shabd-logo

तुम्हारे काबिल बनना था

10 जुलाई 2024

9 बार देखा गया 9

इंटरव्यू लेते हुए अंजना ने पूछा। सबसे मुश्किल क्या होता है। उसने कहा इंतज़ार। जैसे में आपके जवाब का इंतज़ार कर रहा हूँ। वो हंस दी।

अंजना ने फिर कहा अगर जवाब तुम्हारे मन का नहीं हुआ तो नाराज़ नहीं होना। उसने कहा मेरा नाम विशाल है। सिर्फ नाम से ही नहीं दिल से भी विशाल हूं। सब अच्छा बुरा समा लेता हूं इसमें। चाहो तो आप भी इसमें समा के देख लो। जीवन भर के लिए थाम सकता हूं आपको। वो फ़िर हंस दी।

ठीक है अब आप जा सकते हैं। अगर आप नौकरी के लिए चुनें गए तो आपको फोन कर दिया जाएगा। इंटरव्यू लेते हुए पहली बार किसी ने उसके साथ फ्लर्ट किया था। पर उसे बुरा नहीं लगा था। वो कुछ दिन तक उसकी बातें सोच कर मुस्कुराती रही।

अंजना एक सॉफ्टवेयर कंपनी में एचआर डिपार्टमेंट की हेड थी। इस शहर में अकेली रहती थी। कुछ माह बाद उसका ट्रांसफर हो गया। उसने फिर वही चेहरा देखा। देखते ही अंजना के चेहरे पर मुस्कान खिल गई। पर उसने सोचा अब तक तो वो उसे भूल गया होगा ।और वो वहा से चल पड़ी।

तभी पीछे से आवाज आई। अरे मैडम इतनी जल्दी हमे भूल गई या बस ना पहचानने का नाटक कर रही हैं। अंजना उसे देख कर मुस्कुरा दी। विशाल ने पूछा आप यहां कैसे। अंजना ने बताया उसकी यहां ट्रांसफर हो गया है। तभी विशाल ने कहा ओह लगता है फिर से आप मेरी नौकरी खा जाएंगी।

अंजना: क्या तुम यहां जॉब करते हो। मैंने इतने दिन में तुम्हें यहाँ नहीं देखा।


विशाल: मैंने अपनी कंपनी खोल ली है। उसके एक प्रोजेक्ट के लिए यहाँ आया हूं। पहले थोड़ा बोरिंग था। पर अब आप भी आ गई हैं तो मजा आएगा काम करने में।

अंजना फिर हस पड़ी। और ये कह कर कि मुझे काम हैं निकल गई।

विशाल हर दूसरे तीसरे दिन ऑफिस आया करता। वहां अंजना से मुलाक़ात होती रहती। विशाल खूब बातें करता और अंजना मुस्कुराती रहती। विशाल अंजना से फ़्लर्ट भी खूब करता। पर अंजना कभी उसे कुछ ना कहती। ना जाने क्यों उसे विशाल का फ़्लर्ट करना अच्छा लगता था। कभी-कभी अंजना और विशाल बहार कॉफी पीने या लंच करने चले जाया करते थे। विशाल के पास बाइक थी और अंजना के पास कार थी। कभी बाहर जाते तो अंजना विशाल की बाइक में नहीं बैठती थी। उसे बाइक में बैठने से डर लगता था। तो विशाल ही हमेशा अंजना की कार में जाया करता था।

ऐसे ही 8 महीने बीत गए. आमने सामने तो अंजना विशाल में खूब बातें होती थीं। पर कभी किसी ने एक दूसरे का फोन नंबर नहीं मांगा था। अंजना को लड़की होने के ख्याल से फोन नंबर मांगने ने झिझक होती थी। अगर पहल करनी है तो पहले विशाल ही मांगे। विशाल का प्रोजेक्ट पूरा हो गया था। अभी उसे इस ऑफिस से विदाई लेनी थी। अंजना को लगा आज तो विशाल उसका नंबर मांग ही लेगा। पर विशाल ने आज भी नहीं कहा.

विशाल अंजना को अलविदा करके चला गया। 2 महीने हो गए थे। विशाल एक बार भी अंजना से मिलने ऑफिस नहीं आया। अंजना को विशाल की बहुत याद आती थी। उसकी बातों को याद करके वो हमेशा मुस्कुराती रहती थी। अंजना ने सोचा पुराने ऑफिस की एचआर फाइल में विशाल का फोन नंबर होगा। क्यू ना उसे फ़ोन ही कर लू। पर फिर उसे लगा जब विशाल ने खुद ही उसे नंबर नहीं दिया तो वो क्यूं उसके पीछे पड़े। हो सकता है अब विशाल को उससे बात करने का मन ना हो।

अंजना अब उदास रहने लगी थी। उसे लगने लगा था, उसके मन में विशाल के लिए भावनाए पैदा होने लगी है। उसकी सहेली ने उसे बहुत समझाया कि अगर विशाल चाहता तो खुद तुमसे बात करता। उसके दिल में तुम्हारे लिए कुछ था ही नहीं तभी तो वो दोबारा मिलने नहीं आया। अब भूल जाओ। अंजना उसकी बातों से खुद को समझाने लगी। पर कहीं न कहीं उसका मन फिर विशाल के लिए बैचैन हो उठता।

एक शाम अंजना के घर की घंटी बजी। उसने दरवाजा खोला तो सामने विशाल को पाया। वो उसे बस एकटक देखती जा रही थी। हांफते हुए विशाल ने कहा की अब हटो दरवाज़े से। अंदर आने दोगी। कुछ चाय पानी पूछोगी या ऐसे ही भगा दोगी।

अंजना उसे अंदर बुलाती है और पानी पीने को देती है। फिर पूछती है की तुम यहां कैसे आए।

विशाल: अरे सीडियां चढ़ कर आया। एक तो आज ही तुम्हारी लिफ्ट को खराब होना था। और तुम्हे भी सातवी मंजिल पर घर लेना था। कोई पहली या दूसरी पर ले लेती।

अंजना: पर तुम्हे मेरे घर का पता किसने दिया।

विशाल: अरे तुमने ही तो बताया था की तुम इस बिल्डिंग में रहती हो। पर फ्लैट नम्बर नहीं बताया। पता है ढूंढते हुए कितना परेशान हुआ मै। हर एक दरवाज़ा खटकाना पड़ा।

अंजना: पर तुम मुझे ढूंढ क्यू रहे थे।

विशाल: अरे तुमसे मिलना था। अब जल्दी चलो तुम्हे कहीं ले कर जाना है।

अंजना: कहां जाना है।

विशाल: सारे सवाल यहीं पूछ लोगी। जल्दी चलो।

अंजना कार की चाबी निकालने लगती है। तभी विशाल कहता हैं की चाबी की जरूरत नहीं है । तुम ऐसे ही चलो।
दोनो बिल्डिंग के नीचे पहुंचते है तो विशाल अंजना को एक ब्रांड न्यू कार में बैठने का इशारा करता है। अंजना पूछती है ये किसकी कार है।

तो विशाल कहता है की अरे यार मेरी है। आज ही खरीदी है। सबसे पहले तुम्हें ही बिठाने के लिए लाया हूं। तुम बाइक पर तो कभी बैठती नहीं तो कार खरीदनी पड़ी।

अंजना कार में बैठ जाती है। उसके मन में बहुत सारे सवाल है पर वो चुप ही रहती है।

फिर एक रेस्टोरेंट के बाहर पहुंच के विशाल कार रोक देता है।चलो तुम्हे ट्रीट देता हूं। कुछ खाने के बाद विशाल उसे एक झील के किनारे ले जाता हैं। ठंडी हवा के झोंके दोनो को छूते हुए निकल रहे है।

दोनो साथ में चल रहे है। तभी कुछ दूर चलने के बाद विशाल अपनी पैंट की जेब से एक डिब्बी निकल कर अंजना के हाथ में देता है। अंजना पूछती हैं। ये क्या है। विशाल कहता है खुद ही खोल कर देख लो।

अंजना डिब्बी को खोलती है तो उसके अंदर एक सुंदर सी अंगूठी होती है। जिसे देखकर अंजना हैरान रह जाती है।
उसकी आंख से आंसू बह निकलते है। तो विशाल हंसते हुए कहता है, क्या इतनी बुरी लगी अंगूठी जो तुम रोने लगी। तो अंजना उसे मारने लगती है। और कहती है कितना तड़पाया हैं तुमने मुझे। एक बार मिलने भी नही आए। अपना फोन नंबर तक नहीं दिया।

विशाल कहता है। मिलना तो चाहता था। पर तब तक तुम्हारे काबिल नही था। तो अंजना कहती है कि मेरे काबिल क्यू नही थे। मैने तो कभी ऐसा नहीं सोचा।

विशाल: मैने जब तुम्हे पहली बार इंटरव्यू में देखा था तभी से तुमसे प्यार हो गया था। पर उस समय मैं कुछ नहीं था। एक नौकरी भी नही थी मेरे पास। बस तभी से तुम्हारे काबिल बनना था।

तुम कभी मेरी बाइक पर नही बैठी। तुम्हारा स्टेटस मुझसे ऊंचा था। तो कभी तुमसे कुछ कहने की हिम्मत ही नहीं कर पाया।

अंजना फिर उसे मारने लगती है। बाइक पर इसलिए नही बैठती थी क्युकी डर लगता था। ना की तुम्हे अपना स्टेटस दिखाती थी।

फिर दोनो हंसने लगते है और एक दूसरे की बाहों ने लिपट जाते है। 

12
रचनाएँ
लघु कथाएं
5.0
ये किताब कुछ प्रेम कहानियों का संग्रह है। जिसमे प्रेम के अलग-अलग रूप को दर्शाया गया है।
1

काश आप मुझे पहले मिले होते

6 मई 2024
5
4
1

कुछ समय पहले श्रद्धा की बहन सौम्या की शादी शेखर से हुई थी। सौम्या बहुत खुले विचारो वाली लड़की थी. शादी के बाद भी उसका अपने दोस्तों के साथ घूमना फिरना। वो बेपरवाह सा स्वभाव था। वो अक्सर मायके आ जाया कर

2

अब वो अकेली नहीं थी

6 मई 2024
5
5
0

सुरक्षा गार्डों को निर्देश देते हुए आज पहली बार विक्रम ने रश्मी को देखा था। उसे देखते ही वो मंतर मुग्ध हो गया था। जैसे उसी की तलाश हो उसे । ये गर्ल्स कॉलेज है सुरक्षा में कोई चूक नहीं होनी चाहिए। आज स

3

एकतरफा इश्क

6 मई 2024
4
5
0

शॉपिंग करके बाहर ही निकली थी कि याद आया मेरा पर्स अंदर ही रह गया। मैंने अपने पति हर्ष से कहा कि वो बच्चों के साथ पार्किंग में जाए, मैं अभी आती हूं। शॉप में घुस्ते ही किसी ने पीछे से आवाज दी, आरुषि। मै

4

उसे अपना आसमान मिल गया था

6 मई 2024
4
5
0

मनीषा और विक्रम मिले तो अरेंज मैरिज के तौर पर थे। कुछ साल पहले विक्रम का एक्सीडेंट हो गया था। जिसके कारण उसका बांया अंग पैरालाइज हो गया था। धीरे-धीरे वो ठीक तो हुआ पर एक पैर से अभी भी हल्का लंगड़ाता थ

5

हम हमेशा साथ रहेंगे

6 मई 2024
4
4
0

पीछे से आवाज आई वासुधा। क्या वासु आज का दिन तो टाइम पर आते। मम्मी पापा क्या सोचेंगे पहली बार मिलवाने ले जा रही हूं। उसका नाम सुधा था। पर वासु उसे हमेशा वासुधा बुलाता था। उसके साथ अपना नाम जोड़ कर।

6

कृष्ण की दासी

17 जून 2024
5
5
0

मैं बारह साल की थी। जब पहली बार अपने परिवार के साथ वृंदावन गई थी। कृष्ण की महिमा और उनकी लीला को देखकर इतना प्यार में भर गया कि मैंने तय कर लिया कि मैं भी  कृष्ण की दासी बनूंगी और यहीं वृंदावन में रहक

7

अधूरी दास्तान

17 जून 2024
5
5
0

एक साल पहले मैं फौज़ में भर्ती हुआ था। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद मेरी पोस्टिंग कश्मीर में हो गई थी। घर से इतनी दूर सब बहुत अजीब सा लगता था। मन करता था घर वापिस लौट जाऊं। फिर एक दिन सब अच्छा लगने लगा ।

8

तुम्हारे काबिल बनना था

10 जुलाई 2024
4
5
0

इंटरव्यू लेते हुए अंजना ने पूछा। सबसे मुश्किल क्या होता है। उसने कहा इंतज़ार। जैसे में आपके जवाब का इंतज़ार कर रहा हूँ। वो हंस दी। अंजना ने फिर कहा अगर जवाब तुम्हारे मन का नहीं हुआ तो नाराज़ नहीं ह

9

"मेरी विडंबना"

30 जुलाई 2024
4
5
0

आज फिर मेरी एक नई कविता अख़बार मे छपी थी। सुबह से ही बधाई के फोन आ रहे थे। इसलिए नहीं कि कविता छपी है, पर इसलिए क्युकी आज मेरा जन्मदिन है। विकास का फोन आया, मेरा छोटा भाई। बधाई दी और ये भी कहा कि आज व

10

सपना (पार्ट - 1)

1 अगस्त 2024
4
5
0

मम्मी पापा जबरदस्ती मुझे एक पार्टी में ले जाना चाहते थे। जहां कि मुझे जाना बिल्कुल पसंद नहीं था। पर जब पापा की डांट पड़ने लगी कि पच्चीस बरस का हो गया है। बस घर से ऑफिस। कही किसी से मिलेगा नहीं तो जिंद

11

सपना ( पार्ट -2 )

1 अगस्त 2024
4
5
0

मैने पीछे मुड़कर देखा तो लाल रंग की नेट की ड्रेस, खुले बालों में वो बहुत ही सुंदर लग रही थी। मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी। तभी मैने झट से दो हज़ार का नोट अपनी जेब से निकाल के डाल दिया। और कहा कि ये दिखा

12

सपना ( पार्ट - 3 )

1 अगस्त 2024
4
5
1

वो बोली पर मैने कभी आपसे शादी के बारे में नहीं सोचा। मैने कहा क्या तुम्हारी जिंदगी में कोई और है। तुम मुझे पसंद नहीं करती। उसने कहा आप मुझे अच्छे लगते है। तभी आपसे बात करती हूं और आपके साथ घूमती हूं।

---

किताब पढ़िए