झलक:-
प्यारे साथियों आपका प्यार और आपके अनुरोध को देखते हुए मैं दुनिया रंग रंगीली में एक कहानी " मुझे इश्क है तुझी से" आपके लिए लेकर आई हूं...! एक प्यारी सी मासूम सी लड़की की कहानी है जो किसी बंदिश को नहीं जानती और उड़ना चाहती है खुल आसमान में और पूरा करना चाहती है अपने हर एक सपने को जो उसने देख रखे हैं......!
और इसी बीच उसकी जिंदगी में एक लड़का आ जाता है जो उससे बहुत प्यार करता है........ कहानी के मुख्य किरदार हैं आरज़ू और अमन हैं ।जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ेगी अन्य पात्रों से भी आपका परिचय हो जाएगा....!
मुझे इश्क है तुझी से (भाग एक)
आरज़ू आज बहुत ख़ुश है । कॉलेज में उसका पहला दिन है हज़ार विरोध के बाद उसने आख़िर कॉलेज में एडमिशन ले ही लिया ।
वह इसको अपनी पहली जीत समझते हुए कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रही थी...... हल्के गुलाबी रंग का सूट लंबे लंबे बाल पैरों में नागरा जूती पहने और कंधे पर एक ख़ूबसूरत सा बैग........वह किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी........ हालांकि उसका रंग इतना गोरा नहीं था वह दुबली पतली लम्बी और बड़ी बड़ी काली आंखों वाली एक मध्यम वर्गीय परिवार की होनहार लड़की थी उसकी आवाज़ में वह जादू था कि हर कोई उसकी ओर आकर्षित हो जाता था उसकी हर अदा देखने वालों को बहुत आकर्षित लगती थी।.....।
कॉलेज में क़दम रखते ही वह फूली नहीं समाई हर तरफ चहल पहल और हम उम्र लड़के- लड़कियों की भीड़ दिखाई दे रही थी।
वह आहिस्ता-आहिस्ता सीढ़ियां चढ़ते हुए अपने.........
क्लासरूम तक पहुंची जहां पहले से ही उसके कुछ साथी जमा थे।
वह जाकर दूसरी लाइन की बीच वाली ख़ाली सीट पर बैठ गई। क्लास में इंट्रोडक्शन का दौर चल रहा था कुछ ही देर में उसका नंबर भी आ गया।
जैसे ही वह खड़ी हुई उसको देखते ही सबने ग़ज़ल पढ़ने की फरमाइश करना शुरू कर दी वैसे भी उसकी आवाज़ बहुत प्यारी थी और हर वक़्त वह जानें अनजाने कोई न कोई ग़ज़ल या गाना गुनगुनाती रहती थी.....।
उसने अपनी दोस्त नैना की तरफ देखा यह सब उसी की शरारत थी क्योंकि वह जानती थी कि उसकी आवाज़ बहुत प्यारी है और बहुत ही अच्छा गाती भी है ख़ैर उसने बिना देर लगाए ग़ज़ल गाने की शुरुआत की...
अजीब दास्तां है ये
कहां शुरू कहां ख़त्म
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सकें न हम........!
जैसे ही उसने ग़ज़ल पूरी की चारों तरफ से तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। हर किसी की ज़ुबान पर बस एक ही नाम था।
आरज़ू , आरज़ू और सिर्फ आरज़ू....पहले ही दिन वह सबके दिलों दिमाग पर छा गई थी.. और अमन जो कि अभी तक उस की आवाज़ के नशे से उबर नहीं पाया था उसी के ख़्यालों में गुम एकटक उसको ही देखें जा रहा था...!
आज का पूरा दिन इसी में बीत गया था और अब धीरे धीरे सब अपने अपने घर जाने की तैयारी में लगे थे। आरज़ू ने भी अपना बैग संभाला और नीना के साथ चलने की तैयारी शुरू की तभी अमन उनके क़रीब आया और बोला .........
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अमन ने आरज़ू से क्या कहा........
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए.... आरज़ू एक प्रेम कहानी... दुनिया रंग रंगीली में.....!
क्रमशः। 👉*👉*👉*👉*👉*👉
यह कहानी पूर्णतया काल्पनिक है किसी के जीवन से इसका कोई लेना देना नहीं। इस कहानी के सभी पात्र भी पूर्णतः काल्पनिक है।😊
स्वरचित रचना सय्यदा----✒
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