उस रात की कहानी
आज शाम से ही मूसलाधार बारिश हो रही थी बारिश के साथ साथ तेज़ हवाएं भी चल रहीं थीं रह-रह कर बिजली कड़क रही थी बारिश को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे आज प्रलय ही आ जाएगी।इस तूफानी बरसाती रात में प्रिया घर में अकेली ही थी उसके माता-पिता उसकी बहन की ससुराल गए थे उन लोगों को आज लौटना था पर बारिश और तूफ़ान के कारण उनका आना स्थगित हो गया था। इसलिए प्रिया इस भयानक बरसात की तूफ़ानी रात में अपने घर में अकेली ही थी।
प्रिया को बरसात का मौसम बहुत पसंद था जब भी बारिश होती वह छत पर जाकर बारिश में भीगती जरूर थी।आज भी उसका मन बारिश में भीगने को कर रहा था लेकिन आज बारिश का वेग तूफ़ान का रूप धारण कर चुका था और बिजली भी कड़क रही थी इसलिए प्रिया छत पर नहीं गई।
उसने सोचा की चलो आज कमरे में बैठकर कोई फिल्म ही देखी जाए यह विचार आते ही वह गुनगुनाते हुए हाल में आ गई। उसने टीवी चलाया लेकिन बारिश के कारण टीवी भी झिलमिला रहा था प्रिया यह देखकर पहले तो झल्ला उठी लेकिन कुछ सोचकर वह चैनल को इधर-उधर करने लगी तभी समाचार का एक चैनल साफ़ दिखाई दिया उसने सोचा चलो आज समाचार देखकर ही काम चलाया जाए।लेकिन समाचार सुनकर प्रिया की आंखों में दहशत दिखाई देने लगी उसका चेहरा भय से पीला पड़ गया समाचार में बता रहे थे की कुछ बदमाश बारिश से बचने का बहाना बनाकर घरों की बेल बजाकर पहले घर में आश्रय लेते हैं फिर उस घर में लूट-पाट करते हैं अगर घर में जवान लड़कियां हैं तो उनके साथ कुकर्म भी करते हैं उसके बाद उन सभी को गला घोंटकर मार डालते हैं।
समाचार वाचक शहर के लोगों को सावधान कर रहे थे कि कोई भी किसी अजनबी के कहने पर घर का दरवाजा नहीं खोले वरना उसके जान-माल को ख़तरा हो सकता है।समाचार सुनकर प्रिया के चेहरे पर भय की परछाई दिखाई देने लगी उसका दिल जोरों से धड़क रहा था तभी दरवाजे की घंटी बज उठी दरवाजे की घंटी की आवाज़ सुनकर प्रिया का पूरा शरीर कांप गया उसका चेहरा डर से पीला पड़ गया।वह चुपचाप डरी हुई कमरे में बैठी रही दरवाजे की घंटी बार बार बजती रही।
प्रिया डरते हुए दरवाजे के पास गई उसने दरवाज़े की जाली उठाकर देखा तो उसे बाहर एक लड़की दिखाई दी लड़की को बाहर खड़े देखकर प्रिया ने पूछा "कौन है"? बाहर से आवाज़ आई "प्लीज़ दरवाजा खोलिए मैं बहुत मुसीबत में हूं कुछ बदमाश मेरे पीछे पड़े हुए हैं मुझे बचा लीजिए" इतना कहकर वह रोने लगी।
प्रिया ने तुरंत दरवाजा खोला वह लड़की लड़खड़ाते हुए अंदर आई अन्दर आते ही वह बेहोश हो गई प्रिया ने जल्दी से दरवाजा बंद किया और लड़की को होश में लाने की कोशिश करने लगी।थोड़ी देर बाद लड़की होश में आ गई उसके चेहरे पर दहशत साफ़ दिखाई दे रही थी उसका पूरा शरीर भीगा हुआ था प्रिया ने उसको अपने कपड़े दिए फिर उसके लिए काफी बनाकर लाई।काफी पीने के बाद जब लड़की कुछ संयमित हुई
तो प्रिया ने पूछा " तुम कौन हो और इस तूफानी रात में बाहर कहां गई थी"?उस लड़की ने अपना नाम राधा बताया उसने कहा कि,वह कहीं बाहर नहीं गई थी वह इसी कालोनी की रहने वाली है उसने बताया की कुछ लोग बारिश से बचने के लिए मेरे घर में घुस आए उस समय भूल से मेरे घर का दरवाजा खुला हुआ था। मैं अपने अपने भैया के साथ यहां रहतीं हूं भैया अकसर टूर पर जाते रहते हैं आज मैं घर पर अकेली थी। वह चार लोग थे सभी के चेहरे नक़ाब था वह लोग घर को लूटने लगे उनमें से एक की आंखों में मुझे वहशीपन दिखाई दिया मेरे हाथ पैर कांपने लगे वह मेरी तरफ़ ही बढ़ रहा था तभी एक नकाबपोश अंदर से चिल्लाया वह मुझे छोड़कर अन्दर चला गया मुझे भागने का मौका मिल गया मैं दौड़कर बाहर निकल आई और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। फिर मैंने पुलिस को फोन किया वह लोग आते ही होंगे लेकिन मुझे डर था कि, कहीं वह लोग किसी तरह घर से बाहर निकलने में कामयाब न हो जाए पड़ोस के दो घरों में इस समय कोई नहीं है इसलिए मुझे भागकर आपके घर तक आना पड़ा" यह सब बताते हुए राधा के चेहरे और आंखों में भय की परछाई दिखाई दे रही थी उसकी आंखों से आंसूओं की धाराएं बह रही थी बाहर का तूफ़ान अभी थमा नहीं था।राधा की बात सुनकर प्रिया भी डर गई पर तुरंत उसने स्वयं को संभाल लिया और पुलिस को फ़ोन किया इंस्पेक्टर ने बताया की वह लोग वहां पहुंचने वाले हैं।
उनकी बात सुनकर प्रिया और राधा के चेहरे से डर कुछ कम हुआ तभी दरवाजे पर दस्तक हुई प्रिया ने बाहर झांककर देखा तो वहां पुलिस खड़ी हुई थी प्रिया ने दरवाजा खोला।राधा ने पुलिस वालों को बताया कि, कैसे वह उन बदमाशों को घर में बंद कर यहां भागकर आ गई थी।पुलिस वालों ने राधा के घर में जाकर उन बदमाशों को गिरफ्तार किया।
उन बदमाशों ने पूरे शहर में आतंक मचा रखा था राधा की बहादुरी और सतर्कता ने आज उन कुख्यात बदमाशों को पुलिस की गिरफ्त तक पहुंचा दिया था अब तक बरसात बंद है गई थी
आज बरसात की इस भयानक तूफानी रात ने पूरे शहर में फैलें आंतक को समाप्त कर दिया।
बदमाशों की गिरफ्तारी की घटना आग की तरह पूरे शहर में फ़ैल गई सभी लोग राधा और प्रिया की बहादुरी की तारीफ कर रहे थे।जब मीडिया वाले प्रिया और राधा का इंटरव्यू देते हुए प्रिया की तारीफ करने लगे तो प्रिया ने बताया कि,यह बहादुरी का काम मैंने नहीं राधा ने किया है मैंने तो इंसानियत के नाते राधा की मदद करने के लिए घर का दरवाजा खोला था।
प्रिया की बात सुनकर पुलिस कमिश्नर ने हंसते हुए गर्व से कहा " तुम ठीक कह रही हो पर यदि तुमने राधा की मदद न की होती तो राधा की जान भी जा सकती थी क्योंकि यदि इस तूफानी बरसात की रात में राधा पूरी रात बाहर रहती तो एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फंस सकती थी। तुम दोनों लड़कियों ने बहुत ही बहादुरी का कार्य किया है और लोगों को यह संदेश की दिया की मुसीबत के समय घबराना नहीं चाहिए बल्कि उस मुसीबत से निकलने का प्रयास करना चाहिए तुम जैसी बहादुर लड़कियों पर पूरे देश को गर्व है"
पुलिस कमिश्नर की बात सुनकर वहां खड़े सभी लोगों ने प्रिया और राधा का ताली बजाकर सम्मान किया।
डॉ कंचन शुक्ला
स्वरचित मौलिक
5/7/2021