पानी से नफरत किसको?आँग पानी से बुझती है।पत्थर पानी से कटता है।गंगा पानी संग बहती है।पेड़ पानी से पलता है।फसल पानी से खिलती है।पानी से इंसान की प्यास बुझती है।पशु, पक्षी पानी मे कलरव करते है।नाव जहाज़ पानी के संग बहते है।मछली भी फुला गलफड़े सासे भरती है।क़्क़सरसों को भींगा पानी से कोल्हू में पेरा जाता है।
जब मिल जाए फोन, हम रह लेंगे Alone, फिर घर की घंटी कोई बजाए, नहीं पूछेंगे तुम कौन? चाहें दूर से चलकर भैया आए, या ड्यूटी करने सैंया जाए, आने जाने से पहले घर में करना एक मिस कॉल। खाना बनाना हों, या हो खाना हाथ से दूर रह ना पाए फ़ोन.. जब घर, बाहर में बैठे हो लोग बहुत, या नेटवर्क सिग्नल दे ना साथ तो लेके
आज बैठी थी मैं, अपने परिवार अपने बच्चों के पास, आज सुन रही थी मैं पहले से खास, बच्चे कहने लगे, इस तरह घर में कैद रहने से कहीं अच्छी थी, वो स्कूल की चारदीवारी, जहां पर 5 घंटे के लिए ही जातें, घर से बाहर जाते थे हम। टीचर की सख्ती, फिर भी दोस्तों संग मस्ती, पानी, टायलेट
तनहाई घिरने लगा मन में अंधेरा, जब शांत होकर मैं आई। मन में होने लगी उथल-पुथल, यादों ने ली अंगड़ाई। कोई नहीं था, संग मेरे, मैं थीं खुद में समाई। मैं थीं,और थीं मेरी तन्हाई, खुशी हो, या हो गम हम दोनों ही तो है, इसके सिवा है किसकी परछाई? मैं और तन्हाई......... आंखों की नमी उभर आई, मुस्कुरा कर लबों ने