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पौराणिक

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संतजन अपनी कथाओं में एक प्रसंग सुनाते हैं मेघनाथ के अयोध्या आने की और श्रीलक्ष्मणजी द्वारा उसे बंदी बना लेने की। तुलसीबाबा एक चौपाई लिखते हैं उसके आधार पर ही संभवतः यह प्रसंग बनता है. आज आपके सामने वह

इस संसार में ऋणानुबन्ध से अर्थात् किसी का ऋण चुकाने के लिए और किसी से ऋण वसूलने के लिए ही जीव का जन्म होता है; क्योंकि जीव ने अनेक लोगों से लिया है और अनेक लोगों को दिया है । लेन-देन का यह व्यवहार अने

सूरदासजी जन्मांध थे उनके कोई गुरु भी नहीं थे, फिर भी कृष्ण भक्ति रस की ऐसी वर्षा, जो 'मैं' को भिगो दे.. उन्हें कैसे मिली, जब भी कभी वो किसी गड्ढे में गिरते या नदी खाई में या झरने में गिराने वाले रहते

हमेशा विदेशियों के निशाने पर रहा यह पवित्र सोमनाथ मंदिर1 .12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथमसोमनाथ मंदिर एक महत्वपूर्ण हिन्दू मंदिर है, जिसकी गिनती 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में

नर्मदा नदी से निकलने वाले शिवलिंग को ‘नर्मदेश्वर’ कहते हैं। यह घर में भी स्थापित किए जाने वाला पवित्र और चमत्कारी शिवलिंग है; जिसकी पूजा अत्यन्त फलदायी है। यह साक्षात् शिवस्वरूप, सिद्ध व स्वयम्भू (जो

भाद्रपद शुक्ल अष्टमी चन्द्रवार (सोमवार) को मध्याह्न के समय अनुराधा नक्षत्र में श्रीराधा का प्राकट्य कालिन्दीतट पर स्थित रावल ग्राम में ननिहाल में हुआ। प्राकट्य के समय अकस्मात् प्रसूतिगृह में एक ऐसी द

श्रीमद्भागवत महापुराण के पांचवें स्कंद में लिखा है कि पृथ्वी के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं। भूमि से दस हजार योजन नीचे अतल, अतल से दस हजार योजन नीचे वितल, उससे दस हजार योजन नीचे सतल, इ

हमारी आँखें 3 आयामों तक देख सकती हैं। 1 = 1 की शक्ति; 2 = 4 की शक्ति; 3 = 27 की शक्ति। और 1x4x27 = 108। इस तरह से हमारी आंखें मायने रखती हैं।शिव पुराण तांडव (लौकिक नृत्य) में 108 करणों को योग, कलारिपय

1- सांप दिखाई देना- धन लाभ2- नदी देखना- सौभाग्य में वृद्धि3- नाच-गाना देखना- अशुभ समाचार मिलने के योग4- नीलगाय देखना- भौतिक सुखों की प्राप्ति5- नेवला देखना- शत्रुभय से मुक्ति6- पगड़ी देखना- मान-सम्मान

1.सुबह उठते ही अगर शंख या मंदिर की घंटियों की आवाज सुनाई दे तो यह शुभ होता है।2.नारियल, शंख, मोर, हंस या फूल आपको सुबह-सुबह दिख जाए तो समझिए आपका पूरा दिन शुभ बीतने वाला है।3.यदि सुबह घर से निकलते ही

नैमिषारण्य में ऋषियों ने सूतजी से शिवलिंग और शिवलिंग की पूजा के संदर्भ में समस्ता ज्ञान देने को कहा. शिवलिंग की प्रतिष्ठा कैसे करनी चाहिए? शिवलिंग के आकार-प्रकार, परिमाण संबंधित स्थापित परंपरा क्या है

श्रील शुकदेव गोस्वामी महाराज परीक्षित को श्रीमद् भागवतम का समापन करने से पहले अंतिम स्कन्ध 12(अध्याय 2 व 3 ) में कलियुग के लक्षण इस प्रकार बताते हैं:–कलियुग के प्रबल प्रभाव से धर्म, सत्य, पवित्रता, क्

          महायुद्ध समाप्त हो चुका था। जगत को त्रास देने वाला रावण अपने कुटुम्ब सहित नष्ट हो चुका था। कौशलाधीश राम के नेतृत्व में चहुँओर शांति थी।       &nb

चैत्रेमासि सिते मक्षे हरिदिन्यां मघाभिधे। नक्षत्रे स समुत्पन्नो हनुमान रिपुसूदनः।। महाचैत्री पूर्णिमायां समुत्पन्नोऽञ्जनीसुतः। वदन्ति कल्पभेदेन बुधा इत्यादि केचन।।  अर्थात्-चैत्र शुक्ल एकादशी के द

वाल्मीकि रचित रामायण (मतान्तर से) के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (छोटी दीपावली) मंगलवार के दिन हनुमान का जन्म हुआ था।हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पहली हिन्‍दू कैलें

हम आपको मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) विंध्य पर्वत पर बसे माँ विन्धवासिनी मन्दिर के इस धाम की महिमा के बारे में बता रहे हैं, जिसका जिक्र धर्म ग्रंथों में भी किया गया है। यहां साल के दोनों नवरात्रों में देश

आइये जाने उन दस दिव्य और पवित्र पक्षीयों के बारे मैं जिनका हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व माना गया है...हंस:- जब कोई व्यक्ति सिद्ध हो जाता है तो उसे कहते हैं कि इसने हंस पद प्राप्त कर लिया और जब कोई समा

समुद्र मंथन के उपरांत जब अमृत कलश उत्पन्न हुआ, तो उसे दैत्यों की नजर से बचाने के लिए श्री हरि विष्णु ने अपनी माया से बहुत सारी अप्सराओं की सर्जना की। दैत्य अप्सराओं को देखते ही उन पर मोहित हो गए

आप सभी से अनुरोध है कि रामायण के प्रमुख पात्रों की जानकारी अपने बच्चों को अवश्य दें, क्योंकि आज के समय में रामायण का पढ़ना पुराने समय की बात हो गई है। इसलिए बच्चे रामायण की बातें भूलते जा रहे हैं।ये जा

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