पश्चाताप् आज मुझे बड़ी ग्लानि महसूस हो रही थी जब अपने द्वारा लगाया गया पेड़, अपने द्वारा सींचा गया पेड़ मुझे अपने ही हाथों से काटना पड़ा । मैं तो उसका प्रायश्चित भी नही कर सकता । क्या करूं । जो पेड़ हमारे सगे भाई-बन्धु हैं उनको इस प्रकार से मैं निर्
कभी-कभी मजाक या अनजाने में की गई छोटी-छोटी गलतियां भी बड़ा अपराध बन जाती है और उनकी सजा जीवन भर दुख देती है कुशीनगर से मध्य प्रदेश के दुर्ग जा रही ट्रेन में बम होने की अफवाह फैला कर दो सगे भाइयों ने भी ऐसा अपराध किया कि चंद घंटे बाद ही हवालात की हवा
किताब के बारे मे 22 मार्च 2020 को 24 घंटे के लिये लॉकडाउन लगाया गया था, भारत सरकार की तरफ से | इन दिनों मेरा मिरज, महाराष्ट्र मे ही काम चल रहा था | अक्सर रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी मे छुट्टी नहीं मिला करती है तो इस 24 घंटे के लॉकडाउन से मन मे थोड़ी ख़ुशी भी
🌺खिलौने जो आज भी जिंदा है🌺 आज मायके में बोहोत दिनों बाद मैने अपनी पुरानी पेटी खोली और मां से कहा - "आप ने अब भी मेरे खिलौने कितने संभाल के रखे हैं। " और मन ही मन सोचने लगी कि एक मायका ही होता है जो अपनी बिटिया के सारे निर्जीव खिलौनों को
" अरे तुम सब लड़के यहां से चले जाओ यहां लड़कियां बैठेंगी और फेरों में लड़कों का क्या काम है ? " विजय जी वहां बैठे नलिन के दोस्तों से कहा । नलिन जिसकी शादी हो रही है उसका एक दोस्त श्लोक खड़ा हुआ और बोला " अंकल जी हम क्या लड़कियों को खा थोड़ी जाएंगे
12 कहानियों का संग्रह राष्ट्रीय पुस्तक सदन,दिल्ली से अगस्त 2015 मे प्रकाशित - अवशेष प्रणय कहानी संग्रह मे 12 सामाजिक कहानियां संग्रहित है... 1. आखिरी खत 2. अपने पिया की मै 3. बदलती दिशाएं ४. बनवास 5. बेरोजगार 6. बुत का दहन 7. जी से दिया उ
good morning I should have kept chasing my dream person stumbling on a winding narrow road I don't wanna go back to those days looking for the lost sky like a sacrifice so that you can understand stop sad faces tears are no
“सुक्का” अपने नाम से ही एक फजुलियत बिखेरता किरदार| सुक्का होने को तो कभी के प्रसिद्द साहूकार रतन शर्मा का पोत्र था| रतन शर्मा का ब्याज का बड़ा काम था अंग्रेजो के ज़माने से| उनके दो पुत्र थे बड़े चन्द्र दत्त और छोटे सोमदत्त| चन्द्र दत्त पढ़-लिख कर अध्यापक
रात के ३ बजे अचानक से तनु की आंखे खुल गई न जाने क्यों कमरे में ठंड बढ़ गई थी नवंबर की शुरुवात थी और मौसम रात को ठंडा हो जाता था तनु ने उठ के पानी पिया और देखा था खिड़की खुली हुई थिनौर उस में से ही ठंडी हवाएं आ रही थीं, तनु सोच में पड़ गई ये खिड़क
ये किताब एक दापंत्य जीवन को और मजबुत करें इस इरादे से इसे लिखी गई हैं। इसमे धनात्मक बाते और अच्छी बातो का सृजन किया गया हैं। किसी व्यक्ति को ठेस ना पहुँचे इसका पुरा ध्यान रखा गया हैं।
बांगला देश और भारत की सीमा से जुडी कहानी।बोर्डर पार करती तीन लोगों की कहानी।
"मॉर्निंग टाइम R.R. hostal जबलपुर" फ़ोन रिंग होता है तो लड़की सोए हुए कॉल रिसीव करती है हेलो......!!! उधर से कोई कुछ बोलता है की थोड़ी देर बातें सुनकर लड़की उछलकर बेड से बाहर आ जाती है,,,!! क्या मम्मा क्यों करती हैं आप ये सब...? जब हम इसके लिए तैय