shabd-logo

साप्ताहिक_प्रतियोगिता

hindi articles, stories and books related to Saptahik_pratiyogita


जब कोई समस्या आये तो तीन काम करें,       उसका सामना करें -उससे लड़ें-और खत्म करें,लोग आपके पास तब नहीं आते जब आप दुःखी होते हो,     लोग आपके पास तब आते हैं जब वो खुद

एक संत अपने शिष्य के साथ जंगल में जा रहे थे। ढलान पर से गुजरते अचानक शिष्य का पैर फिसला और वह तेजी से नीचे की ओर लुढ़कने लगा। वह खाई में गिरने ही वाला था कि तभी उसके हाथ में बांस का एक पौधा आ गया। उसने

 एक नगर में रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर-दूर तक थी। पास ही के गाँव मे स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजह से, उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था। एक बार वे अपने गंतव्य

 बुरा समय आपके जीवन के उन सत्यों से सामना करवाता है ,जिनकी आपने अच्छे समय में कभी कल्पना भी नहीं की होती .आप के अच्छे समय मे आप के हितैसी बहुत होंगे, लेकिन जब भी तकलीफ का समय आएगा तब कुछ चुनिंदा

मै केवल पढता हूँ कविता को कविता जो मेरे जीवन का सच कहती है मै डरता था जो भी कहने में वो अव केवल मेरी कविता कहती है 

आते हुए रस्तेसे मैंने पुछाघर कब आएगायह सुन रास्तामंद सी मुस्कानछोड़ कर यह बोलाहे नव राहीतूने की है शुरुआतअभी ही थक गयातू इतनी जल्दीमै जाने कब सेबढ़ता ही जा रहा हूँचलता ही जा रहा हूँकितने ही रहगुजरकरते

हर दर्द की तासीरहै माँहर क़द्र की तस्वीरहै माँआँखे भर आतीहे उसकी जबदर्द मुझे कोईसाताता हैडर रुलाता हेरातो कोकोई जबमाँ छिपा लेतीहै आँचलमें तबभूखा जब लौटताहूँ घर को वापसआपनी थाली भीपरोस देती हैऔर गर गर्

मेरे मदर बोर्ड (god)जब मुझकोदी हार्ड डिस्क (aatma)भरी विंडो एक्स पीटू थौसेंद एंड सिक्सनीचे मेरे सीडी रोम (mom And Papa)ने भरा सॉफ्ट वेयरएंटीवायरस जो गुरु देव थेको किया उन्होंने हायरकुछ वायरस ने किया (

याद आते हैवो बचपनके दोस्तवो छिनकरभाग जानाउनका टिफनजिसमे होते थेबिस्किट और टोस्टवो क्लास में चुपके सेलैटर सरकाना और पीछे से क्लाससे भाग जानावो चुपके सेअपने दोस्त केबैग में छिपाना नकलीसी छिपकलीफिर छुपक

पानी और जीवन जाने कितने ही आकार बदलता है जब ये आसमान से आता है तो कई प्यासे मनो को खुशियाँ दे कर जाता है कभी ये पिघल कर बह जाता जब यह फुब्बारे में सजता है तो छोटी बूंदों स

एक स्त्री थी जिसे 20साल तक संतान नहीं हुई।कर्म संजोग से 20वर्ष के बाद वो गर्भवती हुई और उसे पुत्र संतान की प्राप्ति हुई किन्तु दुर्भाग्यवश 20दिन में वो संतान मृत्यु को प्राप्त हो गयी।वो स्त्री हद से ज

 स्वास्तिक का चिन्ह किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले हिन्दू धर्म में स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसकी पूजा करने का महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से कार्य सफल होता है। स्वास्तिक के चिन्ह को

संतजन अपनी कथाओं में एक प्रसंग सुनाते हैं मेघनाथ के अयोध्या आने की और श्रीलक्ष्मणजी द्वारा उसे बंदी बना लेने की। तुलसीबाबा एक चौपाई लिखते हैं उसके आधार पर ही संभवतः यह प्रसंग बनता है. आज आपके सामने वह

इस संसार में ऋणानुबन्ध से अर्थात् किसी का ऋण चुकाने के लिए और किसी से ऋण वसूलने के लिए ही जीव का जन्म होता है; क्योंकि जीव ने अनेक लोगों से लिया है और अनेक लोगों को दिया है । लेन-देन का यह व्यवहार अने

एक राजा के पास राजा के गुरु आये । राजा ने बड़ा आदर सत्कार किया । एक बड़ी सर्वरा की थाली लेकर सुंदर रेशमी कपड़े और रेशमी जूता और धन थाली में डालकर गुरुदेव के सम्मुख रखा । तब गुरुदेव ने कहा राजन यह

एक अमीर आदमी अपने बेटे की किसी बुरी आदत से बहुत परेशान था. वह जब भी बेटे से आदत छोड़ने को कहते तो एक ही जवाब मिलता अभी मैं इतना छोटा हूँ..धीरे-धीरे ये आदत छोड़ दूंगा, पर वह कभी भी आदत छोड़ने का प्रयास

एक बार एक गांव में एक सज्जन पुरूष रहते थे, वे बहुत ही दयालू तथा हृदय ग्राही थे, किसी को भी कभी अपशब्द नहीं कहते थे। जो भी उनके घर आता वे अच्छे से उसका आथित्य सत्कार करते। लोग उनसे सलाह मशविरा लेने आया

जिन्दगी बसर हो रही है,      सिर्फ ख्वाबों के सहारे ।हम भी खामोश बैठे हैं,       उम्मीद की, पतवार थामे ।कभी न कभी कश्ती , किनारे लग ही जायेगी ।      &n

गुलाबी फिटकरी को मोटा मोटा पीस कर तवे पर डालकर फूला ले तभी को गर्म करके उस पर फिटकरी डालेंगे तो यह (पहले पानी के रूप में हो जाएगी उसके बाद यह पापड़ी के रूप में फूल जाए)इसको फिटकरी शुद्ध करना बोलते है

सूरदासजी जन्मांध थे उनके कोई गुरु भी नहीं थे, फिर भी कृष्ण भक्ति रस की ऐसी वर्षा, जो 'मैं' को भिगो दे.. उन्हें कैसे मिली, जब भी कभी वो किसी गड्ढे में गिरते या नदी खाई में या झरने में गिराने वाले रहते

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए