तुम नही तो क्या मांगू चांद से, मेरे लिए तो बस खाली
आसमान बचा हुआ है।
मेरी एक कहानी होगी, कभी हमे भी किसी से प्यार हुआ है।
पागल दिल को कौन समझाए, आज फिर ये नाराज बैठा हुआ है बारिश, बादल ये धुंध, रास्ता साफ नहीं बस चारो ओर धुआं धुआं हुआ है।
17 सितम्बर 2024
तुम नही तो क्या मांगू चांद से, मेरे लिए तो बस खाली
आसमान बचा हुआ है।
मेरी एक कहानी होगी, कभी हमे भी किसी से प्यार हुआ है।
पागल दिल को कौन समझाए, आज फिर ये नाराज बैठा हुआ है बारिश, बादल ये धुंध, रास्ता साफ नहीं बस चारो ओर धुआं धुआं हुआ है।