(होम्योपैथिक के चमत्कार भाग 2)
प्रस्तावना
होम्योपैथिक मेटेरिया मेडिका की कई लेखकों की पुस्तकों का गहन अध्ययन करने पर भी कई जगह सम्पूर्ण लक्षणों का विवरण प्राय: नही मिलता, परन्तु एक दक्ष होम्योपैथ प्रबल मानसिक , व्यापक लक्षणों एंव अदभूद लक्षणों को आधार बना कर औषधियों का निर्वाचन कर लेता है , यह एक कला है, यदि इस कला को पहचान लिया तो किसी भी रोग का उपचार आसानी से किया जा सकता है । कभी कभी कुछ चिकित्सक रोग के प्रबल लक्षणों को प्रधानता न देकर रोग विशेष की दवाओं का निर्वाचन करने लगते है , यदि प्रबल मानसिक या व्यापक अदभूद लक्षणों को आधार मानकर औषधियों का निर्वाचन किया जाये, तो सफलता आसानी से मिल जाती है, चाहे रोग कुछ भी हो, हमे रोग से नही बल्की लक्षणों को आधार बना कर ही औषधियों का निर्वाचन करना चाहिये । आज होम्योपैथिक में सैकडों की संख्या में औषधियों की प्रुविंग हो चुकी है एंव मेटेरिया मेडिका में सम्मलित होती जा रही है । होम्योपैथिक छात्रों के समक्छ क्या ? चिकित्सकों के समक्छ भी इतनी सारी औषधियों के लक्षणों को याद रखना एक बडी समस्या है , परन्तु आज से कई वर्षों पहले होम्योपैथिक में गिनी चुनी ही दवायें हुआ करती थी, और होम्योपैथिक चिकित्सक इन्ही गिनी चुनी दवाओं से आशानुरूप परिणाम प्राप्त कर लिया करते थे । अत: विद्यार्थीयों को होम्योपैथिक दवाओं की संख्या के बढने पर परेशान नही होना चाहिये, होम्योपैथिक में कुछ ऐसी दवायें है जिनकी अर्न्तरात्मा में घुस कर देखा जाये तो उन्ही गिनी चुनी दवाओं से आप उचित परिणाम प्राप्त कर सकते है , यह होम्योपैथ चिकित्सक की कला है ।
इस पुस्तक में हर संभव प्रयास किया गया है कि औषधियों के प्रमुख लक्षणों को प्रमाणित पुस्तकों से रोग लक्षणों के अनुसार लिखा जाये , परन्तु जहॉ कही भी पाठक आवश्यक समक्षें दवाओं के लक्षणों का आवलोकन एक बार पुन: प्रमाणित पुस्तकों से कर ले ताकि स्थिति साफ हो जाये एंव किसी प्रकार की शंका न हो ।
पुस्तक को रोग स्थिति के उनके लक्षणों के अनुसार अलग अलग अध्यायों में प्रर्दशित करने का प्रयास किया गया है , पुस्तक को सुगम व सरल बनाने की दृष्टी से रोग लक्षणों का संक्षिप्त विवरण ही दिया गया है, इससे चिकित्सक को रोग लक्षणों के अनुसार औषधियों के चयन में सुविधा होगी ।
2-होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से मिलती जुलती कुछ चिकित्सा पद्धतियॉ प्रचलन में है, इसकी जानकारी हेतु हमने इसमें कुछ जानकारीयॉ जोडी है, जो मात्र आप की जानकारी हेतु है । इनमें से बायोकेमिक चिकित्सा पद्धति को होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में सम्मलित कर लिया गया है, बच फ्लावर, इलैक्ट्रोहोम्योपैथिक, होम्योपंचर, नेवल होम्योपंचर, ( होम्योपंचर एंव नेवल होम्योपंचर गिने चुने एक्युपंचर तथा होम्योपैथिक चिकित्सा की सांझा जानकारी रखने वाले चिकित्सकों द्वारा प्रयोग किया जा रहे है ) को अभी स्वतंत्र रूप से चिकित्सा कार्य हेतु मान्यता प्राप्त नही हुई है । होम्योपैथिक चिकित्सा से मिलती जुलती बच फ्लावर रेमेडिज तथा इलैक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा भी अपने प्रचलन में है इनका भी हमने संक्षिप्त परिचय इस पुस्तक में देने का प्रयास किया है । इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति ने अपनी उपयोगिता को सिद्ध कर राजस्थान में मान्यता प्राप्त कर ली है, तथा अन्य राज्यो व केन्द्रीय मान्यता हेतु सर्घषरत है ।
3-हमारा मकसद किसी मान्य या अमान्य चिकित्सा पद्धति का प्रचार प्रसार या आलोचना करना नही है, हमारा मकसद केवल इसकी जानकारीयॉ आप तक पहुंचाना है । आज के समय में जब हम सभी उपगृह सुविधाओं से जुड चूंके है, तथा घर बैंठे सारी जानकारीयॉ नेट पर आसानी प्राप्त की जा सकती है एंव उनकी वैधता एंव उपयोगिता के बारे में मालुम किया जा सकता है ।
4-हमने विश्व प्रचलित चिकित्सा पद्धतियों की जानकारी उसकी मान्यता तथा उपयोगिता की जानकारीयॉ विभिन्न लेखों के माध्यम से चिकित्सा सम्बन्धित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित कराया था, इसके परिणाम स्वरूप कई पाठकों के पत्र आये, अधिकाशं पाठकों ने विश्व में प्रचलित अन्य चिकित्सा पद्धतियों की जानकारीयॉ चाही थी, उनके आग्रह पर हम एक पुस्तक विश्व प्रचलित चिकित्सा पद्धतियों के नाम से लिख रहे है, जिसमें विश्व में प्रचलित विभिन्न प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों की जानकारी उपयोगिता, तथा मान्यता एंव उनके संर्घष का इतिहास आदि देने का प्रयास कर रहे है
डॉ0 कृष्ण भूषण सिंह चन्देल [ वरिष्ठ चिकित्सक]
डॉ0 सत्यम सिंह चन्देल बी0 एच0 एम0एस0, एम0 डी0
जन जागरण चैरीटेबिल हॉस्पिटल
हीरो शो रूम के बाजू बाली गली नर्मदा बाई स्कूल
बण्डा रोग मकरोनिया सागर म0प्र0
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