shabd-logo

नागमणी

23 सितम्बर 2021

39 बार देखा गया 39

क्या आपने कभी नागमणी देखा है, या फिर इस बात में यकीन रखते हैं कि नागमणी का कोई
अस्तित्व भी होता होगा?   यूँ  तो नागमणी के विषय में मैने बहुत सारी चर्चाएं सुना है।अधिकतर ज्ञानी लोगों ने यही
कहा कि नागमणी जैसी कोई चीज नहीं होती पर वहीं दूसरी ओर लोक कथाएं एवं दंत कथाएं ऐसी कहानियों से भरी हुई हैं जिनमें नागमणी क बारे मे जिक्र आ ही जाता है।बॉलीवुड की फिल्मों को देखें तो ऐसी फिल्मों की भरमार सी लगी हुई है।अब पता नहीं नागमणी होता भी है या नहीं पर लोगों से पूछें तो अधिकांश लोग इसे तथ्य ही मानते हैं।यह घटना मुझे मेरे एक मित्र की पत्नी ने सुनाया।हमलोग बैठे 'नगीना' देख रहे थे।फिल्म के दौरान ही बात कुछ यूं शुरू हुई ,मैडम ने बताना शुरू किया । 

 एक बार रात का समय था।माताजी गांव में थीं।पिताजी किसी काम से बाहर निकले हुए थे।उनको देखने के लिए माताजी छत से उतरकर नीचे मुख्य द्वार की ओर जाने लगीं।मुख्य द्वार के पास ही एक कमरे में जानवरों के लिए भूसा तथा बेकार की चीजें पड़ी रहती थीं।दरवाजा खुला था।खुला दरवाजा देखकर माताज्ी बड़बड़ाते हुए उसे बंद करने के लिए बढ़ीं।तभी उनकी नजर जमीन पर पड़े एक चमकती चीज पर पड़ी।छोटा सा टुकड़ा था पर उसमें से एक अनोखी सी रोशनी निकल रही थी।माताजी कुछ समझ नहीं पाईं कि क्या है 'वो'।उन्होंने उसे हाथों में उठा लिया।पूरा कमरा जैसे रोशन हो गया हो।कहीं हाथों से छूटकर गिर न जाए इसलिए उसे उन्होंने अपने आंचल में लपेट लिया। 

अरे!  यह क्या?रोशनी अब भी निकल रही थी और वो भी आंचल को जैसे चीरकर रोशन करने को उतारू हो रही थी।तब तक बाहर से पिताजी की आवाज आई।पिताजी बाहर से आ गए थे तथा माताजी को पुकार रहे थे।पिताजी को शायद जल्दी थी।माताजी हड़बड़ाहट में उसे पास ही के एक बक्से पर रख कर पिताजी को सुनने के लिए आगे बढ़ीं।जैसे ही उस वस्तु को बक्से पर रखा कही से तीर की तरह सनसनाता हुआ एक विशाल सांप आया, उस वस्तु को निगला और वापस मुड़कर कही निकल गया।विशाल सर्प को देखकर माताजी की घिग्घी बंध गई।जहां थीं वहीं जड़ बनकर रह गईं।आवाज देने के बाद भी जब माताजी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला तो पिताजी ने कमरे में प्रवेश किया।माताजी को जड़ अवस्था में देखकर उन्होंने हिलाया और पूछा कि माजरा क्या है।माताजी ने सारा किस्सा बयान किया।अब तो घर में जैसे भूचाल आ गई।सभी सांप को ढूंढने निकल पड़े कि कहीं किसी घर में कहीं रह गया तो किसी को काट ना ले।पूरा घर देख लिया गया पर 'वो' नहीं मिला।   थोड़ा आश्वस्त होने के बाद माताजी ने घरवालों को यह वाकया बताया।तब मैं कक्षा सातवीं  में पढ़ती थी।लोगों ने माताजी को तरह तरह से कहना शुरू किया।निचोड़ यह था कि हाथ आया हुआ भाग्य आज हाथ से निकल गया।यदि वो मणी माताजी ने संभालकर छुपा दिया होता तो आज हमारे घर की दशा कुछ और ही होती पर भाग्य को शायद कुछ और ही मंजूर था।  मन के किसी कोने में आज भी यह कसक है कि आया हुआ धन का मार्ग वापस चला गया।यदा कदा वह सर्प घर के आसपास घूमता हुआ दिखा तो जरूर पर नागमणी का कुछ भी पता नहीं चला।  

Jyoti

Jyoti

बहुत बेहतरीन

11 दिसम्बर 2021

बिनय कुमार शुक्ल

बिनय कुमार शुक्ल

16 जनवरी 2022

धन्यवाद

14
रचनाएँ
तांक-झांक
5.0
रोज के भाग दौड़ भरी जिंदगी से कुछ समय बचाकर हास्य, विनोद और सेवाकार्य में लगे लोगों के बारे में उनकी बाते और उनसे बातें
1

बचपन की गप्पें

23 सितम्बर 2021
5
4
4

<p>हर किसी का बचपन बड़ा निराला होता है । मेरा भी कुछ ऐसा ही था । पिताजी और अपनी नौकरी पर चले जाते थे

2

नागमणी

23 सितम्बर 2021
2
2
2

<p>क्या आपने कभी नागमणी देखा है, या फिर इस बात में यकीन रखते हैं कि नागमणी का कोई<br> अस्तित्व भी हो

3

ठग अनोखेलाल

23 सितम्बर 2021
1
2
1

<p>बात पिछले साल की है । मैं छुट्टियाँ बिताने के लिए कोलकत्ता गया हुआ था । मेरे भाई के म

4

और भूत भाग गया

23 सितम्बर 2021
1
2
1

<p> जुमानी की माँ बहुत दुखी थी,पति कैंसर से मर गए। एक बेटा और बेटी सर्प दंश से काल कलवित हो गए।

5

कारगिल युद्ध की कभी न भूलने वाली वो यादें

23 सितम्बर 2021
3
2
1

<p>पुरानी यादों की आलमारी से कुछ चीजें निकाल रहा था कि भारतीय वायु सेना में सेवा काल के दौरान की कुछ

6

और भूत भाग गया ….

27 सितम्बर 2021
2
2
1

<p> तब बारहवीं कक्षा में पढ़ रहा था । रमेश बड़ा ही होनहार था । उसकी मेघा केवल स्कूली शिक्ष

7

किसकी जीत?

16 जनवरी 2022
1
0
0

आकाश का जन्मदिन था। सोचा बाजार से उसके लिये कुछ नये कपड़े लेता आऊँ। काफी दिनों के लॉकडाउन के बाद दो चार दिन से बाजार खुलने लगे थे। कुछ कपड़े पसंद किया,दुकानदार से कीमत पूछी। दुकानदार ने जो कीमत बताई वह

8

ऐसा भी होता है - साइबर युग का चमत्कार 1

23 जनवरी 2022
0
0
0

शाम को मेरे मोबाइल में एक ओटीपी आया। यह ओटीपी कोविन वेबसाइट पर टीकाकरण के पंजीकरण से संबंधित था। आबि मैं सोच ही रह था कि कुछ देर बाद बाद दूसरा संदेश आया Dear Meera, Congratulations! You have successf

9

#जिजीविषा

27 जनवरी 2022
4
2
1

भारत की कई ऐसी सरकारी कम्पनियाँ हैं जो सरकारी से निजीकरण और निजीकरण के बाद विलुप्ति की ओर बढ़ रही हैं। इनमें से एक नाम bsnl का भी है। भारत का शायद की ऐसा कोई प्रौढ़ नागरिक होगा जिसने bsml की सेवा न दे

10

#जिजीविषा

27 जनवरी 2022
0
0
0

भारत की कई ऐसी सरकारी कम्पनियाँ हैं जो सरकारी से निजीकरण और निजीकरण के बाद विलुप्ति की ओर बढ़ रही हैं। इनमें से एक नाम bsnl का भी है। भारत का शायद की ऐसा कोई प्रौढ़ नागरिक होगा जिसने bsml की सेवा न दे

11

अभिवादन

4 मार्च 2022
1
0
0

अक्सर हम अभिवादन के रूप में अंग्रेजी के गुड मॉर्निंग आदि का अनूदित रूप सुप्रभात, शुभ संध्या आदि कहते हैं।कहीं न कहीं मुझे लगता है कि इस अनूदित रूप का प्रयोग भाषा और अनुवाद की दृष्टि से तो गलत है कि हि

12

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अवधी भाषा का योगदान

4 मार्च 2022
1
1
0

पंचतत्वों में से भोजन,वायु,जल एवं परिवेश का मनुष्य जीवन जितना प्रभाव पड़ता है उससे कहीं अधिक प्रभाव साहित्य का पड़ता है। पहली नजर में साहित्य को मनोरंजन या फिर  कुछ सीमित वर्ग के लोगों के जीवन मे समय बि

13

जब मैं पिटते-पिटते बचा

16 अक्टूबर 2022
0
0
0

   मेरे बुद्धि दांत का नंबर 6(molar tooth) पिछले कई वर्षों से एकपिछले कई वर्षों से एकपिछले कई वर्षों से एकमेरे बुद्धि दांत का नंबर 6(molar tooth) पिछले कई वर्षों से एकपिछले कई वर्षों से एक मेरे बुद्ध

14

जमीन की तलाश

25 जनवरी 2024
1
0
0

ऑफिस की सीढ़ी चढ़ते समय बगल की टूटी सीट पर बैठे एक वृद्ध व्यक्ति पर नजर गई।चेहरे के भाव बता रहे थे कि सज्जन काफी हताश और दुखी थे। मैने कोई खास गौर नहीं किया क्योंकि आज इस ऑफिस में मेरा पहला दिन था

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए