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ससुराल

1 अगस्त 2024

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प्रीती आज सुबह से ही बड़ी  परेशान थी । उसने घर का सारा काम तो कर लिया था , फिर भी वह घडी की  ओर देखे 

जा रही थी । उसका पति सोमेश एक नंबर का शराबी था । प्रीती न उसे कई बार  समझाने का प्रयास किया पर वो 

कहाँ मानने  वाला था । प्रीती एक गरीब घर की लड़की थी । पर एक अच्छे संस्कारो वाली लड़की थी । उसने शयद ही कभी 

अपने ससुराल वालो को किसी बात पलटकर जवाब दिया हो । पर इतनी अच्छी होने के बावजूद उसकी किस्मत उसका 

इम्तेहान लिए जा रही थी । टक - टक घडी की सुईया आगे बढ़ती जाती , वैसे - वैसे उसकी चिंता बढ़ती जाती थी ।

अचानक कार की आवाज उसे सुनाई दी , उसने जल्दी से जाकर  दरवाजा खोला तो उसकी आँख खुली की खुली रह

गयी , प्रीती ने देखा पहले तो उसका पति सिर्फ शराब पी कर आता था पर आज तो वह किसी लड़की को भी साथ ले आया था उस लड़की का विरोध किया तो , सोमेश ने उसे जोर से धक्का दे दिया । जिससे वह फर्श पर गिर पड़ी ।

और वह  रोते हुए सोमेश ऐसा न करने के लिए विनती करने लगी । ये रात प्रीती के लिए बड़ी मुश्किल थी । जैसे तैसे 

सुबह उठी सोमेश के लिए चाय बनाई और उसे दिया , सोमेश ने वह गरम चाय उसके ऊपर फ़ेंक दिया जिससे उसका हाँथ जल गया । धीरे -  धीरे समय गुजरता गया । जब भी प्रीती के घर वालो क फ़ोन आता प्रीती अपने बहुत खुश होने का दावा 

करती थी , पर उसकी  आत्मा ही जानती थी की उसके साथ क्या हो रहा है । अचानक सोमेश की कंपनी में बड़ा लॉस हो गया । और वह सड़क पर आ गया , बैंक का उसपर बहुत बड़ा कर्जा था । जो रिश्तेदार उसके तलवे चाटा करते थे , उन सभी 

ने उससे मुँह मोड़ लिया । लेकिन सोमेश को पूरा भरोसा था उसकी गर्लफ्रेंड मोना उसका साथ कभी नहीं छोड़ेगी । 

सोमेश मोना के पास गया और बोला मोना मुझे पता है तुम मुझसे बहुत प्यार करती हो ,तभी मोना तपाक से बोली 

क्या कहा तुमने प्यार और वो भी तुम्हारे जैसे फर्तीचर से ,  सुनो अपनी श्क्ल दोबारा  मुझे मत दिखाना । ये सब सुनकर 

सोमेश के पैरो तले जमीन खिसक गयी । अपने आप से टूट चूका सोमेश घर आकर एक चेयर पर आकर बैठ गया । 

उसके अंदर मनो विचारो का तूफान उठने लगा । उसे लगा की अब उसके जीने का कोई फ़ायदा नहीं , जिन्हे वो अपना 

समझता तो वो सब मतलबी निकले । इसलिए अब मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं , तभी एक नर्म हाथ उसके कंधे 

पर आया , सोमेश ने देखा वो हाथ प्रीती का था । प्रीती ने कहा आप क्यों टेशन लेते हो ,मैं जीवन के हर मोड़ पर 

पर आपके साथ खड़ी रहूंगी । सोमेश ने जब ये सुना उसकी आँखे आंसू आ गए और वह आत्मग्लानि से भर गया । जिन हाथो को उसने गरम चाय से जला दिया था . आज वही उसका हाथ थामे हुए है । आगे ......................................

मगर तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी , प्रीती ने दरवाजा खोला तो देखा बैंक वाले सामने खड़े , बड़ी तेजी से वो 

अंदर आये । और खा आपको ये घर खली करना होगा । सोमेश और प्रीती को किसी भी चीज को हाथ लगाने की इजाजत 

नहीं थी । सोमेस और प्रीती अब उस घर को छोड़कर भर निकल गए । कड़ी धुप में  दोनों पैदल चल रहे थे । प्रीती के मन में 

एक ही बात चल रही थी किसी भी तरह वो अपन घर और ससुराल की इज्जत को वापस पाकर रहेगी । तभी उनको एक 

आवाज सुनाई दी , वो प्रीती की एक  पुरानी फ्रेंड की थी , प्रीती ने अपनी ससुराल की सारी हालत उसे सुनाई । उसकी प्रॉब्लम 

सुकर उसकी फ्रेंड उसे अपने घर लेकर चली गयी । सोमेश एक पढ़ा लिखा इंसान था . वो किसी कंपनी या स्टोर में जॉब के 

लिए ट्राई करने लगा । पर प्रीती समझ चुकी की इतने से उनका घर नहीं चलने वाला था । तभी उसकी फ्रेंड ने एक आईडिया उसे सिया ,उसने कहा प्रीती आस - पास बहुत सर हॉस्टल उनको हमेशा अच्छे खाने  की शिकायत रहती है, तुम

अच्छा खाना बनाकर उन्हें सर्वे कर सकती हो।  वो और उसकी फ्रेंड हॉस्टल में संपर्क कर खाना सर्व करने क काम करने लगे ।धीरे धीरे उनका काम चल पड़ा । सोमेश को भी एक अच्छी जगह जॉब मिल गयी । अब वो दोनों अपनी लाइफ में बहुत खुश

थे । तभी एक दिन प्रीती किसी काम से एक होटल में गयी हुई थी , तभी उसने देखा की मोना उसकी बगल वाली टेबल पर

बैठकर किसी आदमी बात कर रही थी । प्रीती को उस पर सुरु से ही सक था की सोमेश की बर्बादी में उसी का हाथ है।

प्रीती अपना चेहरा छुपाते हुए , मोना का वीडियो बना लिया जिसमे वो कह रही थी । की उसने सोमेश को गलत टेंडर

भरवाकर उसकी कंपनी को लॉस में पहुंचया है । प्रीती ने ये वीडियो सोमेश को दिखाया , और वो दोनों पुलिस के पास

गए । पुलिस ने मोना और उसके दोस्त को पकड़ लिया । मोना ने अपना गुनाह कबूल कर लिया । और इस तरह सोमेश

को उसकी कंपनी और घर दोनों वापस मिल गए । और इस तरह प्रीती की समझदारी से उनकी जीत हुई । सोमेश ने अपनी

हर गलती के लिए प्रीती से माफ़ी मांगी और उसे गले से लगा लिया । और इस तरह प्रीती ने अपना घर और ससुराल

सम्मान वापस पा लिया ।    






 

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