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विजयदशमी

11 अक्टूबर 2024

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आज विजय दशमी है। जो पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।  पूरा देश इस विजय को मानता है। राम भगवान 14 वर्ष बनवास काटकर रावण का वध कर। अयोध्या वापस लौटे थे। ये सिर्फ़ राम की विजय नही है। ये विजय, संकल्प की। ये विजय समर्पण की। ये विजय है साधना की। क्या सच में रावण मर चुका है। या रावण आज भी विकारों के रूप में हमारे अंदर जीवित है। रावण ने भी एक स्त्री का अपमान किया था। आज के युग में भी स्त्री सम्मान कहां रह गया है। रावण ने तो सीता के साथ भी एक मर्यादा बनाई रखी थी। क्या आज हम इतनी मर्यादा पालन कर पा रहे हैं। तो कहीं ऐसा तो नहीं कि हम अपने अंदर के रावण को देख नही पा रहे हैं। जिस प्रकार राम ने अपनी छोटी मां के कहने पर तुरंत वन में चले गए। क्या आज के समय में कोई ऐसा कर पायेगा। रावण के पुतले जलाने से कुछ नहीं होगा जलाना है तो अपने अंदर छुपे हुए रावण को जलाओ।
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रचनाएँ
कैलाश धुर्वे की डायरी
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ये कहानी मनोज और आशा की है जिसमे प्यार भी निभाना है और दोस्ती भी
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मन का सब्र

24 जुलाई 2024
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सब्र याने धीरज जो आज के समय में होना तो सबके पास  चाहिए पर रखता कोई नहीं है   हर किसी के अंदर जल्दी सब कुछ पा लेने की ईछा है.  हमारा प्रयास कितना भी अच्छा हो  पर  उससे आगे हमारा प्रारब्ध झंडा लिए खड़

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मनोज और आशा 3

25 जुलाई 2024
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मनोज की इस जिद्द के आगे मैं मजबूर हो गया और मैं आशा के पास गया जहाँ वो अपनी फ्रेंड के साथ  बैठकर स्मार्ट लड़को के बारे में चर्चा कर रही थी  उनके कपडे ,रहन सहन का तरीका  उनके स्टाइल की  चर्चा कर रही थ

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पुरुष तू

29 जुलाई 2024
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समाज का पुरुष प्रधान तू  सब कहते शक्तिमान  तू . मुझे  कोई  संज्ञा न दो  , बीटा भाई और पिता हूँ . बस अपनों के लिए जीता हूँ . सारे काम कर मैं सोता हूँ. कोई जिज्ञासा लेकर उठता हूँ . अपने जीवन की व्

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बचपन की यादे

30 जुलाई 2024
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बचपन  की यादो का भी क्या कहना है . स्कूल न जाने के लिए हम भी बड़े बहाने करते थे . पेट पर अपनी हाथ रखकर जोर से दर्द होने का बहाना किया करता था . पर मम्मी हमें पकड़   लिया करती थी .  और हमे स्कूल जाना प

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प्रेमचंद

31 जुलाई 2024
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साहित्य की दुनिया का एक ऐसा नाम, जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है हम बात कर रहे हैं  कहानीकार  ,उपन्यास कर मुंशी  प्रेमचंद की     इनका वास्तिवक नाम धनपत राय था .इन्होने  अपने जीवन काल में 300 से भी अ

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ससुराल

1 अगस्त 2024
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प्रीती आज सुबह से ही बड़ी  परेशान थी । उसने घर का सारा काम तो कर लिया था , फिर भी वह घडी की  ओर देखे  जा रही थी । उसका पति सोमेश एक नंबर का शराबी था । प्रीती न उसे कई बार  समझाने का प्रयास किया पर वो 

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बांग्ला देश

6 अगस्त 2024
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aअभी रविवार को हुए उपद्रवी प्रदशन मे बंगला देस की  तख्ता पलट कर रख दिया है। हजारों छात्रों ने सारी हदों को पार करते हुए राजधानी ढाका में अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। इसी कारण हालात को खराब होते द

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बांग्ला देश

6 अगस्त 2024
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aअभी रविवार को हुए उपद्रवी प्रदशन मे बंगला देस की  तख्ता पलट कर रख दिया है। हजारों छात्रों ने सारी हदों को पार करते हुए राजधानी ढाका में अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। इसी कारण हालात को खराब होते द

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विनेश फोगाट

7 अगस्त 2024
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ओलम्पिक में अपना पदक पक्का कर विनेश फोगाट ने इतिहास रच दिया है। फोगाट ओलम्पिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बन गई हैं। उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की हे। देखा ज

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बादलों में

2 सितम्बर 2024
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बादलों तुम कहां चले गए।मुझको रुलाके चले गए।नील गगन भी खाली है।तुमसे पेड़ो की हरियाली है।तुम्हे खोजने कहां मैं जाऊं।तुमसे दिल की बात बताऊं।मेरे सनम के लिए बारिश कर दो।पुरी छोटी सी ख्वाहिश कर दो।

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मेरे पहले शिक्षक।

4 सितम्बर 2024
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मेरे जीवन मेरे पहले शिक्षक का बहुत खास स्थान है। क्यूंकि मेरे पहले शिक्षक मेरी मां है।   उन्होंने मुझे शब्द दिए, बोलने का ज्ञान दिया। सबसे बड़ी बात जीवन दान दिया। पापा फॉरेस्ट विभाग में कार्यरत थे। इस

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तीज व्रत

4 सितम्बर 2024
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 हमारे देश में तीज व्रत का विशेष महत्व है शादी सुदा महिला अपने पति को लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। यह व्रत पूरे 24 घंटे का निर्जला होता है। कुंवारी लड़कियां अच्छे पति की कामना के लिए व्रत रखती है। 

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छोड़ो उनकी यादों को

6 सितम्बर 2024
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चुप सी है उदासी आज। अक्सर बात करने वाली, तुम नही तो ये भी नही हे। चाहो मुझसे बात कर लो। कोई अच्छा सावल कर लो। मैं तुम्हे अपना मन ही नहीं अपनी प्रेरणा भी मानता हु। यूं तो बस तुम्हे जनता हुं। उनक

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नही पता पर कितना याद बहुत आयेगी।

10 सितम्बर 2024
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तेरे जाने के बाद तेरी याद बहुत आयेगी। नही पता पर कितना  याद बहुत  आयेगी। पुरानी यादों को भूल जाना। नई ज़िदगी फिर से आयेगी। नन्हे थे तुम मेहमान हमारे। नील गगन के चांद सितारे। मेरी नमी लिए इन आंखो

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कुछ लोग तुम्हे अच्छा कहते हैं कुछ लोग मुझे।

13 सितम्बर 2024
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तुम मिले तो पता चला ज़िंदगी खूबसूरत है। मेरे घर से तुम्हारे घर का फासला बस चार कदम का है। हर कदम पर अलग बाते हैं। हर बात एक कहानी सुनाती है। हर एक कहानी के किरदार अलग अलग है। हर किर

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प्यार हुआ है।

17 सितम्बर 2024
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तुम नही तो क्या मांगू चांद से, मेरे लिए तो बस  खाली  आसमान बचा हुआ है। मेरी एक कहानी होगी, कभी हमे भी किसी से प्यार हुआ है। पागल दिल को कौन समझाए, आज फिर ये नाराज बैठा हुआ है बारिश, बादल ये धुंध, र

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बोलना चाहिए।

21 सितम्बर 2024
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अपनी इस बेचैनी को खत्म कर कुछ बोलना चाहिए। कुछ हमे कुछ तुम्हे बोलना चाहिए। रात का वक्त और लंबा सफर, थोड़ी देर हमे ठहर जाना चाहिए। रिश्तों में मिठास रखने के लिए, एक दूसरे के घर जाना चाहिए। जिंदगी

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ईर्षा और जलन।

24 सितम्बर 2024
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आ ज का समाय बड़ा विपरीत है। हमे अपने से ज्यादा पड़ोसियों की टेंशन रहती है अक्सर उन लोगों को देखकर जलन की भावना पैदा होती है। किसी के पास अगर नई बाइक आ जाए तो उसे देखकर जलने लगते हैं। किसी के पास नया

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मां इतनी दया हम पे करना।

3 अक्टूबर 2024
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मां इतनी दया हम पे करना।मां इतनी कृपा हम पे करना।श्रद्धा की जोत जलाता हूं।तुम्हे मन की बात बताता हूं।तीन देव की शक्ति हो तुम।आदि, अनंत, मुक्ति हो तुम।काली, लक्ष्मी, कल्याणी तुम।तारा, अम्बे, ब्रम्हाणी

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किताबे

8 अक्टूबर 2024
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ये भी बड़ी अजीब बात है। पढ़ते किताब है। पर घड़ते कुछ और है। मन और किताब की दोस्ती करना बडा मुश्किल काम है।हो जाए टी अच्छी बात है। नही तो फिर भगवान ही मालिक है। एक्समा के एक दिन पहले दिन बस इनकी बहुत य

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विजयदशमी

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आज विजय दशमी है। जो पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। पूरा देश इस विजय को मानता है। राम भगवान 14 वर्ष बनवास काटकर रावण का वध कर। अयोध्या वापस लौटे थे। ये सिर्फ़ राम की विजय नही ह

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अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस

11 अक्टूबर 2024
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आज जो बालिकाओं के साथ हो रहा है। उसने अत्याचार की हर सीमा को पार कर दिया है। एक तरफ तो हम समानता और मानवाधिकार की बाते करते हैं। और दूसरे तरफ उनके अधिकारों का हनन करते हैं। सरकार बालिकाओं के अधिकार के

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शरद पूर्णिमा

16 अक्टूबर 2024
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आज शरद पूर्णिमा का पावन पर्व है। इस पर्व की पवित्रता इतनी की चंद्रमा भी अमृत वर्षा करती है। आज की रात्रि चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होती हैं। और उसकी पूर्णता का सौंदर्य पूरी पृथ्वी पर प्रकाश के रू

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अधूरी प्रेम कहानी है।

17 अक्टूबर 2024
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छोटे छोटे पत्थरों पर बंकी, हमारी निशानी है।बड़े ध्यान से सुनना, ये मेरी अधूरी प्रेम कहानी है।आंखों ही आंखों में बाते हुई।छोटी छोटी मगर, प्यारी मुलाकाते हुई।खिड़की, छत, ये दीवारें पहचानी है।बड़े ध्यान

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