अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी बीजेपी सरकार मंदिर का निर्माण नहीं करवा सकती है. सिर्फ उनके जैसे राम भक्त ही मंदिर बनवा पाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने आसाराम और उसके अनुयायियों को लेकर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों के पीछे की बड़ी वजह ईसाई धर्म है. पादरियों ने ये बात फैलाई की वे लोगों को ठीक कर सकते हैं. इसी बात को आसाराम और राम रहीम जैसे लोगों ने सीखा और उसे अपनाते हुए लोगों को अपना शिकार बनाया.
RSS-BJP नहीं बनवा सकते राम मंदिर
अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने की मांग को कई बार उठा चुके शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती एक बार फिर इस मुद्दे पर बोलते दिखाई दिए. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार की भूमिका को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि, बीजेपी और आरएसएस कहती है कि केंद्र में उनकी सरकार है और वे राम मंदिर जरूर बनवाएंगे. लेकिन संविधान के मुताबिक केंद्र सरकार धर्मनिरपेक्ष होती है. और धर्मनिरपेक्ष सरकार न तो मंदिर बनवा सकती है और न ही गुरुद्वारा या मस्जिद. राम मंदिर का निर्माण हम जैसे राम भक्त ही करवाएंगे.
आसाराम के भक्त अंधे थे
यौन उत्पीड़न मामले में हाल ही में उम्रकैद की सजा पाने वाले आसाराम और उसके भक्तों को लेकर भी शंकराचार्य ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि, भारत के लोगों ने आसाराम को बनाया है. चमत्कारों में विश्वास करते हुए, वे किसी को भी संत मान लेते हैं. ये सब ईसाई धर्म के कारण शुरू हुआ. उनके पादरी ये बात फैलाते हैं कि वे उन्हें ठीक कर सकते हैं. इस प्रवृत्ति को आसाराम और राम रहीम ने भी अपनाया. क्या लोग अंधे थे?
... तब तक पीएम भी नहीं बनवा सकते राम मंदिर
गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब शंकराचार्य ने अयोध्या मामले को लेकर बयान दिया हो. इससे पहले उन्होंने राम मंदिर मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही निर्माण कार्य किया जा सकेगा. उन्होंने कहा था कि, स्टे हटाए बगैर कोई भी राम मंदिर नहीं बनवा सकता है. पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित चाहे कोई भी हो राजनितिक पार्टी या सरकार राम मंदिर नहीं बना सकती. जब फैसला आएगा हम राम मंदिर बनायेंगे, पहले से हवाबाजी करने से क्या लाभ.