हौंसले बुलंद हैं, पर राह कठिन है । सुन्दर सुबह है, पर भटकाव बहुत हैं ।न अपनों का, कोई साथ है, न हमसफ़र कोई । फिर भी निकल पड़ा हूं, है, डर नहीं, कोई
ये पक्षी सिखा रहे, हमें संगठन के महत्त्व को । हम क्यूं , भूल चुके हैं, एकता के सत्य को ?एकता हमें, शक्ति का वरदान दे जाती है । सचमुच, एकता
तेरी खूबसूरती के आगे, आज चांद भी शरमा गया । तुम्हारी कातिल निगाहों से, आज मेरी आंखों में, खुमार आ गया ।रोज देखता हूं, तुम्हें, गली के मोड़ पर, मुड़ते हुए । &nbs
आज ईमान, नीलाम हो चला है । हमें इस जमाने में, क्यूं , झूठ से प्यार हो चला है ?किसी की बात का वजूद, इस जमाने में न रहा । अब गमों को भुलाने का इलाज, म
इस सुंदर जहां में, इक बात नज़र आती है । कभी-कभी , कीचड़ में भी, सुन्दरता निखर आती है ।सुन्दरता,पलती है,केवल सुन्दर, आशियानों में। &n
कीचड़ में भी, सुन्दर फूल खिल सकता है । हमारे सूखे ह्रदयों में भी, प्रेम पल सकता है ।सिर्फ जरुरत हे, प्यार की परिभाषा समझने की । मैं तो कहता हूं, बं
आज ये आंखें, उम्र कैद की, सजा सुना ही गयी । प्यार करने का, कोई इरादा न था ।फिर भी प्रेम की चेतना, दिल में, जगा ही गयी । सुबह शाम खोजता हूं, इन्हीं निगाहों को ।का
प्रकृति ने सुन्दरता, बिखेर दी है, जमाने के लिए । जमाना क्यूं , निरुपाय हो चला, सुन्दरता निहारने के लिए ?काश ! सुन्दरता को संजो लेता, मानव मन में । तो दुनि
तू कालों का काल, महादेव है । तू ही सृष्टि का रचयिता, जगत का संहारक है ।तेरी कृपा दृष्टि से, यमराज भी भयभीत हैं । तू अगर चाहे, तो प्राणों को बचा सकता है ।तू अपनी
तेरी किरणों से रोशन है, सारा जहां । तुझ बिन जिन्दगी है, सम्भव कहां ?तू उजाला न दे, अंधियारा रहे । सारे जहां, को करता, तू रोशन यहां ।अंधकार का
इन खूबसूरत वादियों में, तेरा साथ हो । तो मेरे दिल को, इक नयी खुशी का एहसास हो ।तेरा साथ हो, तो रेगिस्तान में भी, फूल खिल जाते हैं । तेरा साथ न हो, तो बहार
पानी के बुलबुले की तरह है , ये जिन्दगी । फिर भी खूबसूरत, नजर आती है ।जो जिन्दगी का हर लम्हा, हंसकर बिताते हैं । उन्हें वाकई में, जिंदगी, हंसी नजर आती है ।जो उदासियों मे
ये आंखें , सब कुछ देखती हैं । खुशी हो या ग़म, सब कुछ झेलती हैं।खता इनकी, कुछ भी नहीं । फिर भी सजाएं, हकदार क्यूं , बनी रहती हैं ?किसी से, मोहब्बत करके । &
बिखर गये सपने, ख्वाहिशें मिट गयी जीवन की । फिर भी जिन्दगी, जीता हूं, कुछ नयी , उम्मीदों के साथ ।शायद कुछ नया हो जाये, नयी उम्मीदों के साथ । हौंसलें परस्त होते हैं, फिर भी हौं
ऐ ! मुरली वाले, तू हर जगह नजर आने लगा । अब तो तू , मेरे मन में, हरपल मुस्कराने लगा ।बावला हो चला हूं , तुम्हारे प्यार में । या, कोई झूठा वहम है , हमें ।क्यूं , हर जगह त
ऐ ! सांवरे, तेरी मोहिनी मूरत, मेरे दिल में, बस गयी । हर घड़ी, इस दिल में, सिर्फ तेरी यादें रह गयीं ।जिधर देखता हूं , बस तू ही तू , नजर आता है । मै
ऐ ! राधारानी, तेरे प्रेम के आगे, नतमस्तक हो गया, सम्पूर्ण जगत । मैं तो बस तुम्हारे, चरणों की, भक्ति चाहता हूं ।सचमुच, मैं तुम्हारे, चरणों में, आजीवन कैद, चाहता हूं । कि
काम कुछ, ऐसा करें । जयकार हो, चहुं ओर, ये ।श्रेष्ठ मानव, तुम ही हो । उज्जवल धरा, प्रकाश तुम ।सूर्य किरणों, की तरह । हर लो धरा का,तम तुम्हीं ।यूं तो, जगत में
दो युगल प्रेमी, प्रेम में डूबे, नजर आ रहे हैं । कुदरत की कारीगरी को, निहारते, नजर आ रहे हैं ।इन्हें दुनिया की बातों का ,कोई फ़र्क नहीं । ये तो अपने प्रेम में, मतवाले, न
अनगिनत कलियां, खिल उठीं, इस जहां में । प्रेम का संदेश दे गयीं, इस जहां में ।प्रेम से मिलजुल, रहने में भलाई है । एकता से ये, दुनिया हमेशा, जीत पायी है ।तित