वो बोली पर मैने कभी आपसे शादी के बारे में नहीं सोचा। मैने कहा क्या तुम्हारी जिंदगी में कोई और है। तुम मुझे पसंद नहीं करती। उसने कहा आप मुझे अच्छे लगते है। तभी आपसे बात करती हूं और आपके साथ घूमती हूं। और मेरी जिंदगी में कोई दूसरा नहीं है। पर मैं आपसे शादी नही कर सकती। मैं किसी से शादी नहीं करना चाहती। मैने अपनी जिंदगी गरीब बच्चों के नाम कर दी है। मैं बस उन्ही के लिए काम करना चाहती हूं।
मुझे एक दूसरे शहर में नौकरी मिल गई है। और मैने वहां की एक संस्था से भी बात कर ली है। कुछ दिन में मै वहां चली जाऊंगी। मेरी वहां जाने की सब तैयारी पूरी हो गई है। मैं आज सिर्फ इसीलिए आपसे मिलने आई थी। आपको ये बताने और आपसे अलविदा लेने। बरसो से यही मेरा सपना था। अब तो बस यहीं मेरी जिंदगी है। आप मुझे भूल जाओ और किसी अच्छी लड़की से शादी कर लो।
मैं तो जैसे सदमे में था। उसे मनाने की कोशिश कर रहा था। अब मेरी जिंदगी में तुम्हारे इलावा और कोई नही आ सकती। अगर तुम नहीं मिली तो जिंदगी भर अकेला ही रह जाऊंगा। तुम अपना सपना शादी के बाद भी पूरा कर सकती हो। मेरा पूरा सहयोग रहेगा तुम्हे। हम मिलकर ये काम करेंगे। पर वो तो जैसे मानने को तैयार नहीं थी। शादी के बाद आदमी घर, बच्चों की ज़िमेदारी में पड़ जाता है। उसके पास दूसरा कुछ करने की फुरसत ही नहीं रहती। आप मुझे माफ कर देना। अब ना हम बात करेंगे और ना मिलेंगे। मैं कल ही यहां से चली जाऊंगी। और अपना नंबर भी बदल लूंगी। ऐसा कहकर वो वहां से चली गई।
मैं कुछ देर उस गुलाब के गुलदस्ते को देखता रहा। फिर उसे बगीचे में ही छोड़कर घर चला आया। मम्मी मुझे देखते ही पूछने लगी। कब करनी है विशाखा के घर बात। मैने उन्हे सारी बात बता दी। वो बहुत रूआंसी हो गई। फिर मुझे समझाते हुए बोली, कोई बात नही कोई दूसरी लड़की पसंद कर लेंगे। इस बार मैं तुम्हारे लिए लड़की पसंद करूंगी। मैने गुस्से में कहा कि कोई दूसरी लड़की नहीं। मैं पहले ही साफ कह चुका हूं, विशाखा के इलावा किसी और से शादी नहीं करूंगा।
उस दिन के बाद से विशाखा ने मुझे कभी फोन नही किया। उसका नंबर भी बदल गया था। अब मैं काफी उदास रहने लगा था। मम्मी मुझे पार्टी में चलने के लिए कहती पर मैं मना कर देता। घर पर भी ज्यादा किसी से बात नही करता था। बस अपना सारा समय अपनी नौकरी और बिजनेस में बिताता था। मैने अपनी कंपनी का नाम विशाखा एंटरप्राइजेज रखा था। बस इसी नाम से मैं खुश हो जाता था। अब मेरा बिजनेस भी अच्छा चलने लगा था। छः महीने बाद मैने नौकरी छोड़ के पूरी तरह खुद को बिजनेस में लगा दिया।
साल भर में मुझे दूसरे शहरों से भी काम मिलने लगा। आज किसी शहर में मुझे सामान पहुंचाने जाना था। एक इंस्टीट्यूट से मुझे सौ कंप्यूटर्स का ऑर्डर मिला था। काफी बड़ा ऑर्डर था। इसलिए मैं खुद साथ में गया। दिन भर सभी कंप्यूटर्स को लगवाया। थक गया था। बस इंस्टीट्यूट के मालिक से मिलकर घर निकलने की सोच रहा था। शाम हो चली थी। ठंडी हवा चलने लगी थी। पास ही फूलो का बगीचा था। वहां से बहुत अच्छी महक आ रही थी। जो दिल को बहुत सुकून दे रही थी।
इंस्टीट्यूट का मालिक मुझसे मिलने आया। काम की सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसने चाय पीने के लिए कहा। चाय पीते हुए वो अपने बारे में बताने लगा। फिर मुझसे भी मेरी पत्नी के बारे में पूछा। तो मैने कहा अभी मेरी शादी नही हुई है। उसने कहा कोई गर्लफ्रेंड तो होगी। मैने कहा वो भी नही है। फिर मैं उससे अलविदा लेकर घर की तरफ चल निकला।
जैसे ही कार का दरवाज़ा खोलने लगा। इंस्टीट्यूट का एक लड़का मेरे पास आकर खड़ा हो गया। उसने कहा क्या आप मेरे साथ कुछ देर बगीचे में चलकर बात कर सकते हैं। मैं एक गरीब घर का हूं। और आपसे अपने करियर को लेकर कुछ सलाह लेना चाहता हूं। कुछ देर बात करने के बाद वो चला गया। मैं जैसे ही वापिस जाने लगा किसी ने पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रखा। मैने पीछे मुड़कर देखा तो विशाखा थी। वो मेरे गले लग गई और जोर जोर से रोने लगी। मैने भी उसे और कसकर अपनी बाहों में भर लिया।
वो बस रोए जा रही थी। मैने कहा अब बस भी करो कितना रोओगी। मेरी कमीज़ पूरी भीग गई है। इतना सुनते ही वो और जोर से रोने लगी और कसकर मुझसे लिपट गई। कुछ देर बाद वो मुझसे अलग हुई और मेरा हाथ पकड़ कर मुझसे माफ़ी मांगने लगी कि मैने आपको बहुत परेशान किया। पर मेरे चेहरे पर सिर्फ मुस्कान थी। मैने कहा, मैने सिर्फ रोने के लिए मना किया था। पर गले तो लगी रह सकती हो। वो हमेशा की तरह अपनी प्यारी सी मुस्कान हंस दी।
उसने बताया कि ये इंस्टीट्यूट एक एन.जी.ओ चलाता है। और वो ऑफिस के बाद यहा बच्चो को पढ़ाने आती है। उसने ही इस लड़के को मुझसे बात करने भेजा था। ताकि वो खुद आ कर मुझसे बात कर सके। मैने कहा तुमने मुझे बहुत लंबा इंतजार करवाया। वो बस माफी मांगे जा रही थी। आपसे दूर होने के बाद मुझे समझ आया कि मैं भी आपसे प्यार करने लगी थी। और आपके साथ रहकर भी मैं अपने सपने को पूरा कर सकती थी।
पर आपको ऐसे छोड़ जाने के बाद, आपसे बात करने की हिम्मत नही कर पाई। डरती थी कि कही आपकी ज़िंदगी में कोई और ना आ गई हो। पर आज जब मैंने देखा कि आपने अपनी कंपनी का नाम मेरे नाम पर रखा है। और अभी तक शादी नहीं की। तो समझ आया कि आपके दिल में अभी भी मैं ही हूं। तभी जाकर आपसे बात करने की हिम्मत कर पाई।
मैने तो पहले ही कहा था, तुम्हारे इलावा अब कोई और मेरी जिंदगी में नही आ सकती। फिर भी तुमने लौट आने में देर लगा दी। और उसे फिर से बाहों में भर लिया। अब तो मुझे घर जाने की बिल्कुल भी जल्दी नहीं थी। विशाखा ने ही कहा कि मुझे अब घर निकलना चाहिए। रात होने लगी है। फिर उसने अपना नम्बर मुझे दिया और कहा कि आज ही वो घरवालों से हमारी शादी की बात करेगी।
मैने भी घर जाकर सबको विशाखा के बारे में बताया। मेरे चेहरे की खुशी देखकर सब बहुत खुश थे। छः महीने में हमारी शादी हो गई। विशाखा ने अपनी जॉब छोड़ कर मेरी कंपनी में काम करना शुरू कर दिया। हमने मिलकर एक एन.जी.ओ भी खोल लिया। अब हम साथ में मिलकर पार्टीज में चंदा इक्कठा करने जाते थे।
हम दोनो ने एक दूसरे के सपने को अपना सपना बना लिया। अब हम ज्यादा समय साथ में बिताते थे और एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे।