कुछ ख्वाब अधूरे टूटेंगे।
कुछ सपने खुशियां लूटेंगे।
कुछ साथी राह में छूटेंगे।
कुछ अपने भी जब रूठेंगे।
अफसोस मगर तो होगा जब,
फिर से कोई दिल को तोड़ेगा।।......(1)
यादों के जख्म हरे होंगे।
नयनों में अश्रु भरे होंगे।
चेहरे पर मायूसी होगी।
लफ्जों पर खामोशी होगी
अफसोस मगर तो होगा जब,
फिर से कोई दिल को तोड़ेगा।।......(02)
तन्हाई का दामन होगा।
सूना दिल का आंगन होगा।
आहों में दर्द दफन होगा।
बाहों में सर्द कफ़न होगा।
अफसोस मगर तो होगा जब,
फिर से कोई दिल को तोड़ेगा।।.....(03)
याद आएंगे वो गुजरे पल।
तेरे साथ बिताए थे जो कल।
खोकर तुझको ये होगा बिकल।
दिल रोयेगा हर क्षण हर पल।
अफसोस मगर तो होगा जब,
फिर से कोई दिल तोड़ेगा।। .....(04)
फिर रात, वो रात नहीं होगी।
जब अपनी बात नहीं होगी।
मिलने को दिल व्याकुल होगा,
शायद मुलाकात नहीं होगी।
अफसोस मगर तो होगा जब,
फिर से कोई दिल को तोड़ेगा।।......(05)