यह कहानी की चौथी किश्त है एक खबर आती है की रायपुर से 150 किमी दर गंडई कस्बे की मस्जिद में आग लग गई। वहां फंसे लोगों को बचाने के लिए कस्बे के बहुत सारे लोग अपनी भूमिका निभाने आगे आ गए।
मन के भावों को कविता के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया है
शायद आपके विचार से अधिक कामकाजी लोग अपना अधिकांश समय रोजगार से संबंधित स्थिति में दूसरों के साथ बिताते हैं। और, जब तक कि वे भाग्यशाली न हों, इन व्यक्तियों को यह चुनने का मौका नहीं मिलता कि उनके सहकर्मी कौन हैं। https://bit.ly/3QRb93X
“जब कभी हमसे तकदीर रूठ जाती है तो आशा की किरणें सपनों में झिलमिलाती है कोई तो होगा जो एकदिन पास आएगा अपने पवित्र प्यार को मुझपर यों लुटायेगा अपनी प्यारी मुस्कराहट से ,नयी उमंग जगायेगा जैसी भी हूँ मैं,बेझिझक वो अपनाएगा जिस्म की सीमा से आगे,दिल तक समा
हममें से अधिकांश लोग ज्ञान और जागरूकता के अभाव में अपनी महत्वपूर्ण चीजों और बहुमूल्य समय को ही नजरअंदाज कर देते हैं, फिर समय बीत जाने पर हाथ मिलने और पछताने के सिवाय और कुछ भी हासिल नहीं होता है। समय पर जो काम थोड़ी उर्जा या श्रम से हो सकता था, उसके
इस पुस्तक में मैंने अपनी कविताएं प्रकाशित की हैं जो विभिन्न विषयों जैसे श्रंगार , सौंदर्य , प्रेम, हास्य, जीवन, समाज आदि से संबंधित हैं । आशा है कि यह पुस्तक आपको पसंद आएगी । कृपया इस पुस्तक के संबंध में अपने विचार अवश्य प्रकट करने का श्रम करें । धन
हम सब के मन में कुछ इच्छाएँ सुप्त अवस्था में रहती हैं लेकिन कोई एक पल ऐसा आता है जब हमारी सोई हुई इच्छा फिर से जाग जाती है और सारे बाँध तोड़ कर उन्मुक्त नदी की तरह बहने लगती है यानि की उसे हर हाल में अपने सपनों को साकार
•आसमां से जमीं तक • आसमां से जमीं तक इक ही है रास्ता इस जन्म का नहीं ये उस जन्म का है वास्ता भूला नहीं मैं अब भी वो मेरी जिंदगी में खुशियों की हर इक डोर तुम्ही हो तुम्ही हो, तुम्ही हो तुम्ही हो, तुम्ही हो तुम से ही जुड़ी है ये जिंदगी मेरी
स्वतंत्रता दिवस हमारे देश मे 15 अगस्त 1947 से मनाया जाता है।इसी दिन हम स्वतन्त्र हुए थे। या ये कहें की हमें पूर्ण आजादी मिली थी। लेकिन क्या वास्तव मे हम स्वतन्त्र है...? देश की दशा, देश मे बढ़ रही गरीबी, बेरोजगार युवा क्या इन्हें देश से प्यार नहीं है।
मुम्बई के स्ट्रगलर साइड एक्टर विहान और अपने शहर कानपुर से डबिंग आर्टिस्ट बनने मुम्बई आई शिवाक्षी की दिल को छू लेने वाली प्रेम कहानी।
ए खुदा किसी एक का तो नसीब बदल दे, चाहे उसे मेरा या मुझे उसका कर दे !!
तिच्या मिठीत रात्रं, मस्त निघून जाते........ . चंद्र चांदणी लपून छपून, आमचं प्रेम पहाते......
यह एक लघु कथा है , जो यह दर्शाता है कि इंसान जो दिखता है वैसा अंदर से भी होगा यह सही नहीं है, बुरा आदमी भी अंदर से अच्छा होता है,
सबकी अपनी अपनी कहानी होती है किसी की छोटी तो किसी बड़ी पर होती सबकी है उसमे संघर्ष भी होते है खुशियों के साथ दुख भी होते है किसी के छोटे तो किसी के बड़े पर सबकी की अपनी अपनी कहानी होती है किसी की छोटी तो किसी की बड़ी उसमे चलना भी होता है ,ठहर
नमस्कार पुस्तक नाम - वीणा की झनकार परिचय - इस पुस्तक में आपको कवि विमल कुमार प्रजापति के द्वारा स्वरचित कविता गीत और कुछ मुक्तक मिलेगे। जिनमे से कुछ प्रेरणा पद और अधिकतर मोहब्बत के मुक्तक एवं शायरी मिलेंगी। आप लोग मेरे इन मुक्तकों को पढ़िए और दिलपूर
अपनों की दुनिया में भी अजीब सा मंजर होता है, जिन्हें निहत्था समझें अक्सर उन्हीं के पास खंजर होता है, घाव तो इतना गहरा देते हैं जितना की समुंदर भी नहीं होता है, फिर भी मुस्कुराकर जो विपरीत धाराओं का रुख मोड़ दे वही तो सिकंदर होता है,
रामभरोसे एक छोटा किसान है। दिर्ग शहर के बाहर के हिस्से में 5 एकड़ जमीन है।जिसे दुर्ग नगर निगम कानूनी रूप से अधिगृहित किये बिना अपने कब्जे में लेकर एक बगीचा बनाना प्रारंभ कर देता है। राम भरोसे इसके विरोध मेँ कै जगह गुहार लगाता है। पर कहीं उसकी सु