" प्रभास तुम्हें इतना उदास और परेशान नहीं होना चाहिए जिंदगी में उतार चढाव तो आते ही रहते हैं ऐसी स्थिति हमें हमारे साहस और अपनो की पहचान कराते हैं। सामने उन फूलों को देखो कैसे मुस्कुराते हुए अपनी खुशबू से आस-पास के वातावरण और लोगों के मन को महका रहें हैं। इन्हें देखकर क्या तुम्हें ऐसा लग रहा है कि, अभी थोड़ी देर पहले आए तूफ़ान और बारिश का प्रभाव इन पर पड़ा है। नहीं न इन्हें देखकर कोई कह ही नहीं सकता की अभी थोड़ी देर पहले यह फ़ूल कितने बड़े संकट और तूफ़ान का सामना करते हुए उससे बाहर आए हैं।इनकी मुस्कुराहट और खुशबू को देखकर ऐसा लग रहा हैं जैसे इन पर कोई मुसीबत आई ही नहीं है। जानते हो प्रभास ऐसा क्यों है?? क्योंकि यह फ़ूल जीवन जीने की कला को बखूबी जानते हैं और इनके मन की दृढ़ता, विश्वास और धैर्य इन्हें हर संटक को सहने की ताकत देता है। इन्हें यह भी पता है कि,संकट को देखकर घबराने से कुछ नहीं होगा उसका सामना करना होगा और उसे हरा कर आगे बढ़ना होगा।प्रभास हम मनुष्यों को भी इन फूलों और अन्य प्राकृतिक चीजों से धैर्य, और विश्वास के गुणों को सीखना चाहिए।जब यह नाज़ुक सा फूल इतने कठिनाइयों का सामना हंसते हुए कर सकता है तो हम मनुष्य क्यों नहीं कर सकते??इस फ़ूल के पौधे में दृढ़ता, धैर्य और विश्वास इसलिए भी हैं क्योंकि यह जाता है कि,इसकी जड़ें मजबूत हैं धरती माता ने इसको नीचे से पकड़ रखा है उनका थोड़ा सा ही सहारा इस फ़ूल के पौधे में विश्वास और धैर्य को बनाए हुए हैं।जब हमें किसी सच्चे साथी का सहारा मिल जाता है तो हम बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना आसानी से हंसते हुए कर सकते हैं। तुम्हारी नौकरी छूट गई है तो क्या हुआ मैं तो अभी नौकरी कर रहीं हूं मेरी नौकरी से घर चल रहा है अब तुम निश्चिंत होकर अपने लिए अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी ढूंढते रहो मुझे पूरा विश्वास कि तुम्हें मन चाही नौकरी मिल जाएगी मैं हमेशा आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहूंगी। तुम घर के खर्च की चिंता छोड़कर अपने लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास करो तुम्हारी मेहनत जल्दी ही रंग लाएगी।हमारे जीवन में फिर से खुशियों के फूल खिलेंगे और हमारे जीवन की बगिया में बहार आएगी।ईश्वर चाहेंगे तो अगला सावन हमारे जीवन को फूलों सा महका देगा" आरती ने प्रभास का हाथ अपने हाथ में पकड़कर बहुत प्यार और विश्वास के साथ कहा प्रभास जिसके चेहरे पर उदासी के बादल छाए हुए थे और वह खिड़की के बाहर शून्य में देख रहा था।
तभी फिर से बारिश शुरू हो गई फूलों पर बारिश की बूंदें गिरने लगी फ़ूल इधर-उधर खुशी से झूम रहें थे बारिश की बूंदों और फूलों को देखते हुए आरती ने कहा" प्रभास देखो फिर से बारिश शुरू हो गई है और फ़ूल उस बारिश का आनंद उठा रहे हैं आगे क्या होगा उसके बारे में नहीं सोच रहे हैं इस समय उन्हें क्या करना यह सोचकर खुश हैं इसी तरह तुम भी आगे क्या होगा इसके विषय में ज्यादा नहीं सोचो आज क्या करना है इस पर विचार करो"आरती की बात सुनकर प्रभास के चेहरे पर विश्वास की चमक दिखाई देने लगी उसने आरती का हाथ मजबूती से पकड़ लिया।बाहर अभी भी झूमकर बादल बरस रहे थे।
डॉ कंचन शुक्ला
स्वरचित मौलिक
20/7/2021