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फिर से कोई दिल को तोड़ेगा.....

31 जनवरी 2024

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कुछ ख्वाब अधूरे टूटेंगे।
कुछ सपने खुशियां लूटेंगे।
कुछ साथी राह में छूटेंगे।
कुछ अपने भी जब रूठेंगे।
अफसोस मगर तो होगा जब,
फिर से कोई दिल को तोड़ेगा।।......(1)

यादों के जख्म हरे होंगे।
नयनों में अश्रु भरे होंगे।
चेहरे पर मायूसी होगी।
लफ्जों पर खामोशी होगी
अफसोस मगर तो होगा जब,
फिर से कोई दिल को तोड़ेगा।।......(02)

तन्हाई का दामन होगा।
सूना दिल का आंगन होगा।
आहों में दर्द दफन होगा।
बाहों में सर्द कफ़न होगा।
अफसोस मगर तो होगा जब,
फिर से कोई दिल को तोड़ेगा।।.....(03)

याद आएंगे वो गुजरे पल।
तेरे साथ बिताए थे जो कल।
खोकर तुझको ये होगा बिकल।
दिल रोयेगा हर क्षण हर पल।
अफसोस मगर तो होगा जब,
फिर से कोई दिल तोड़ेगा।। .....(04)

फिर रात, वो रात नहीं होगी।
जब अपनी बात नहीं होगी।
मिलने को दिल व्याकुल होगा,
शायद मुलाकात नहीं होगी।
अफसोस मगर तो होगा जब,
फिर से कोई दिल को तोड़ेगा।।......(05)

ओंकार नाथ त्रिपाठी

ओंकार नाथ त्रिपाठी

सुन्दर प्रस्तुति

7 मार्च 2024

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रचनाएँ
काव्य - कुसुम
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सामाजिक जीवन में तमाम अनुभूतियों को व्यक्त करने के कई माध्यम होते हैं। कुछ अनुभूतियां कविता के रूप में स्फुटित होकर हमारे आपके बीच बहुत कुछ कह जाती हैं। ऐसी ही कुछ अनुभूतियों को आप सब के बीच रखने का एक छोटा सा प्रयास है।
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वन्दना

14 जनवरी 2024
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रवि की किरणें तम हरण करें।नवज्योति प्रकाशित वरण करें।।अविच्छिन धरा ये पावन हो।उषा की वेला मनभावन हो।।रत रहें प्रगति के पथ पर हम,निज कर्मशील अनुरागी हो।।सत्यनिष्ठ अरु धर्मनिष्ठ सतकर्मो के सहभागी हों।।प

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वो हालातों से टूट गयी

14 जनवरी 2024
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जो भीख मांगती सड़कों पर,ये कैसी उसकी करनी थी।क्या कहूँ भला उस ममता को,जो दो बेटों की जननी थी।।अपनी औलाद ने छोड़ दिया,दर - दर की ठोकर खाने को।लाठी ने दामन थाम लिया,इस पेट की भूख मिटाने को।।जिनकी ममता ने

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अंजाम- ए- मोहब्बत

14 जनवरी 2024
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कैसी ये मनहूस घड़ी थी,पटरी पर एक लाश पड़ी थी।दो हिस्सों में बंटी हुई थी,किसी ट्रैन से कटी हुई थी।।फोन कान से लगा हुआ था,दिल से उसके दगा हुआ था।प्यार किसी से करता था वो,किसी कली पर मरता था वो।।धोखा खाकर

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फिर से कोई दिल को तोड़ेगा.....

31 जनवरी 2024
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कुछ ख्वाब अधूरे टूटेंगे।कुछ सपने खुशियां लूटेंगे।कुछ साथी राह में छूटेंगे।कुछ अपने भी जब रूठेंगे।अफसोस मगर तो होगा जब,फिर से कोई दिल को तोड़ेगा।।......(1)यादों के जख्म हरे होंगे।नयनों में अश्रु भरे हों

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