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साप्ताहिक_प्रतियोगिता

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हमेशा विदेशियों के निशाने पर रहा यह पवित्र सोमनाथ मंदिर1 .12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथमसोमनाथ मंदिर एक महत्वपूर्ण हिन्दू मंदिर है, जिसकी गिनती 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में

नर्मदा नदी से निकलने वाले शिवलिंग को ‘नर्मदेश्वर’ कहते हैं। यह घर में भी स्थापित किए जाने वाला पवित्र और चमत्कारी शिवलिंग है; जिसकी पूजा अत्यन्त फलदायी है। यह साक्षात् शिवस्वरूप, सिद्ध व स्वयम्भू (जो

      हे प्रभु      अब तो ऐसी दया हो      जीवन निरर्थक जानेन पाए      यह मन ना जाने      क्या क्या कराए      क

इस नन्हीं सी जिन्दगी में, प्यार बांटते चलो ।        यूं , तो हैं, हजार ग़म ,उन्हें जड़ से, उखाड़ने चलो ।          कोई क्या कहेगा अब ?इसे ध्यान से, निकालते

चहक  उठा  नन्हा   सा   परिंदा   मन   का ,बिख़ेर  ख़ुश्बू  जब  फ़िज़ा  में मुस्कराया  फूल एक  अर्से  से   

बुरा समय आपके जीवन के उन सत्यों से सामना करवाता है ,जिनकी आपने अच्छे समय में कभी कल्पना भी नहीं की होतीआप के अच्छे समय मे आप के हितैसी बहुत होंगे, लेकिन जब भी तकलीफ का समय आएगा तब कुछ चुनिंदा ही दिखें

भाद्रपद शुक्ल अष्टमी चन्द्रवार (सोमवार) को मध्याह्न के समय अनुराधा नक्षत्र में श्रीराधा का प्राकट्य कालिन्दीतट पर स्थित रावल ग्राम में ननिहाल में हुआ। प्राकट्य के समय अकस्मात् प्रसूतिगृह में एक ऐसी द

 वह दोनों सगे भाई थे। गुरु और माता पिता के द्वारा शिक्षा पाई थी, पूजनीय आचार्यों से प्रोत्साहन पाया था, मित्रों द्वारा सलाह पाई थी। उन्होंने वर्षों के अध्ययन, चिन्तन और अन्वेषण के पश्चात जान

रिश्तों" की कदर भी पैसों            की तरह ही करनी चाहिए    क्यों कि            दोनों को कमाना          &

इतिहास कहता है कल सुख था..विज्ञान कहता है कल सुख होगा..लेकिन धर्म कहता है अगर मन सच्चा और दिल अच्छा है तो हर दिन सुख होगा...सुना है... नया सवेरा होंने वाला है... औऱ बदलते दिन के साथ वक़्त बदल जाता

 यह सच है कि ब्रह्मांड में केवल एक ही समय है, जो कभी नहीं रुकता। वह हमेशा अपनी गति से चलता रहता है। उनके जीवन का एक-एक पल इतना कीमती है कि दुनिया का सबसे अमीर आदमी भी यह सब खर्च नहीं कर सकता।इस

श्रीमद्भागवत महापुराण के पांचवें स्कंद में लिखा है कि पृथ्वी के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं। भूमि से दस हजार योजन नीचे अतल, अतल से दस हजार योजन नीचे वितल, उससे दस हजार योजन नीचे सतल, इ

हमारी आँखें 3 आयामों तक देख सकती हैं। 1 = 1 की शक्ति; 2 = 4 की शक्ति; 3 = 27 की शक्ति। और 1x4x27 = 108। इस तरह से हमारी आंखें मायने रखती हैं।शिव पुराण तांडव (लौकिक नृत्य) में 108 करणों को योग, कलारिपय

1. मनुष्य के शरीर में सूर्य ग्रह-आँख, ह्रदय, हड्डी2. चन्द्र- मन, फेफड़ा, जल, रक्त3. मंगल- माँस, मज्जा4. बुध- बुद्धि, आवाज5. गुरु- मेदा, चर्बी6. शुक्र- आँख, वीर्य7. शनि- घुटना, नस8. राहु- हिंसक जन्तु, घ

1- सांप दिखाई देना- धन लाभ2- नदी देखना- सौभाग्य में वृद्धि3- नाच-गाना देखना- अशुभ समाचार मिलने के योग4- नीलगाय देखना- भौतिक सुखों की प्राप्ति5- नेवला देखना- शत्रुभय से मुक्ति6- पगड़ी देखना- मान-सम्मान

1.सुबह उठते ही अगर शंख या मंदिर की घंटियों की आवाज सुनाई दे तो यह शुभ होता है।2.नारियल, शंख, मोर, हंस या फूल आपको सुबह-सुबह दिख जाए तो समझिए आपका पूरा दिन शुभ बीतने वाला है।3.यदि सुबह घर से निकलते ही

नैमिषारण्य में ऋषियों ने सूतजी से शिवलिंग और शिवलिंग की पूजा के संदर्भ में समस्ता ज्ञान देने को कहा. शिवलिंग की प्रतिष्ठा कैसे करनी चाहिए? शिवलिंग के आकार-प्रकार, परिमाण संबंधित स्थापित परंपरा क्या है

संसार में कोई भी ऐसा मनुष्य नहीं है, जिसके कुल या वंश में कोई दोष अथवा अवगुण न हो। यदि गहनता से परीक्षण किया जाए तो प्रत्येक व्यक्ति के कुल में कोई--न--कोई दोष अवश्य निकल आएगा। इसी प्रकार संसार में को

 तुम परमात्मा को अपना मित्र बनाओ हर घड़ी अपने को उसकी गोदी में बैठा हुआ अनुभव करो । यह मत सोचो कि वह अदृश्य है, शरीर धारी नहीं है, इसलिए उससे मैत्री किस प्रकार की जा सकती है ? जितना ही तुम उ

श्रील शुकदेव गोस्वामी महाराज परीक्षित को श्रीमद् भागवतम का समापन करने से पहले अंतिम स्कन्ध 12(अध्याय 2 व 3 ) में कलियुग के लक्षण इस प्रकार बताते हैं:–कलियुग के प्रबल प्रभाव से धर्म, सत्य, पवित्रता, क्

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