हमारे देश में तीज व्रत का विशेष महत्व है शादी सुदा महिला अपने पति को लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। यह व्रत पूरे 24 घंटे का निर्जला होता है। कुंवारी लड़कियां अच्छे पति की कामना के लिए व्रत रखती है। यह व्रत महिलाएं अपने मायके में रहकर करती है।
हमारे छत्तीसगड़ में तो यह विशेष रूप से मनाया जाता है। महिलाएं
अपने मायके जाकर यह व्रत रखती है। मायके वाले उन्हें उपहार स्वरूप कपड़े देकर सम्मानित करते हैं। और यह रिश्ता मजबूत होता जाता है।वो लड़की जो अपने घर को छोड़कर ससुराल चली जाती है। इस दिन का इंतजार बड़ी बेसब्री से करती है। उसके मायके से उसके भाई या फिर पिता उसे लेने जाते हैं। मायके आकर पूरी निष्ठा से इस व्रत को पूरा करती है। एक महिला के लिए उसकी दुनिया सिर्फ दो जगह से मिलकर बनती है। एक उसका मायका और दूसरा उसका ससुराल। वो अपनी पापा की लाडली होती है। मम्मी कि राजकुमारी, भाईयो कि जान होती है। तीज व्रत पर हमारे यहां रात को सारी महिलाएं गीत संगीत का आयोजन करती है। यह पुरी रात चलता है। अगले दिन सुबह जल्दी नहा धोकर फिर व्रत को पूरा करती है। इस अवसर पर मीठे चीले का पकवान बनाए जाते हैं। और इस तरह सारे परिवार में खुशी का माहोल रहता है।