आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी तिथि पर भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया
हालांकि देवी भागवत में जहां 108 और देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का ज़िक्र मिलता है, वहीं तन्त्रचूडामणि में 52 शक्तिपीठ बताए गए हैं। देवी पुराण में जरूर 51 शक्तिपीठों की
शिव जी का त्रिशूलभगवान शिव का ध्यान करने मात्र से मन में जो एक छवि उभरती है वो एक वैरागी पुरुष की। इनके एक हाथ में त्रिशूल, दू सरे हाथ में डमरु, गले में सर्प माला, सिर पर त्रिपुंड चंदन लगा हुआ है। माथ
चैत्र शुक्ल पक्ष में ‘कामदा’ नाम की एकादशी होती है। कहा गया है कि ‘ कामदा एकादशी ’ ब्रह्महत्या आदि पापों तथा पिशाचत्व आदि दोषों का नाश करनेवाली है। इसकी कथा पढ़ने और सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता ह
कालसर्प एक ऐसा योग है जो जातक के पूर्व जन्म के किसी जघन्य अपराध के दंड या शाप के फलस्वरूप उसकी जन्मकुंडली में परिलक्षित होता है। व्यावहारिक रूप से पीड़ित व्यक्ति आर्थिक व शारीरिक रूप से परेशान त
दशरथ का अर्थ होता है दस रथ। दस रथों का स्वामी। अयोध्या के राजा दशरथ की रामायण के अलावा पुराणों में भी बहुत चर्चा होती है। आओ जानते हैं उनके संबंध में 10 ऐसी बातें तो शायद ही आप जानते होंगे।1. दशरथ का
मां लक्ष्मी के परिवार में उनकी एक बड़ी बहन भी है जिसका नाम है- दरिद्रा। इस संबंध में एक पौराणिक कथा है कि इन दोनों बहनों के पास रहने का कोई निश्चित स्थान नहीं था इसलिये एक बार माँ लक्ष्मी और उनकी बड़ी
आपने पंच मुखी हनुमानजी की तरह आपने पंचमुखी गणेशजी की भी प्रतिमाएं देखी होगी। क्या आप जानते है क्या है इनका अर्थ ?शुभ और मंगलमयी होते हैं पंचमुखी गणेशपांच मुख वाले गजानन को पंचमुखी गणेश कहा जाता है। पं
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को प्रतिवर्ष नये विक्रम संवत्सर का प्रारंभ होता है और उसके आठ दिन बाद ही चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को हिंदुओ का पर्व राम जन्मोत्सव जिसे रामनवमी के नाम से मनाया
नवम शक्ति सिद्धिदात्रीनवदुर्गाओं में सबसे श्रेष्ठ, सिद्धि और मोक्ष देने वाली दुर्गा को सिद्धिदात्री कहा जाता है। यह देवी भगवान विष्णु की प्रियतमा लक्ष्मी के समान कमल के आसन पर विराजमान हैं।
अष्टम शक्ति महागौरी नवरात्र के आठवें दिन आठवीं दुर्गा महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। अपनी तपस्या द्वारा इन्होंने गौर वर्ण प्राप्त किया था । अतः इन्हें उज्ज्वल स्वरूप की शारीरिक, मानसिक और सां
सप्तम शक्ति कालरात्रि अपने महा विनाशक गुणों से शत्रु एवं दुष्ट लोगों का संहार करने वाली सातवीं दुर्गा का नाम कालरात्रि है। सांसारिक स्वरूप में यह काले रंग-रूप की अपनी विशाल केश राशि को फैलाकर चार
षष्ठम शक्ति कात्यायनीयह दुर्गा, देवताओं के और ऋषियों के कार्यों को सिद्ध करने लिए महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट हुई ।और महर्षि ने उन्हें अपनी कन्या के रूप में पाला साक्षात दुर्गा स्वरूप इस छठी दे
चतुर्थ शक्ति कूष्मांडाये अष्टभुजाधारी, माथे पर रत्नजड़ित मुकुटवाली, एक हाथ में कमंडल और दूसरे हाथ में कलश लिए हुए उज्जवल स्वरूप की दुर्गा है। इनका वाहन बाघ है। जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, चारो
तृतीय शक्ति चंद्रघंटाशक्ति के रूप में विराजमान चंद्रघंटा मस्तक पर चंद्रमा को धारण किए हुए है। नवरात्र के तीसरे दिन इनकी पूजा-अर्चना भक्तों को जन्म-जन्मांतर के कष्टों से मुक्त कर इहलोक और परलोक में कल्
प्रथम नवरात्रीमाता शैलपुत्री नवरात्रि का पहला दिन, इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण मां दुर्गा जी का नाम शैलपुत्री पड़ा.
सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती ये त्रिदेव की पत्नियां हैं। इनकी कथा के बारे में लोगों में बहुत भ्रम है। पुराणों में इनके बारे में भिन्न भिन्न जानकारियां मिलती है। माता अम्बिका : - ब्रह्मा, विष्णु औ
हिन्दुओं के प्रमुख देवता हनुमानजी के बारे में कई रहस्य जो अभी तक छिपे हुए हैं। शास्त्रों अनुसार हनुमानजी इस धरती पर एक कल्प तक सशरीर रहेंगे। 1. हनुमानजी का जन्म स्थान कर्नाटक के कोपल जिले मे
दस महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या हैं माँ धूमावती। इन्हे अलक्ष्मी या ज्येष्ठालक्ष्मी यानि लक्ष्मी की बड़ी बहन भी कहा जाता है। ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष अष्टमी को माँ धूमावती जयन्ती के रूप में मना
श्रीमार्कण्डेय पुराण एवं श्रीदुर्गा सप्तशती के अनुसार काली मां की उत्पत्ति जगतजननी मां अम्बा के ललाट से हुई थी।कथा के अनुसार शुम्भ-निशुम्भ दैत्यों के आतंक का प्रकोप इस कदर बढ़ चुका था किउन्होंने अपने