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पतंग

4 नवम्बर 2015

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"पतंग"

A life should be like a kite.....

उड़ो.....

खूब उड़ो.....

और उड़ो.....

जी भर के उड़ो.....

A life should be like a kite…..

बस उड़ते जाओ.....

खूब ऊपर उड़ते जाओ.....

सही दिशा में उड़ो.....

बस उड़ने की तमन्ना रहे.....

A life should be like a kite…..

कटना (मरना) तो एक दिन सभी को है.....

कटो तो संघर्ष के साथ.....

जियो तो उन्मुक्त स्वतंत्र वायु के साथ.....

पतंग की तरह.....

बस उड़ने की चाह हो.....

ज़िंदगी जीने की चाह हो.....

A life should be like a kite…..

बस उड़ो.....

और उड़ो .....

मदमस्त होके.....

आनंद के साथ .....

A life should be like a kite…..

गिरो, तो भी पतंग की तरह .....

लहर-लहर के.....

तुम्हें पकड़ने की चाहत हो सब के मन में.....

गिरो, तो भी हँसते हुये.....

खुश हो तुम्हें पाकर .....

A life should be like a kite…..

 

रचनाकार- गोपालकृष्ण त्रिवेदी

दिनाँक :- ७ दिसंबर २०१४

 

English Translation

               "KITE"

 

A life should be  like a kite

Fly high ,

higher

and still higher

To your heart's content

Carry on your upright flight

Keeping your insatiable desire

for attaining dizzy height

A life should be  like a kite

Death ,

the end of life ,

is every one's lot

But go down with a fierce fight 

and a heart full of zest for life

A life should be  like a kite..

Fall like a dancing ,

swaying kite to every one's delight

Let the people be mad and crazy 

to  get you intact

and hold you tight.

A life should be  like a kite..

  

रचनाकार- गोपालकृष्ण त्रिवेदी

दिनाँक :- जुलाई २०१४

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जियो तो उन्मुक्त स्वतंत्र वायु के साथ.....पतंग की तरह.....बस उड़ने की चाह हो.....ज़िंदगी जीने की चाह हो....." बहुत सुन्दर, प्रेरक कविता !

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gopalkrishna
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पतंग

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"पतंग"A lifeshould be like a kite.....उड़ो.....खूब उड़ो.....और उड़ो.....जी भर के उड़ो.....A lifeshould be like a kite…..बस उड़ते जाओ.....खूब ऊपर उड़ते जाओ.....सही दिशा में उड़ो.....बस उड़ने की तमन्ना रहे.....A lifeshould be like a kite…..कटना (मरना) तो एक दिन सभी को है.....कटो तो संघर्ष के साथ.....जियो तो उ

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“मधुर मधुर मधुमय मेरा जीवनकैसेजग बतलाऊँ तुम्हें ?अन्तर्मनके स्वच्छंद प्रवाह को कैसेजग दिखलाऊँ तुम्हें ? स्वर्णभास्कर उदित हुये हैंविराटहृदय के प्रांगण मेंतीव्रप्रखर तेजोमय रवि का कैसेएहसास कराऊँ तुम्हें ?मधुरमधुर मधुमय मेरा जीवनकैसेजग बतलाऊँ तुम्हें ? कल-कलबहती नदियाँ सारी यौवनका उन्माद लिए औषधिपूरि

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