिश्तेदारी में ही अपनी पसंद की ,बेटे के जोड़ की लड़की मिल गई ।
सुंदर लड़की को देख खुद ही जा पहुंची ,मीना के घर बेटे के लिए रिश्ता मांगने ,अभी 12वीं में पढ़ रही थी अपने मां-बाप की बड़ी बिटिया होने के कारण घर के सभी कामों में निपुण रही मीना ।
सरकारी नौकरी वाले लड़के को देखकर मीना के मां-बापू ने भी खुशी-खुशी रिश्ते को हां कह दी ।दादी संतो को बचपन से ही अपनी प्रशंसा सुनने के अलावा दूसरा कोई शौक नहीं रहा ,अपना प्रशंसा सुन जगत् दादी संतों के चेहरे की चमक निखर उठती ।
दादी संतों की अपने बेटे के लिए सुंदर बहू लाने की इच्छा भी भगवान ने पूरी कर दी ।
पैसों से ठीक-ठाक रहीं दीदी की ग्रहस्थी, दादी के चेहरे की चमक और संतोष से कभी भी घर के किसी अभाव को किसी के सामने ना आने देती ।
गांव में सभी के साथ मधुरता का व्यवहार रखती ,सबकी बातें ध्यान से सुनती इसलिए उसका शुरू से नाम ही उनकी सास ने दादी रख दिया और वह जगत् दादी बन गई ,
और सब उनको संतो दादी ,संतो दादी बुलाया करते ।कभी किसी की परेशानी को सुनती तो तसल्ली जरूर देती ,पर अपने आप  किसी की मुसीबत के बारे में पूछ कर उसके जख्मों को ना कुरेदती ।
दादी संतो के पास बैठना सब को अच्छा लगता, दादी के घर और मन के दरवाजे हमेशा सबके लिए खुले रहते।  अजनबियों को भी अपना बना लेती उनकी सब की सुनने की आदत ।ऐसे तो गांव में कोई अजनबी होता ही नहीं। पर पता नहीं, संतों की कौन सी सनक जाट उठी, यह दादी को  भी ना पता चला ।


अपनी लाडली बहू मीना को चेतावनी दे डाली ,सुन ले मेरी बात ध्यान से  बहू मीना ,अगर छोरी हुई तो मंदिर के पीपल के पेड़ के नीचे रख अाऊंगी। बहू मीना भी हंसकर कहती  सच्ची में ,नन्ही सी जान को पीपल के पेड़ के नीचे रख कर आओगी ।दादी संतो कहती, मेरी बात पर यकीन नहीं है अगर छोरी हुई तो देख लेना ,मेरी पक्की बात ।
आखिर दादी के घर  पोती ही आ धमकी।
दादी संतो की बात याद  कर मीना ने भी कुछ मन में ठान लिया, मां इसको तो आप अपनी लाडली  पोती ही बनाओगी ।
जब आप पराओं को अपना बना लेती हो ,यह तो छोटी सी आपकी ही पोती है ।दादी संतो, दादी बनने पर खुश तो हुई पर पोती को देखना मतलब ही नहीं ।
दादी की बेरुखी देख, मीना बोली ठीक है मां छोरी को रख आओ, पीपल के नीचे ।मीना भी जानती थी कि नरम दिल वाली संतों मां ने कह तो दी इतनी बड़ी बात पर वचन ना निभा पाएगीं। बहू मीना की बात सुन,संतो दादी ने चौंककर पूछा सच्ची में रख आऊं, फिर मत उलहाना देना,।
हां मांजी अब यह छोरी जो किस्मत में लिखा कर लाई है, सो हो ,हमें क्या लेना देना। बहु मीना की बात सुन चल पड़ी दादी संतो सच में पोती को पीपल के पेड़ के नीचे रखने। दादी की गोद में पोती देख मंदिर में औरतें बोलने लगीं, संतो के घर लक्ष्मी आई है ,बधाई हो पर दादी संतो अपनी पोती को पीपल के पेड़ के नीचे रखकर वापस हो ली तभी पोती के रोने की आवाज से दादीे संतो के पैर तो रुके ,पर चाह नहीं ।तभी पास में पूजा कर रही  गांव की जगत् चाची बोली पडी संतो इसको  यहां क्यों पटक दिया रो रही है उठा पोती को।
  बच्ची के रोने की आवाज सुनकर दादी संतों की ममता भी जाग उठी ,बोल पड़ी संतो ,टोक दिया ना चाची तूने मैंने मन्नत मांगी थी अपने बेटे की पहली औलाद को इस पेड़ में  चढ़ाकर मत्था टिकवा कर ,अपनी गोद में लूंगी ।
  अभी मंदिर में दर्शन करके आ रही हूं ,संभाल के पकड़ ले मेरी पोती को अभी लेने आती हूं अपनी पोती को। सारे देवी देवताओं को मत्था टेक कर, मन ही मन माफी मांगी क्या करने जा रही थी मैं, एक नन्ही सी जान को ऐसे ही छोड़ कर जा रही थी ,भूखी प्यासी मर जाती, चीटियां खा जाती ,किस किस को जवाब देती फिरती, क्या जवाब देती अपने पाप की गठरी कितने जन्मों में  ढोती  ।
  दो मिनट से भी कम समय लगा पोती के पास आने में ,और जगत चाची की  गोद से लेकर छाती से चिपका लिया ।

मेरी पोती की छठी है कल शाम को आ जाना मेरे लिए घर के काम बहुत है ,जच्चा बच्चा के काम में सहारा देने के लिए कभी कभार आ जाया कर ,काम बटाने।
छाती से चिपकाए पोती को संतो लेकर घर चली आई और बहू को पोती दे और बोली, ले संभाल इसको मीना बोली आप तो ले आए अपनी पोती को।
अरे मैंने तो मन्नत मांगी थी अपने बेटे की पहली औलाद को पीपल के पेड के नीचे चढाऊंगी ,कल मेरी पोती की छठी है बहुत तैयारी करनी है पूरे घर की साफ सफाई करवानी है ।
कल मेरी लाडली पोती की किस्मत लिखी जाएगी।
गली मोहल्ले की औरतों से रतजगे के लिए भी बोलकर आना है ।
  बहू मीना की ममता दादी संतों की ममता के आगे टिक भी ना पा रही थी ।
  बहू मीना ने बिटिया का नाम मजाक मैं पीपली रख दिया ।
  दादी को पहले तो अजीब लगता था ,और वह मीना को डांट देती खबरदार मेरी पोती राधा को किसी उल्टे सीधे नाम से बुलाया ,
  

पर धीरे-धीरे लाड में लिए जाने वाले नाम से दादी भी बुलाने लगती ।छोटी सी राधा को अरे छोटी सी पीपली क्या कर रही है,दादी बुलाती ।
छोटी सी राधा को दादी हमेशा अपने साथ रखतीं ।अपनी थाली के साथ, छोटी सी थाली में खाना राधा के लिए भी लगवाती और गोद में बैठाकर को खाना खिलातीं ,दादी पोती एक साथ बैठतीं,खाना खाने के लिए ।
मंदिर भी सुबह शाम दोनों दादी पोती चल पडतीं साथ साथ।
कहीं से दादी के लिए  कीर्तन का बुलावा आता राधा रानी जाने के लिए पहले तैयार मिलतीं दरवाजे पर ।
दादी संतो बहू को बहू मीना बुलाती ,तो राधा की दादी की ओट लेकर बोलती बहू मीना दादी बुला रही है ।
बहू मीना यहां आना तो मेरे लिए एक गिलास पानी लेते आना ।
मीना की कहती हां पुरखिन लाती हूं ,अभी पानी ।
दादी संतो कह उठतीं मेरी राधा को डांटने की जरूरत नहीं है ,फिर धीरे-धीरे राधा को समझाती तेरी मां है ,नाम से नहीं बुलाते ।
कभी-कभी पुकारे जाने वाले पीपली नाम से राधा को चिढ़ होती ,दादी से शिकायत करती मुझको पीपली क्यों बुलाते हो पीपली क्या होता है ,तो बहू मीना कहती मैं बताऊं आजा मेरे पास मैं तेरे को बताती हूं पीपली क्या होता है ,तब दादी संतो कहती ना ना बेटा ,पीपली तो तेरे को मजाक में कहते हैं मेरी सबसे प्यारी सी सुंदर सी लाडो है ,इसलिए किसी की नजर ना लगे इसलिए तुझे पीपली कहते हैं और यह सुन बहू मीना मन ही मन खुश हो मुस्कुराती ।
21
रचनाएँ
कुछ तो कहो प्रियंवदा
0.0
हर चेहरा कुछ ना कुछ कहानियों को संजोता है ,हमारे आसपास बिखरी पड़ी है  कुछ कहानीयों की महक ,हमारी यादो से निकल संवरतीं हैं ,कुछ कहानियां । आसपास कितनी अनकही कहानियां ,उनको शब्दों में पिरोने की छोटी सी कोशिश है मेरी। कहानियों के सफर में मेरे सहयात्री बनकर आप मेरे सफर को यादगार अवश्य बनाएंगे ।
1

ममता आंटी

20 नवम्बर 2023
2
1
0

ममता आंटीमम्मी पापा ने मेरा नाम मुकुल रक्खा, पर मैं तो ममता आन्टी का मिट्ठू हूं आज तक ।ममता आन्टी को मैंने कह रक्खा है ,मेरे को हमेशा मिट्ठू कहकर ही बुलाएं, जब कभी वह मुकुल कहकर बुलातीं है तो अज

2

बहू की माँ भी मां ही होती है

20 नवम्बर 2023
1
0
0

बहू की माँ भी मां ही होती है मशहूर बिजनेसमैन अवनीश की बेटी की शादी को एक हफ्ता ही तो बचा है ,अवनीश अपनी बेटी की शादी को यादगार शादी बनाने के लिए पानी की तरह पैसा बहाने में व्यस्त हैं

3

पीपली

20 नवम्बर 2023
0
1
0

पीपलीपीपली नाम कुछ अजीब सा सुनने में लगता है ,पर कब पीपली अपनी संतो दादी की प्यारी सी बटुआ बन गई ,दादी को ही पता ना चला ।अपने कलेजे से लगा कर रखती दादी संतो पीपली को ।मजाल क्या पीपली के बारे में

4

लाहौर वाली चाई जी

20 नवम्बर 2023
0
0
0

लाहौर वाली चाई जीबूढ़ी हो चुकी चाईजी अभी भी बातों बातों में अपने बचपन में पहुंच जाती हैं ।पूरी जिंदगी जिम्मेदारियों को पूरी करते करते ,कभी भी बचपन की यादों को अलग न कर पाई ।छोटी सी उम्र में नए न

5

कस्तूरी दादी और बंटवारे का दंश

20 नवम्बर 2023
0
0
0

कस्तूरी दादी और बंटवारे का दंशकस्तूरी दादी रोज शाम को बच्चों की तरह पार्क में जाने के लिए घड़ी देखती रहती ,और इधर मैं भी रोज पार्क में जाने के लिए मचलते बच्चों को लेकर पहुंच जाती ,बच्चे भी बंद घरों की

6

राधा रानी की निधि

20 नवम्बर 2023
0
0
0

राधा रानी की निधिपीयूष के साथ काम कर रही निधि कब पीयूष की पसंद बन गई ,पीयूष को पता ही ना चला।निधि अपने लक्ष्य पर हमेशा केंद्रित रहती और अपनी टीम के किसी भी साथी की काम के प्रति ढिलाई निधि को कभी मंजूर

7

दादी का विवाह एक क्रूर परम्परा

20 नवम्बर 2023
0
0
0

दादी का विवाह एक क्रूर परम्परासुबह जल्दी से नहां कर ,सूरज को जल चढ़ा कर, रामायण पाठ कर, तुलसी की पूजा करके ही दादी के मुंह में पानी जाता ।शाम को मौहल्ले के सभी बच्चों को एकत्र कर जोतबाती करती दा

8

सांवली सुषमा

20 नवम्बर 2023
0
0
0

सांवली सुषमासांवली सुषमा कभी भी अपनी इच्छाओं को जगा नहीं पाई ।कितनी बार कितने लड़कों का परिवार लड़की देखने के नाम पर ,पसंद के नाम पर रिजेक्ट का तम्गा ऐसे दे जाते जैसे किसी एसोसिएशन ने इंटरव्यू के नाम

9

पुश्तैनी हवेली

20 नवम्बर 2023
0
0
0

पुश्तैनी हवेली ब्यूटी पार्लर से लौटी छोटी बहू को देखते ही, आगन में चारपाई पर बैठी, सासु कल्याणी ने बोलना शुरू कर दिया, अपने चेहरे को चमकाने की कितनी फिक्र है हमारी बहू को, जब देखो ब्यूटी पार्लर म

10

घर का अस्तित्व

20 नवम्बर 2023
0
0
0

घर का अस्तित्व सुनैना का दिन सुबह चार बजे से घर के कामों से शुरू होकर दोपहर बारह बजे तक,थोड़ा सा थमता ,सुबह 5:00 की बस पकड़नी होती है उसके पति और देवर को ,दूसरे शहर में अपने ऑफिस पहुंचने के

11

माँ की सरसरी नजर

20 नवम्बर 2023
0
0
0

माँ की सरसरी नजररिचा अपने आप को अब बड़ा समझने लगी है ,उसको अपनी मम्मी की हर बात पर टोका टाकी बिलकुल अच्छी नहीं लगती ।अपनी सहेलियों के सामने अपनी मां की उपस्थिति या मां का बोलना देख उसको अंदर तक

12

मधु की सफलता की सफलता

20 नवम्बर 2023
0
0
0

मधु की बेटी का नाम अखबार के मुख्य पृष्ठ पर देख, सुबह से ही बधाई भरे फोन आ रहे थे।निहारिका ने सीए की परीक्षा में प्रदेश में दशवां ,और अपने जिले में पहला नंबर लिया था ।मोहल्ले वाले तो मिठाई का डब्बा लेक

13

मनोरमा की समझदार बेटी

20 नवम्बर 2023
0
0
0

देर से आई रश्मि से ,जब मां ने देरी का कारण पूछा और फोन क्यों नहीं किया पूछने पर, रश्मि ने तेज आवाज में एक लाइन का उत्तर पकड़ा दिया, ऑफिस की छुट्टी के बाद दोस्तों के साथ शॉपिंग और मूवी के लिए गई

14

जेठानी की लाडो नीता

20 नवम्बर 2023
0
0
0

छोटी-छोटी बातों पर नीता अपनी जिठानी से बहस करने लगतीे,फिर जिठानी को थोड़ी देर में मना भी लेती।दोनों जब बहस कर रही होती ,तो सासू मां सबसे कहती,कौन पड़े उनके झगड़े में अभी भिडी पड़ी है लग रहा है पता नही

15

सुधा अब बड़ी हो गई

20 नवम्बर 2023
0
0
0

अमीर खानदान के चिराग, सुमित के लिए उसकी जोड़ की लड़की तलाशने के नाम पर, लड़कियां देखने की रस्म निभाते निभाते ,पूरे कुनबे ने लड़की देखने के नाम पर एक से एक सुंदर और कार्य कुशल लड़कियों में

16

माँ के हाथ की रोटी

20 नवम्बर 2023
1
1
1

माँ के हाथ की रोटीसुनो मां के सुहाल आपकी मम्मी आ रही हैं,हमारे पास। बच्चे भी बहुत खुश हैं दादी के आने की खबर सुनकर ।शिल्पा ने अनुज से कुछ बात करने की शुरुआत करने को कहा, बडी दबी आवाज में कहने की कोशिश

17

रश्मि का जन्मदिन

20 नवम्बर 2023
0
0
0

रश्मि की ननंद गिरजा अपनी और अपने बच्चों के स्कूल की गर्मियों की छुट्टी में मायके आई हुई है ।रश्मि की ननद नीरजा पहली बार भाभी के साथ छुट्टियां बिताने आई है क्योंकि अभी दिसंबर में ही तो रश्मि और उसके भा

18

विनीत की विनीता

20 नवम्बर 2023
0
0
0

मैथिली जब भी कुछ परेशान होती ,तो अपनी सासू मां को अपने पास तलाशती और दूर गांव में बैठी सासू मां से फोन पर दो बातें कर सुकून को सहेजती अपने साथ ।मां जी उसके पास से जब भी जाती ,तो कितना खाली खाली

19

माँ का बैंक बैलेंस

20 नवम्बर 2023
0
0
0

मां मैंने आपको तीस हज़ार पापा से किसी तरह लेकर घर में ऐसी लगवाने को दिए थे, पर यह क्या ,आपने अपने घर में बर्तन धोने वाली को उसके बेटे के इलाज के लिए दे दिए, आपकी यह समाज सेवा हमारे लिए सर दर्द बनती ज

20

छोटी बहू

20 नवम्बर 2023
0
0
0

बड़े घर की बहू बन कर आई सुनीता शुरू में बहुत खुश रहकर ,सब को खुश रखने की कोशिश करतीे । पर घर की औरतों को पता था ,बहू को कैसे रखा जाता है, भूरी बुआ का कहना रहती, बहू को जरा़ शुरू से ही मुट्ठी में रखो,

21

सविता ताई

20 नवम्बर 2023
1
0
0

सविता ताई मुखर्जी साहब रेलवे विभाग में काम करते हुए एक अच्छी पोस्ट से रिटायर हुए । चार बेटे और दो बेटियों के माता-पिता, मुखर्जी दंपत्ति अपनों और अपने सामाजिक परिवेश में अपने सौम्य और आकर्षक व्य

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए