इस संसार में भगवान का नाम भगवान से बड़ा है ! नामी की पहचान नाम से ही होती है ! नाम की महिमा का गुणगान आदिकाल से होता चला चला आया है ! नाम की शक्ति , नाम का आकर्षण एवं नाम का प्रभाव सर्वविदित है ! किसी भी व्यक्ति की पहचान दो प्रकार से होती है ! प्रथम
नमस्कार दोस्तो, जीवन में पुस्तकों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। पुस्तकें ही एक ऐसा माध्यम है जिनमें वर्णित अपने विचारों द्वारा कोई भी लेखक या कवि बदलाव की लहर को जन्म दे सकता है। इतिहास साक्षी है की कलम ने अपनी ताक़त को बखूबी साबित किया है।
“बढ़ता जाता एक और कदम” एक और कदम एक कविता संग्रह है जिसमें जिसे चार भागो मे विभाजित किया गया है प्रेरणादायक अनुभूति सामाजिक और बेतरतीब इस किताब को पढ़ने वालों को अलग-अलग भावनाओं से गुजरने का मौका मिलेगा ऐसी कवि की आशा और प्रयास भी। कुछ कवितायें जैसे
"कही-बतकही" कहानी का विचार आमतौर पर कहानीकार के मन में किसी घटना, जानकारी, अनुभव या कल्पना के कारण उत्पन्न होता है। उसके बाद कहानीकार उसे विस्तार देता है जिसका काम कल्पना के आधार पर होता है। कहानीकार की कल्पना कोरी कल्पना नहीं होती उसमें यथार्थ का प
जरुरी नहीं कि हर बात जाहिर करने के लिए लफ्जों की ही जरुरत हो, खामोशियां भी बहुत शोर करती हैं जनाब! खामोश मोहब्बत के एहसासों को अपने लफ्जों और नज्मों में समेटे हुए है यह किताब!! " ❤silent love❤" मोहब्बत शब्दों में बयाँ नहीं की
शब्द अपने आप में एक विशाल समुद्र है यह अपने गर्भ में असंख्य हीरे मोती एवं ज़हर की पोटली समाए रखते है एक शब्द युद्ध की नींव रख सकता है तो एक शब्द वात्सल्य की गंगा बहा सकता है । इस पवित्र गंगा को मैली करने का सामर्थ्य शब्दों में ही तो है। यह
लफ्जों की लहरें मन के आंगन में आकर ठहरे लफ़्ज़ों के मोती एहसासों के धागे में पिरोकर कविताओं में सजाए जज्बातों के सागर में लफ्जों की मचलती इन लहरों को एहसासों के किनारे मिल जाए कविताओं के सहारे कुछ यूं सजाए जीवन के हर पहलू को अपने अंदाज में
यह पुस्तक मेरी कहानियों का प्रथम संग्रह है, जहाँ मेरे द्वारा कुछ कहानियों में शहरी और ग्रामीण अंचलों में व्याप्त व्यथा-कथा का चित्रण तो कुछ में ऐतिहासिक और आधुनिक सामाजिक पृष्ठभूमि का ताना-बाना बुनते हुए चमत्कारिक भाषा-शैली के स्थान पर सीधे-सरल शब्दो
प्रिय पाठकों, लघु उपन्यास ‘माही’ मेरा दूसरा उपन्यास है. इससे पूर्व मेरा लघु उपन्यास ‘बैंक अधिकारी: बिखरते ख्य्वाब’ प्रकाशित हो चुका है, जिसको देश भर के पाठकों ने विशेष रूप से बैंकर्स ने बेहद पसंद किया. मुझे जो प्रतिक्रियाएं मिली, उनमें सबमें एक ही
राधे राधे दोस्तों आज मैं लेकर आई हूं एक नई कहानी , कहानी एक पत्नी के त्याग की , और एक पति के प्यार की, अजीत और तृषा की दोस्ती की , अजीत , तरुण मिहिर और मृत्युंजय की दोस्ती की , मृत्युंजय और तृषा के प्यार की कहानी धर्मप्रेमिका एक ऐसी पत्नी जिसे समाज
#बदला न्याय की तलाश में भटकने के उपरांत न्याय छीनने की कोशिश।
उगते सूर्य की किरणों से झिलमिल करती माँ नर्मदा की लहरों पर बहता मृत प्रायः युवा नारी शरीर…..क्या उसमें जीवन शेष था ? …….. सदानंद बाल-ब्रह्मचारी है।सांसारिक बंधनों से मुक्त होते हुए भी वह एक ऐसी परीक्षा से गुजरता है जो ब्रह्मचर्य के निषेधों पर प्रश्न
कहानी का तीसरा अंक प्रकाशित हुआ
यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है। इस कहानी में एक दुल्हन कई शादियां करके उन्हें अपने जाल में फसा कर पैसे और जेवर लूटना।
आज चल रहे व्यवस्था के विरोध में प्रदर्शन
इस किताब मे शायद आप को हम और आप मे से कोई मिल जाए।
इस किताब में उन चीजों का जो सफलता और असफलता के बीच के अंतर हैं | उदहारण के लिए कई जगह भारतीय आध्यात्म और जीवन मे सफल लोगों के विचारों को प्रयोग किया गया है
नारी आद्याशक्ति , सृष्टि का मूल एवं नर की जन्मदात्री है ! नवरात्र जैसे पावन अवसर पर महादुर्गा के विभिन्न स्वरूपों मे नारी शक्ति का पूजन सम्पूर्ण समाज करता है परंतु वह यह भूल जाता है कि उनके घर में जो नारी है वह भी उसी जगदम्बा का अंश है ! नारी जगतजननी
शब्दों की लड़ी ....
मेरे प्यारे पापा🙏🏻😊❤️