एक बड़े साहित्यकार कृष्ण कुमार के जयंती के अवसर पर वह जीवित मिल जाते हैं ,पर विछिप्त अवस्था में ,और मिलने के कुछ ही क्षण बाद ही उनकी मृत्यु भी हो जाती है ,
कवि:- शिवदत्त श्रोत्रिय<br style="color: rgb(34, 34, 34); font-family: Georgia, Utopia, 'Palatino Linotype', Palatin
पहली पंक्ति उत्साह बढ़ाती है, अंतिम पंक्ति सार बताती है
"मेरा बाप ही मेरा दुश्मन हो गया मेरे बाप ने मेरे साथ जो किया नहीं जानती हूं मेरी जगह कोई और होती तो स्वयं आत्महत्या करने की अथवा अपने बाप का गला दबा देती।" इतना कहकर रमला बुरी तरह रोने लगी।
राजर्षि'। 'राजर्षि' में कर्तव्य अकर्तव्य की कसौटी पर पापपुण्य की विवेचना करते हुए घर्मांधता के विरुद्ध जिहाद छेड़ने का प्रयास किया गया है। साथ ही रूढ़ियों को धिक्कारते हुए धर्म, प्रकृति एवं समाज को नए परिपेक्ष्य में देखा गया है। राजर्षि के सम्बन्ध मे
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। प्रेमा मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया पहला उपन्य
माया एक 20 साल की हस्ती खेलती लड़की , जिसकी पूरी दुनिया उसके पिता के चारो ओर घूमती है , मां तो माया की बचपन में ही गुजर गई थी किसी बीमारी के कारणवश, सौतेली मां थी जो अच्छी थी बुरी ये आगे जानेंगे ..... माया की जिंदगी बिलकुल अच्छी चल रही थी अपने परिवार
रबीन्द्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय कवि थे। उनका जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता के जोर-साँको में हुआ था। इनके माता-पिता का नाम शारदा देवी (माता) और महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर (पिता) था। टैगोर ने अपनी शिक्षा घर में ही विभिन्न विषयों के निजी शिक्षकों के संरक्ष
पुस्तक में पश्चिमी सभ्यता और भारतीय संस्कृति की विरोधाभासी समानता का मनोरंजक वर्णन है।
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। रंगभूमि (1924-1925) उपन्यास ऐसी ही कृति है। नौकर
बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान 'जन गण मन' और बाँग्
महाभारत के अमर पात्र अभिमन्यु के शौर्य को समर्पित एक कविताओं
इस किताब में जो भी कविताएं संकलित है सभी मेरे अंतर्मन से निकले विचार हैं जो विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष की देन है, इस पुस्तक को आप सभी पाठकों से स्नेह मिलेगा यही मेरी कामना है धन्यवाद 🙏
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प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। 'वरदान' दो प्रेमियों की दुखांत कथा है। ऐसे दो प्र
हम सब के मन में कुछ इच्छाएँ सुप्त अवस्था में रहती हैं लेकिन कोई एक पल ऐसा आता है जब हमारी सोई हुई इच्छा फिर से जाग जाती है और सारे बाँध तोड़ कर उन्मुक्त नदी की तरह बहने लगती है यानि की उसे हर हाल में अपने सपनों को साकार
चार टपोरी गुंडे लोगो को परेशान करते रहते हैं एक बार एक बुजुर्ग से टकरा जाते हैं!!
ऐ पृथ्वी के मानव तुम , तेरी आवाहन मैं करती हूँ | सदा हमें सम्भाल कर रखना , तुम्हें हमेशा कहती हूँ | मैं स्वस्थ्य तो तुम स्वस्थ्य हो , तुमसे स्वस्थ्य पुर्ण संसार होगा | कर मदद सदा दुखियों का , प्रसन्न मन शांति तुम्हारा उपहार होगा | जल,वायु,आकाश,अग्नि
स्वतंत्रता दिवस हमारे देश मे 15 अगस्त 1947 से मनाया जाता है।इसी दिन हम स्वतन्त्र हुए थे। या ये कहें की हमें पूर्ण आजादी मिली थी। लेकिन क्या वास्तव मे हम स्वतन्त्र है...? देश की दशा, देश मे बढ़ रही गरीबी, बेरोजगार युवा क्या इन्हें देश से प्यार नहीं है।