मोहब्बत का महीना
मोहब्बत में जान क़ुर्बान कर गये !
वो अपनी पूरी ज़िंदगी,
देश के नाम कर गये !
नहीं सोचा बच्चों का ,
पत्नी को बेसहारा छोड़ गये !
कहते हैं मोहब्बत इसे,
अंतिम साँस तक लड़ गये !
हाँ! ये महीना है मोहब्बत का,
सरहद पर जाने कितने शहीद हो गये !