दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 'टॉक टू एके' में लोगों के कई सवालों के जवाब दिए. लेकिन अब एक वीडियों सामने आया है जिसे देखकर लगता है कि ये कार्यक्रम पहले से सुनियोजित था. जी हां कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधायक सुरेंद्र सिंह कमांडो को कार्यक्रम में कब आना है इसका ज
कलर्स चैनल के बाद अब सोनी चैनज पर प्रसारित होने वाले कपिल शर्मा के कॉमेडी शो 'कॉमेडी नाइट विद कपिल' में जज की कुर्सी पर विराजमान होकर हंसी के ठहाके संग अपने शायरियों से लोगों पर अपनी अलग छाप छोड़ने वाले नवजोत सिंह 'सिद्धु' ने भाजपा का साथ छोड़कर सियासत में हलचल मचा दी है। ऐसी चर्चा है कि अब वह आम आद
तुर्की ने अपने लोकतंत्र को बचाया या वो धार्मिक कट्टरता की ओर बढ़ रहा है ?तुर्की में जो कुछ हुआ उस पर सीधे सीधे कोई राय कायम कर लेना थोड़ी जल्दबाजी होगी ! क्या वास्तव में तुर्की की जनता अपने लोकतंत्र को बचाने के लिए सेना से भिड़ गई ? इस पर भ्रम पैदा हो रहा है तो उसके कारण हैं ! सवाल कई हैं जैसे की किस
चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी द्वारा पंजाब में अपने चुनावी घोषणापत्र की तुलना गुरुग्रंथ साहिब से करने पर पश्चाताप किया है। सोमवार को केजरीवाल ने स्वर्ण मंदिर जाकर बर्तन धोकर पश्चाताप किया। एक रिपोर्ट के अनुसार अमृतसर में केजरीवाल ने कहा कि मैं यहाँ अपने घोषणा पत्र को लेकर हुई गलती के लिए पश्चाताप करने आया
मिशन-2017 के लिए सभी सियासी दलों की नजरें यूपी की सत्ता पर हैं। पर जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है बगावत के सुर भी बढ़ते ही जा रहे हैं। हाल में बसपा के बागियों ने माया के साथ छोड़ा। अब भाजपा में भी बगावत के सुर दिखने लगे हैं। दरअसल, भाजपा सांसद व राज्यसभा सदस्य नवजोत सिंह 'सिद्धु' ने पार्टी से किनारा
जुल्म तो हमारी सेना पर हो रहा है "गर फ़िरदौस बर रुए ज़मीं अस्त,हमीं अस्त,हमीं अस्त,हमीं अस्त ।" --फारसी में मुगल बादशाह जहाँगीर के शब्द ! कहने की आवश्यकता नहीं कि इन शब्दों का उपयोग किसके लिए किया गयाहै --जी हाँ कश्मीर की ही बात हो रही है । लेकिन धरती का स्वर्ग कहा जाने वालायह स्थान आज सुलग रहा है ।
तिब्बत और कश्मीर दोनों आसपास हैं और दोनों , पिछली शताब्दी में ,एक ही तरह की समस्या से गुजरे हैं ! पहले तिब्बत बाद में कश्मीर ! तिब्बत में बुद्धिज़्म सैकड़ो वर्षों से है ! जिसका मूल मन्त्र है ध्यान और अहिंसा ! शांतप्रिय लोग हैं, मगर वहाँ क्या हुआ ? इतिहास गवाह है ! चीन की विस्तारवादी कट्टरता के आगे, कै
संसार की प्रत्येक वस्तु का कोई न कोई निर्माता होता है तभी वह बनती है। इतने बड़े विश्व का भी कोई न कोई निर्माता होना चाहिए। सृष्टि की विभिन्न वस्तुओं में से प्रत्येक में अपने-अपने नियम क्रम पाये जाते हैं। उन्हीं के आधार पर उनकी गतिविधियां संचालित होती हैं। यह नियम न होते तो सर्वत्र अस्त-व्यस्तता और अ
वास्तविकता यही है कि आज हम मिलावट के युग में जी रहे हैं। जिस भी चीज में देखो कुछ-न-कुछ मिला होता है। हम लोगों को कोई भी खाद्य पदार्थ अपने शुद्ध रूप में नहीं मिल पाता जिनको पाना हम सबका अधिकार है। हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे जीवन के साथ यह मिलावट का खेल चल रहा है। प्रायः टीवी और समाचार पत्रो
दृष्टिकोण और नजरिया दोनों अलग अलग हो सकते है? ईमानदार राजनीती में मिलावट भर्ष्टाचार का, भर्ष्टाचार में मिलावट ईमानदारी का ज़हर है?दबंग राजनीती में मिलावट शराफत का, शराफत वाली राजनीती में मिलावट दबंगई का ज़हर है?धर्म निरपेक्षता की राजनीती में धर्म का, और धर्म की राजनीती में मिलावट धर्म निरपेक्षता ज़हर ह
लखनऊ- गंगा के किनारे बसा उन्नाव जिला आज जल प्रदूषण से किस कदर जूझ रहा है कि जिले के अधिकांश भाग के जलस्तर में क्रोमियम और फास्फोरस घर बना चुका है। पानी जहरीला बन चुका है जबकि प्रशासन कारगर कदम उठाने की जगह शायद मौत का खेल शुरू होने का इंजतार कर रहा है। प्रदूषण विभाग कागजी बाजीगरी में मस्त है वहीं म
भारत और अमेरिका के सुर अतीत में भले ही एक दूसरेसे मेल न खाते रहे हो परंतु आज स्थिति में वांछितबदलाव है। दोनों ही देश के प्रमुख विकास के मुद्दे परआम सहमति रखने वाले है। वैश्विक मंचो परदोनों ही देश गर्मजोशी से मिले है औरविचारधारा में भी आपसी समन्वय है। रिश्तों औरआकांक्षाओं की बात करने से पहले पूर्व मे