मेरे जीवन मेरे पहले शिक्षक का बहुत खास स्थान है। क्यूंकि मेरे पहले शिक्षक मेरी मां है। उन्होंने मुझे शब्द दिए, बोलने का ज्ञान दिया। सबसे बड़ी बात जीवन दान दिया। पापा फॉरेस्ट विभाग में कार्यरत थे। इसलिए अक्सर वो बाहर रहते थे। मम्मी हम चारो भाई बहनों के साथ अकेले रहा करती थी। मम्मी ने उस समय हमे निडर होकर जीने की शिक्षा दी। मम्मी की शिक्षा दीक्षा आठवी तक कि रही।
पर हमारी पढ़ाई को लेकर वो बहुत सजग थी। पढ़ लिखकर समाज में सम्मान के साथ जीने की शिक्षा दी।
कुछ बड़े हुए तो पैसे बहुत खर्च करने लगा था। वो पैसों का महत्व समझती थी। बुरे समय के लिए पैसों की बचत की शिक्षा दी। कॉलेज गए तो नए लोगों से मिलना और दोस्ती बढ़ गई। बहुत सारा समय मैं घर से बाहर रहा करता था। उस समय मम्मी ने समय के महत्व की शिक्षा दी। जीवन में मैं बिलकुल नास्तिक हो गया था, भगवान के प्रति आस्था और विश्वास शिक्षा भी मम्मी से ही मिली है।