#मेरी_उदासी_ही_मेरी_ कहानी
मैं जल्दी किसी बात पर नहीं रोता, लेकिन जब उदासी मुझे आ घेरती है तो मैं ज़रूर रोता हूँ। रोने से मैं खुद को हलका महसूस करता हूँ। फिर मैं सही तरह से सोच पाता हूँ और मुझे अपना भविष्य अँधेरा नहीं बल्कि सुनहरा लगने लगता है।”
जब मैं अपने बारे में कुछ ज़्यादा सोचने लगता हूँ तो अकसर उदास हो जाता हूँ। लेकिन दूसरों की मदद करने से मेरा ध्यान खुद पर से हट जाता है और मैं दोबारा खुश हो जात हूँ।”
जब भी मेरे दोस्त अपनी परेशानी हल नहीं कर पाते, तो मैं उनका मदद करता हूँ और उनकी परेशानिया दूर करता हूँ। लेकिन फिर भी मैं अपने कमरे में जाकर बहुत रोता हूँ, जिसके बारे में शायद ही किसी को पता हो।
जब मैं दुखी होता हूँ तो मैं अकेले रहना पसंद करता हूँ। अगर कोई मुझे अपने यहाँ आने का न्यौता देता है, तो मैं कोई-न-कोई बहाना बनाकर टाल देता हूँ। मैं अपने परिवार से भी अपने दुख को बखूबी छिपा लेता हूँ। उन्हें लगता है कि मैं बिलकुल ठीक हूँ।”
मेरे पापा
उससे बात करने से वाकई मेरा जी बहुत हलका हो जाता है! मुझे लगता है, कोई तो है जो मेरा दर्द समझता है। और मैं उदासी की जिस गहरी खाई में गिरा हूँ, वह मेरी मदद के लिए मानो रस्सी डालकर मुझे ऊपर खींच सकता है और मुझे बचा सकता है।”
मेरे यार मेरी जान
जब मैं उदास होता हूँ तो मेरे अंदर तरह-तरह की भावनाएँ और विचार उठते रहते हैं, उन्हें कागज़ पर लिखने से मैं जान पाता हूँ कि असल में मैं कैसा महसूस कर रहा हूँ। जब आप अपनी उदासी की वजहों को पन्नों पर उतारकर उन्हें समझ लेते हैं, तब उदासी के काले बादल भी धीरे-धीरे छँटने लगते हैं।”
सुझाव: कुछ लोग डायरी लिखना पसंद करते हैं। अगर आप भी ऐसा करना चाहते हैं, तो आप उसमें क्या लिख सकते हैं? जब आप उदास होते हैं तो उसमें लिखिए कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं और आपके हिसाब से उदासी की वजह क्या है। फिर करीब एक महीने बाद उसे दोबारा पढ़िए। जिस वजह से आप उदास थे, क्या उस बारे में अब आपका नज़रिया बदल गया है? अगर ऐसी बात है तो लिखिए कि यह कैसे हुआ
मैं यह समझने की कोशिश कर रहा था कि आखिर मैं क्यों इतना उदास हूँ, लेकिन मैं इसका पता नहीं लगा पाया। मैंने अल्लाह से मदद के लिए दुआ किया मैं खुश रहना चाहता हूँ। मैं अपनी उदासी से परेशान हो चुका था क्योंकि मेरे पास उदास होने की कोई वजह नहीं थी। आखिरकार मैं इस पर काबू पा सका! दुआ की ताकत को कभी कम मत आँकिए।”
Ali Hashmi