भगवन्नाम के निरंतर जप का मानव शरीर पर कितना अद्भुत प्रभाव होता है, यही दर्शाती विभिन्न भक्तों के जीवन की कथाएं ।शब्द में बड़ी प्रबल शक्ति होती है । निरन्तर भगवन्नाम जप से मन की शुद्धि होती है, विवेक ज
शास्त्र में कहा है-'पापकर्मेति दशधा।' अर्थात् पाप कर्म दस प्रकार के होते हैं। हिंसा (हत्या), स्तेय (चोरी), व्यभिचार-ये शरीर से किए जाने वाले पाप हैं। झूठ बोलना (अनृत), कठोर वचन कहना ( परुष) और चुगली क
हिंदू महाकाव्य के अनुसार, मां वैष्णो देवी ने भारत के दक्षिण में रत्नाकर सागर के घर जन्म लिया। उनके लौकिक माता-पिता लंबे समय तक निःसंतान थे। दैवी बालिका के जन्म से एक रात पहले, रत्नाकर ने वच
शास्त्रों- पुराणों में ऐसा कहा गया है कि स्त्रियों का स्वाभाव आज तक खुद भगवान भी नहीं जान पाएं तो इंसान और बड़े बड़े महापुरुष कैसे जान सकते है। आजकल लड़के, लड़कियों को समझने के चक्कर में सालों- साल शादी न
हिंदू धर्म में पूजा पाठ में कई तरह की चीजों को उपयोग किया जाता है, इसी तरह से पूजन में चंदन भी मुख्य रूप से प्रयोग किया जाता है। चंदन को माला, गंध और तिलक कई प्रकार से प्रयोग किया जाता है। हिंदू धर्म
महर्षि कश्यप की तेरह पत्नियां थी। लेकिन विनता और कद्रू नामक अपनी दो पत्नियों से वे विशेष प्रेम करते थे। एक दिन महर्षि जब आनंद भाव में बैठे थे तो उनकी दोनों पत्नियां उनके समीप पहुंची और पति
आजकल तो लोग मंदिर की पैड़ी पर बैठकर अपने घर की व्यापार की राजनीति की चर्चा करते हैं। परंतु यह प्राचीन परंपरा एक विशेष उद्देश्य के लिए बनाई गई । वास्तव में मंदिर की पैड़ी पर बैठ कर के हमें एक श्ल
अंगिरा ऋषि ऋग्वेद के प्रसिद्ध ऋषि अंगिरा ब्रह्मा के पुत्र थे। उनके पुत्र बृहस्पति देवताओं के गुरु थे। ऋग्वेद के अनुसार, ऋषि अंगिरा ने सर्वप्रथम अग्नि उत्पन्न की थी।विश्वामित्र ऋषि गायत्री मंत्र का ज्ञ
विधिपूर्वक विवाहित पुत्री के पुत्र होने पर उस बच्चे के लिए मामा और नाना की ओर से वस्त्र, आभूषण आदि भेंट किए जाते हैं। इस अवसर पर लड़की, दामाद तथा ससुराल के अन्य मान्य लोगों सास-ससुर आदि के लिए भी वस्त
कृष्ण” संस्कृत के इस शब्द का प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है जिसका रंग काला या श्याम हो। मूर्तियों में श्रीकृष्ण को काले वर्ण का दर्शाया जाता है वहीं तस्वीरों में उनकी देह को नीले रंग में
रावण ने जब माँ सीता जी का हरण करके लंका ले गया तब लंका मे सीता जी अशोक वृक्ष के नीचे बैठ कर चिंतन करने लगी। रावण बार बार आकर माँ सीता जी को धमकाता था, लेकिन माँ सीता जी कुछ नहीं बोलती थी। यहाँ तक की र
नाथ शब्द का अर्थ होता है स्वामी। कुछ लोग मानते हैं कि नाग शब्द ही बिगड़कर नाथ हो गया। भारत में नाथ योगियों की परंपरा बहुत ही प्राचीन रही है। नाथ समाज हिन्दू धर्म का एक अभिन्न अंग है। नौ नाथों की परंपर
1. पथएक विशाल सा पहाड़ है खड़ा। अनेक पथ को खा गयाये दानव बड़ा.. कभी किसी पुराण काल मे
रामायण की लगभग सभी कथाओं से हम परिचित ही हैं , लेकिन इस महाकाव्य में रहस्य बनकर छुपी हैं कुछ ऐसी छोटी छोटी कथाएं जिनसे हम लोग परिचित नहीं हैं , तो आइये जानते हैं वे कौन सी दस बातें है।1. रामायण राम के
लंका में महा बलशाली मेघनाद के साथ बड़ा ही भीषण युद्ध चला. अंतत: मेघनाद मारा गया. रावण जो अब तक मद में चूर था राम सेना, खास तौर पर लक्ष्मण का पराक्रम सुनकर थोड़ा तनाव में आया.रावण को कुछ दुःखी देखकर रावण
एक राजा था। राजा बहुत दयालु और पराक्रमी था। लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी। इस बात से बहुत दुःखी रहता था। प्रजा में भी दुःख व्याप्त था। &
जरत सकल सुर बृंद बिषम गरल जेहिं पान किय।तेहि न भजसि मन मंद को कृपाल संकर सरिस॥भावार्थ:-जिस भीषण हलाहल विष से सब देवतागण जल रहे थे उसको जिन्होंने स्वयं पान कर लिया, रे मन्द मन! तू उन शंकरजी को क्
जहाँ भागवत कथा होती है वह स्थान तीर्थ स्वरूप हो जाता है। तद् गृहं तीर्थ रूपम्।महर्षि वेद व्यास ने चार श्लोकों का विस्तार 18 हजार श्लोकों में किया इसीलिए उनका नाम कृष्ण द्वैपायन से महर्षि वे
गणित और मापन के बीच घनिष्ट सम्बन्ध है। इसलिये आश्चर्य नहीं कि भारत में अति प्राचीन काल से दोनो का साथ-साथ विकास हुआ। लगभग सभी प्राचीन भारतीय ने अपने दैनिक-ग्रन्थों में मापन, मापन की इकाइयों एवं मापनयन
स्वास्तिक का चिन्ह किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले हिन्दू धर्म में स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसकी पूजा करने का महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से कार्य सफल होता है। स्वास्तिक के चिन्ह को