सुबुद्धि 29 वर्ष की है। बचपन से साहसी और सहानुभूति की भावना रखनेवाली। उसके जीवन में घटित हुई कई घटनाओं ने उसके चरित्र को और मजबूती दी। वह दिल्ली के पास नोएडा में एक आई.टी.फर्म में नौकरी करती है। एक प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज हुआ है। उसने किया क्य
किसी भी स्वप्न को साकार करने के लिए मनुष्य को यह विश्वास करना पड़ेगा कि असंभव को पार किया जा सकता है। श्रद्धा उपलब्धि की पहली आवश्यकता है और उस श्रद्धा को अटल बनाए रखना दूसरी आवश्यकता। जब आप श्रद्धा से आगे बढ़ते हैं तो आप भविष्य में कदम रख देते हैं।
*प्रवित्ती* ( कहानी--प्रथम क़िश्त ) मनोहर देशमुख एक मंझोला किसान था । उनके पिता ने अपनी मेहनत से लगभग 15 एकड़ जमीन अर्जित की थी । मनोहर अपने परिवार का तीसरा सुपुत्र था । उसके दो बड़े भाईयों का नाम नोहर और गजो धर था । अभी वे सभी एक संयुक्त परिवार
प्रस्तुत पुस्तक में पूँजीपतियों, उद्यमियों, बादशाहों और उद्योग जगत् के सिरमौर उद्योगपतियों की सफलताओं के बारे में बताया गया है। एंड्रयू कारनेगी, एलेक्जेंडर ग्राहम बेल, हेनरी फोर्ड, पी.टी. बेरनम जैसे लोगों ने कैसे मनचाही सफलता पाई? ऊबड़-खाबड़ जमीन प
मानव के रूप में हम न केवल अपनी संतानों की देखभाल करते हैं, बल्कि एक यंत्र ‘बुद्धि’ हमारे अंदर समूचे ग्रह, समूची पारिस्थितिकी, प्रकृति की समूची भेंट की देखभाल करने की शक्ति के रूप में विद्यमान है। और यही यंत्र ‘बुद्धि’ मशीनें बना सकती है, जो किसी को ब
मानसिक तनाव..... डिप्रेशन...... आजकल की लाइफ स्टाइल में ये शब्द शायद किसी के लिए नया नहीं होगा.... लेकिन आखिर ये तनाव होता क्या हैं.... हम आए दिन ये सुनते हैं.... किसी ने मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या कर ली...किसी को दिल का दौरा आ गया.... आखिर क्यूँ
मालविका अय्यर ने तेरह वर्ष की उम्र में आयुध फैक्टरी में हुए भीषण विस्फोट में अपने दोनों हाथ खो दिए। दोनों पैरों में भी गंभीर चोटें आईं। इसके बाद 18 महीने अस्पताल में रही और चरणबद्ध ऑपरेशनों का दर्द झेला। इतने बड़े हादसे के बाद तो कोई भी हिल जाए, लेकि
जीवन के विभिन्न पहलुओं पर राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के ओजस्वी विचार जो नईं प्रेरणा देते हैं जीवन को सार्थक और सफ़ल बनाने के लिए l
आज सूचनाक्रांति के युग में जब हमें अनेक स्रोतों से हर क्षण सूचनाएँ और नई-नई जानकारियाँ मिल रही हैं तो ऐसे में जरूरत है कि हम इन जानकारियों में से सबसे श्रेष्ठ को चुनकर अपनी सफलता के लिए उपयोग करें। ईश्वर ने केवल मनुष्य को बुद्धि के रूप में दुर्लभ व
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ज्ञान का भंडार, प्रेरक और अनुकरणीय उक्तियों का अद्भुत चयन, जिसने भारत के सबसे विद्वान् व्यक्तियों में से एक, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की सोच को प्रभावित किया और उसे स्वरूप दिया। अपने स्कूल के दिनों से लेकर अब तक, जब वह अस्सी की उम्र को पार कर चुके
आत्ममंथन एक ऐसी किताब है जिसमें किसी भी विचार को पूर्णता आत्मा की कसौटी पर आत्ममंथन करके आप इसे पढ़ सकते हैं... यह कलुषित विचारों की भावनाओं से कोसों दूर.. सात्विक विचारों से ओतप्रोत विचारों के भंवर से आत्मिक विचारों से आप का साक्षात्कार करवाएगी...
लेख,निबन्ध,डायरी
शब्द-शब्द फूल बन कविता की बेल में गुँथा लहरा रहा द्रुम डाल पर उन्मुक्त और मुक्त इस अनुपम सृजन की सराहना कर ।। राघवेन्द्र कुमार "राघव"
यह पुस्तक मेरी कविताओं का यह पुस्तक मेरी कविताओं का संग्रह जिसमें जीवन अध्यात्म सामाजिक और स्त्री विमर्श से संबंधित कविताएं मैंने लिखी हैं। आशा करती हूं आप सभी को पसंद आएंगी।
‘मैं समय हूँ’ यह पुस्तक बेस्टसेलर्स ‘मैं मन हूँ’, ‘मैं कृष्ण हूँ’ और ‘101 सदाबहार कहानियां’ के लेखक तथा स्पीरिच्युअल सायको-डाइनैमिक्स के पायनियर दीप त्रिवेदी ने लिखी है। मनुष्यजीवन को गहराई से समझने और समझाने वाले दीप त्रिवेदी ने विश्व की अंतिम और
‘सुख और सफलता हर मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन वो इसे पाने से चूक जाता है’, ये कहना है विख्यात लेखक और वक्ता श्री दीप त्रिवेदीजी का जिन्होंने ‘मैं मन हूँ’ नामक किताब लिखी है। मन के बाबत कम ज्ञान उपलब्ध होने के कारण वो अक्सर ऐसी गलतियां कर बैठत
भाग्य एक बहुचर्चित और अति दिलचस्प विषय है, परंतु इसके बाबत बहुत ही कम ज्ञात है. ‘भाग्य’ शब्द, उसकी कार्यप्रणाली तथा मनुष्य-जीवन पर पड़ने वाले उसके प्रभाव के बाबत अनगिनत सवाल खड़े होते हैं. लेकिन भाग्य वाकई में है क्या? क्या भाग्य का वास्तव में कोई अस्त